Fixed Deposit : आजकल एफडी सुरक्षित निवेश का जरिया बन गया है। कम निवेश से कम समय में अधिक रिटर्न के लिए बहुत से लोग एफडी में निवेश (FD investment) करते हैं। यह निवेश करते समय आप इन 5 बातों का ध्यान रखेंगे तो और अधिक फायदा ले सकते हैं। अक्सर इन बातों को बैंक (bank FD rules) वाले भी नहीं बताएंगे।
अपना भविष्य सुरक्षित करने के लिए एफडी में निवेश एक बेहतर ऑप्शन है। एफडी (FD news) कराने से पहले ग्राहक को कई बातों का ध्यान रखना जरूरी है, ताकि एफडी (high return FDs) से अधिक से अधिक फायदा लिया जा सके। इन बातों की अनदेखी करने पर आपको फायदे की जगह नुकसान भी हो सकता है। बैंक में एफडी (bank FD ke fayde) कराने के लिए जाने पर बैंक वाले भी इन बातों को ग्राहक से साझा नहीं करते। आइये एक एक करके जानते हैं क्या हैं ये खास बातें।
1. FD से अर्जित ब्याज पर देना पड़ता है टैक्स-
इस बारे में कम ही लोग जानते हैं कि एफडी से अर्जित ब्याज (FD interest rates) की रकम पर टैक्स भी देना पड़ता है। एक निश्चित ब्याज राशि से अधिक रकम आप ब्याज के रूप में पाते हैं तो आपको टैक्स (Tax on FD return) देना पड़ेगा। इस स्थिति को देखते हुए आप एफडी (FD ke nuksan) के अलावा निवेश के किसी और ऑप्शन पर विचार कर सकते हैं जिसमें हासिल किए गए ब्याज पर टैक्स न देना पड़े।
2. बैंक डूब जाए तो जमा रकम का क्या होगा? –
बैंक वाले ग्राहक को अक्सर यह नहीं बताते कि बैंक (bank collapse rules) डूब जाए तो उनकी एफडी का क्या होगा। न ही ग्राहक इस बारे में पूछते हैं। अगर एफडी 5 लाख (FD insurance amount) से ज्यादा की है तो बैंक डूबने पर आपको नुकसान हो सकता है, क्योंकि बैंक 5 लाख तक की रकम ही वापस देते हैं, बेशक सेविंग अकाउंट (saving account) में भी रकम जमा हो। बैंक बंद होने या डिफॉल्टर होने पर भी इतनी ही रकम ग्राहक को मिलती है। एफडी (FD new rules) 5 लाख से कम है तो वह पूरी राशि ग्राहक को लौटा दी जाती है।
3. एफडी की अवधि को लेकर यह रखें ध्यान –
लंबी अवधि वाली एफडी (FD ke nuksan) कई बार इसलिए अधिक फायदेमंद नहीं होती, क्योंकि ग्राहक को कई बार पैसों की जरूरत पड़ जाए और एफडी तुड़वानी पड़े तो पेनेल्टी (penalty on FD) देनी पड़ती है। छोटी अवधि वाली एफडी में कम ही चांसेज में इसे तुड़वाने की नौबत आती है।
4. एफडी तुड़वाने पर ब्याज की कटौती-
अक्सर बैंक में एफडी (FD ke fayde) कराते समय इस बात पर भी जिक्र नहीं होता कि इसे तुड़वाने पर पेनेल्टी कितनी लगेगी। इसे तय अवधि से पहले तुड़वाने पर बैंक ग्राहक को एफडी (FD penalty rules) पर दिए जाने वाले ब्याज से कटौती करते हैं। यह कटौती एफडी ब्रेक करने पर पेनेल्टी (penalty on FD breaking) के रूप में होती है। आमतौर पर यह आधा से लेकर 1 प्रतिशत तक होती है। हालांकि इसे लेकर बैंकों के नियम अलग भी हो सकते हैं।
5. अन्य निवेश विकल्पों के ब्याज की रखें जानकारी-
एफडी में निवेश (FD investment tips) करते समय यह भी ध्यान रखें कि मार्केट में और कौन से निवेश के खास विकल्प हैं, जिनमें एफडी से भी अधिक ब्याज मिल सकता है। समय समय पर अलग अलग निवेशों की ब्याज दरें (Interest rate on FD) घटती बढ़ती रहती हैं। इसलिए आप इन पर नजर बनाए रखें। जहां अधिक ब्याज हासिल हो, वहां निवेश कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड (mutual funds) में कई बार 12 से 20 प्रतिशत सालाना रिटर्न भी मिल जाता है।