Property Knowledge : आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर इंसान की चाहत है कि उसका अपना खुद का एक घर हो जहां वह पूरे दिन की थकान के बाद कुछ सुकून के पल बिता सके। ऐसे में अगर आप भी अपना खुद का फ्लैट खरीदने की तैयारी कर रहे हैं, तो ध्यान रखें कि महज इंटीरियर और लोकेशन देखकर फैसला लेना सही नहीं है। अगर आप अपना मनपसंद घर बनाना चाह रहे हैं, तो उसके इंटीरियर और लोकेशन के अलावा ऐसे कई चीजे हैं जो आपको ध्यान में रखना चाहिए। जिससे आपको भविष्य में किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। एक अच्छे घर के लिए जितना जरूरी उसका इंटीरियर और लोकेशन है, उतना ही जरूरी उस प्रॉपर्टी की सही डॉक्यूमेंट और उनकी जांच करना भी है।
वर्तमान समय में अपने बिजी शेड्यूल के चलते कुछ लोग घर खरीदने में कोताही बरतते है और बिना सोचे समझे बिना पूरी तहकीकात किए अपने लाखों रुपये की मेहनत की कमाई उस पर लगा देते हैं। ऐसे में अगर आप अधूरे या गलत कागजात की वजह से किसी कानूनी दिक्कत का सामना करते हैं, तो हमारा यह आर्टिकल आपको ऐसी परिस्थितियों में पड़ने से बचा सकता है।
आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि अगर आप अपना खुद का फ्लैट खरीदने जा रहे हैं तो कौन-कौन से दस्तावेज आपके लिए जरूरी हैं। अगर आप चाहते हैं की प्रॉपर्टी खरीदते समय आपके साथ किसी भी प्रकार की धांधलेबाजी ना हो तो इन जरूरी दस्तावेजों को अपने लिस्ट में जरूर शामिल करें।
Sale Deed (बिक्री विलेख)
कोई भी इंसान जब अपना घर खरीदना चाहता है तो वह एक अच्छी लोकेशन और अच्छा इंटीरियर तो देखता ही है। उसके साथ यह कुछ ऐसे कागजात है जो आपको सबसे पहले ध्यान में रखने चाहिए। अगर आप अपना नया घर या फ्लैट खरीद रहे हैं तो आपको उसकी बिक्री विलेख यानी (Sale Deed) जैसे कागजात के बारे में जरूर जानकारी होनी चाहिए।
अगर आप कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने जा रहे हैं तो आपको Sale Deed यानी बिक्री विलेख का ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि यही वह कागजात है जिसके माध्यम से आपको पता चलता है कि कानूनी रूप से वह संपत्ति आपके नाम ट्रांसफर हुई है या नहीं। सेल डीड खरीदने वाले और बेचने वाले के बीच हुए समझौते का आधिकारिक प्रमाण होता है।
प्रॉपर्टी खरीदते हुए यह ध्यान जरूर रखें की सेल डीड पूरी तरह से रजिस्टर्ड (property registry) होनी चाहिए और आपके नाम पर होनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो भविष्य में प्रॉपर्टी बेचने और ट्रांसफर करते समय आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
Mother Deed (मदर डीड)
अगर आप अपनी प्रॉपर्टी का मालिकाना इतिहास देखना चाहते हैं तो उसके लिए (mother deed) मदर डीड की आवश्यकता पड़ती है। ऐसे में मदर डीड के जरिए आप जान सकते हैं कि आपसे पहले इस प्रॉपर्टी का मालिक कौन-कौन रहा है। अगर आप होम लोन लेना चाहते हैं तो उसके लिए बैंक में यह दस्तावेज भी जरूरी माना जाता है।मदर डीड बनवाने के लिए आप तहसील या फिर भूलेख कार्यालय में अपने दस्तावेज दे सकते हैं।
Purchase and sale agreement (खरीद और बिक्री एग्रीमेंट)
