Four Lane Highway: मध्य प्रदेश के दमोह और सागर जिले के लोगों के लिए खुशखबरी है। सरकार ने दमोह-सागर रोड को फोरलेन (Damoh-Sagar Four lane highway) बनाने की मंजूरी दे दी है। स्टेट लेवल इंपावर्ड कमेटी (एसएलईसी) की हरी झंडी मिलने के बाद अब इस परियोजना को कैबिनेट की स्वीकृति का इंतजार है। जैसे ही कैबिनेट की मंजूरी मिलेगी, टेंडर प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और उम्मीद की जा रही है कि इस साल के अंत तक निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएगा।
परियोजना पर 2,196 करोड़ रुपये का निवेश
इस फोरलेन सड़क परियोजना की कुल लंबाई 76.83 किलोमीटर होगी और इसे 2,196 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया जाएगा। सड़क के चौड़ीकरण से दमोह और सागर के बीच सफर आसान और तेज हो जाएगा, जिससे यात्रियों को काफी सुविधा मिलेगी। वर्तमान में यह सफर करीब दो घंटे में पूरा होता है, लेकिन फोरलेन बनने के बाद यह दूरी मात्र एक घंटे में तय की जा सकेगी।
चार प्रमुख बायपास होंगे शामिल
इस फोरलेन सड़क के निर्माण के दौरान चार प्रमुख बायपास भी बनाए जाएंगे। ये बायपास पारसोरिया, गढ़ाकोटा, रोन और बांसा जैसे आवासीय क्षेत्रों से होकर गुजरेंगे। इन क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलने से आसपास के गांवों और कस्बों का भी विकास होगा। साथ ही, बायपास बनने से ट्रैफिक का दबाव कम होगा और मुख्य मार्गों पर जाम की समस्या दूर होगी।
परियोजना के प्रमुख बिंदु
- सड़क की चौड़ाई: 45 मीटर होगी, जिससे भारी वाहनों की आवाजाही भी सुचारू रूप से हो सकेगी।
- यात्रा समय में कमी: अभी दमोह से सागर तक का सफर दो घंटे में पूरा होता है, लेकिन फोरलेन बनने के बाद यह सफर सिर्फ एक घंटे में पूरा हो जाएगा।
- निर्माण मॉडल: यह सड़क हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (HAM) के तहत बनाई जाएगी।
- वित्तीय प्रबंधन: परियोजना का 40% खर्च अग्रिम रूप से एमपीआरडीसी (MPRDC) वहन करेगा, जबकि शेष 60% राशि राज्य सरकार द्वारा 15 वर्षों तक एन्युटी भुगतान के रूप में दी जाएगी।
एसएच-63 का होगा अपग्रेडेशन
इस सड़क को स्टेट हाईवे 63 (SH-63) के अपग्रेडेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके तहत सागर जिले के बहेरिया से लेकर दमोह जिले के मारुताल बायपास तक इस हाईवे का चौड़ीकरण और उन्नयन किया जाएगा। इसके परिणामस्वरूप आसपास के गांवों और कस्बों को भी तेज और सुरक्षित परिवहन सुविधा मिलेगी, जिससे पूरे क्षेत्र का सामाजिक और आर्थिक विकास होगा।
कैबिनेट से मंजूरी के बाद शुरू होगी टेंडर प्रक्रिया
फिलहाल इस परियोजना को एसएलईसी की मंजूरी मिल चुकी है और अब इसे कैबिनेट की स्वीकृति के लिए भेजा गया है। मुख्यमंत्री ने पहले ही इस परियोजना को मंजूरी का संकेत दिया है। जैसे ही कैबिनेट की मंजूरी मिलेगी, टेंडर प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। अनुमान है कि टेंडर प्रक्रिया चार महीनों के भीतर पूरी हो जाएगी और यदि सब कुछ योजना के अनुसार चला, तो नवंबर-दिसंबर तक सड़क निर्माण का कार्य भी आरंभ हो जाएगा।
एमपीआरडीसी सागर के जीएम नितिन वार्वे ने बताया कि “सागर-दमोह रोड को फोरलेन किया जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही टेंडर जारी किया जाएगा और उम्मीद है कि इस साल के अंत तक निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।”
इस परियोजना के लाभ
दमोह-सागर फोरलेन सड़क परियोजना से क्षेत्र के लोगों को कई लाभ होंगे:
- तेज और सुरक्षित सफर: फोरलेन बनने के बाद यात्रा का समय घट जाएगा और सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी।
- आर्थिक विकास: इस हाईवे से जुड़े गांवों और कस्बों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे उनका व्यापार और आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी।
- परिवहन सुविधा में सुधार: हाईवे पर ट्रैफिक की समस्या दूर होगी, जिससे यात्रियों को आरामदायक सफर का अनुभव मिलेगा।
- शहरी और ग्रामीण इलाकों का संतुलित विकास: नई सड़क के जरिए ग्रामीण इलाकों को भी शहरों से जोड़ा जाएगा, जिससे इन क्षेत्रों में नए उद्योग और व्यवसायों की संभावनाएं बढ़ेंगी।
- रोजगार के नए अवसर: इस परियोजना के दौरान निर्माण कार्यों में स्थानीय श्रमिकों को काम मिलेगा, जिससे क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा होंगे।