राजस्थान सरकार ने हाई कोर्ट और केन्द्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रदेश में संचालित खाद्य सुरक्षा योजना में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं. खाद्य मंत्री सुमित गोदारा ने योजना में शामिल अपात्र लाभार्थियों की बड़ी संख्या को चिह्नित करने की जानकारी दी है. इसके अंतर्गत ट्रैक्टर और निजी कॉमर्शियल वाहनों को छोड़कर चौपहिया वाहन मालिकों और आयकर रिटर्न भरने वाले व्यक्तियों को योजना से बाहर करने का निर्णय लिया गया है.
ई-केवाईसी अनिवार्यता और लाभार्थियों पर असर
राजस्थान सरकार ने यह भी बताया कि योजना में शामिल प्रत्येक लाभार्थी के लिए ई-केवाईसी कराना अनिवार्य होगा. आयकर विभाग से लाभार्थियों की सूची मांगी गई है ताकि अपात्र व्यक्तियों को छांटा जा सके. योजना में अब तक 4 करोड़ 43 लाख लाभार्थियों के नाम जुड़े हुए हैं, जिनमें से 82 लाख 55 हजार ने अभी तक ई-केवाईसी नहीं कराई है. 31 अक्टूबर तक यदि ई-केवाईसी पूरी नहीं की जाती है तो लाभार्थी का नाम योजना से हटा दिया जाएगा और उन्हें 1 नवंबर से राशन का गेहूं नहीं मिलेगा.
स्थानीय स्तर पर समिति गठन और नाम जोड़ने की प्रक्रिया
राजस्थान सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि जिन लाभार्थियों का नाम योजना से हटा दिया जाएगा, उनके लिए स्थानीय स्तर पर एक समिति बनाई जाएगी जिसमें स्कूल के प्राचार्य, पटवारी, और ग्राम सेवक शामिल होंगे. इस समिति की अनुशंसा पर ही खाद्य सुरक्षा सूची में नाम फिर से जोड़ा जाएगा. इस पहल से योजना की पारदर्शिता और दक्षता में वृद्धि होने की उम्मीद है, जिससे कि वास्तव में योग्य लाभार्थियों तक ही योजना का लाभ पहुंचे.