Gajender Phogat: हरियाणा में गानों पर लगातार विवाद जारी है, जिसमें गन कल्चर के गानों को डिलीट करने की मांग में सिंगर गजेंद्र फोगाट का नाम सामने आ रहा है। हालांकि, इसी बीच हरियाणा सरकार ने भी इस मामले में कड़ा एक्शन लिया है।
गजेंद्र फोगाट की विवादित नियुक्ति का मामला
गजेंद्र फोगाट, जो पहले मनोहर लाल खट्टर सरकार में ओएसडी के रूप में कार्यरत थे, वे नई सरकार में आधिकारिक नियुक्ति के बिना भी सिविल सचिवालय में कार्य कर रहे थे। उनके इस कदम से संबंधित विवाद ने और भी तूल पकड़ लिया है।
सरकार का कठोर कदम और सिंगरों का विरोध
जब इस विवाद की आँच सरकार तक पहुँची, तो सरकार ने फोगाट से दफ्तर खाली करवा लिया और उनके भविष्य में ओएसडी के रूप में नियुक्ति की संभावनाओं को भी समाप्त कर दिया। इस कदम से हरियाणवी सिंगरों में नाराजगी बढ़ गई और वे सरकार के खिलाफ आक्रामक हो उठे।
सोशल मीडिया पर बढ़ता विवाद और रॉकी मित्तल की प्रतिक्रिया
हरियाणवी गायक रॉकी मित्तल ने सोशल मीडिया पर गजेंद्र फोगाट के सचिवालय के कार्यालय में बिना किसी पद के कब्जा जमाए रहने को लेकर खूब उछाला। उन्होंने पूछा कि जब फोगाट किसी पद पर नहीं हैं, तो वे सचिवालय में क्यों बैठे हैं।
संगीत और राजनीति के बीच जारी घमासान
इस पूरे मामले ने न केवल हरियाणा की राजनीति में हलचल मचाई है, बल्कि संगीत जगत में भी एक नई बहस को जन्म दिया है। यह घटनाक्रम हरियाणवी संगीत और संस्कृति पर एक गहरी छाप छोड़ने वाला है, जिसमें कला और राजनीति के बीच की रेखाएं और भी स्पष्ट होती जा रही हैं।