अगर आप अपनी प्रॉपर्टी को लेकर किसी भी कानूनी दाव पेज में नहीं फंसना चाहते हैं, तो बिक्री और खरीद समझौते का विशेष ध्यान रखें। Sale and purchase agreement खरीदार और विक्रेता के बीच की सभी शर्तों को कानूनी रिकॉर्ड के तौर पर रखता है। इस एग्रीमेंट में खरीदार और विक्रेता के बीच की सभी शर्तें उसकी प्रॉपर्टी की कीमत और भुगतान की जानकारी दी हुई होती है। इसमें सभी चीजों की तैयारी की तारीख भी मेंशन होती हैं। यह जरूरी कागजात दोनों पक्षों की सुरक्षा के लिए जरूरी माना जाता है।
Building approval plan (भवन अनुमोदन प्लान)
अगर आप चाहते हैं कि भविष्य में आपकी बिल्डिंग को लेकर कोई सवाल पैदा ना हो तो इसके लिए भवन अनुमोदन प्लान यानी बिल्डिंग अप्रूवल प्लान बहुत ही ज्यादा जरूरी है। यह प्लान इस बात का प्रमाण है कि बिल्डर को निर्माण की सभी जरूरी सरकारी अनुमति मिली हुई हैं। ऐसे में आपके भवन निर्माण पर कोई उंगली नहीं उठा सकता है। इसके जरिए पता चलता है कि आपकी यह प्रॉपर्टी का निर्माण स्थानीय प्राधिकरण और RAR के नियमों के मुताबिक बनाया गया है। अगर आप यह सब अनुमति नहीं लेते हैं तो माना जा सकता है कि आपका भवन अवैध है। इसलिए हमेशा ध्यान रखें कि RAR रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट्स में ही आप अपने पैसे लगाए।
Completion and occupancy certificate
(पूर्णता प्रमाण पत्र अधिभोग प्रमाण पत्र )
आज के समय में भवन निर्माण के समय किसी भी प्रकार की कोई चूक नहीं होनी। ऐसे में अगर आपके पास यह प्रमाण पत्र है, तो इससे पता चलता है कि जो आपकी बिल्डिंग का निर्माण हुआ है वह निर्माण के बाद जांची जा चुकी है और उसे रहने के लिए सही माना गया है। अगर आपके पास यह प्रमाण पत्र नहीं है तो आपको बिजली, पानी और नगर निगम की कई प्रकार की सेवाएं नहीं मिलेंगी।
अगर आपके बिल्डर ने यह सर्टिफिकेट नहीं लिया है, तो आप स्वयं जाकर नगर प्राधिकरण में आवेदन कर सकते हैं और यह प्रमाण पत्र ले सकते हैं। अगर आपके पास यह प्रमाण पत्र नहीं है और आप घर खरीदने हैं तो कानून रूप से यह काफी गलत है।
Possession letter (कब्जा पत्र)
प्रॉपर्टी खरीदते समय यह हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि आपको प्रॉपर्टी का कब्जा कब मिला है। कब्जा पत्र यानी प्रोसेशन लेटर वह कागज है जिसके जरिए यह पता चलता है कि खरीददार को संपत्ति का कब्जा किस समय दिया गया है। यह सर्टिफिकेट बिल्डर कंप्लीशन सर्टिफिकेट मिलने के बाद जारी किया जाता है। हैंडओवर प्रक्रिया के दौरान यह एक जरूरी कागजात माना जाता है।
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
अगर आप भविष्य में या कभी भी अपना खुद का भवन खरीदना चाहते हैं तो उससे जुड़े सभी कागजात की कानूनी जांच किसी वकील से जरूर कराएं। आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि आपके प्रोजेक्ट की रजिस्ट्री होनी जरूरी है। इसके अलावा सभी पेमेंट बैंक ट्रांजैक्शन या ऑनलाइन मोड़ से ही करें। अधिकार प्रमाण पत्र और टैक्स रिसिप्ट की जांच एक बार जरूर कर लें। ऐसे में संपत्ति पर कोई भी कर बकाया नहीं होना चाहिए। फ्लैट खरीदते समय अपनी सभी कानूनी जिम्मेदारियां का ध्यान अवश्य रखें।
अगर आप कोई भी प्रॉपर्टी उसके पूरे डॉक्यूमेंट के साथ खरीदने हैं तो भविष्य में आपको किसी भी तरीके की परेशानी नहीं होगी। इसीलिए अगर आप पहली बार घर खरीदने जा रहे हैं तो हमारे द्वारा बताए गए इन सभी डाक्यूमेंट्स के बारे में अच्छे से समझे और अपनी प्रॉपर्टी खरीदते समय उन डॉक्यूमेंट की मांग जरूर करें।
