Mandi Bhav Today: तेजी पर चल रहे गेहूं के दाम फिर से गिर गए हैं। अब गेहूं तो सस्ते रेट में बिकने ही लगा है, चावल की बिक्री (Wheat Rice Sale) भी सस्ते रेट में हो रही है। गेहूं और चावल के दामों (Wheat Rice Price) में गिरावट आने से मंडियों में हलचल कम हो गई है। आइये जानते हैं गेहूं-चावल के नए रेट।
गेहूं की कीमतों में अब तक उछाल देखने को मिल रहा था। अब अचानक गेहूं के दाम (gehu ka bhav) गिरने से यह सस्ते भाव में खरीदी जा रही है। इसके साथ ही चावल के दाम भी गिर गए हैं। अब लोगों को गेहूं और चावल सस्ते रेट में उपलब्ध हो सकेंगे। गेहूं-चावल के रेट (rice price today) गिरने से किसानों को जहां नुकसान हुआ है, वहीं आम उपभोक्ताओं को राहत मिली है।
OMSS के जरिये की जाएगी बिक्री-
गेहूं और चावल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने हाल ही में ओपन मार्केट सेल स्कीम (open market sale scheme) के जरिये सरकारी गोदामों से गेहूं, चावल और मोटे अनाज बेचने का फैसला किया है। सरकार ने साल 2025-26 के लिए गेहूं का रिजर्व प्राइस (wheat reserve price) 2,550 प्रति क्विंटल तय किया है, जो गेहूं के एमएसपी से 125 रुपये ऊपर है।
इतना तय किया गेहूं का रिजर्व प्राइस-
केंद्र सरकार ने गेहूं की बढ़ती कीमतों (wheat rate 18 july) पर लगाम कसने के लिए बाजार में गेहूं की खुली बिक्री के लिए FCI को निर्देश दे दिए हैं। पिछले साल गेहूं का रिजर्व प्राइस 2325 रुपये क्विंटल रखा गया था, जबकि इस बार अधिक है। इसका एक कारण यह भी है कि इस बार एमएसपी (wheat MSP) में 150 रुपये बढ़ौतरी की गई थी। हालांकि इसके बावजूद लोगों को बाजार रेट से कम भाव पर गेहूं मिल सकेगा।
आटे के दाम भी होंगे कम-
OMSS के जरिये सस्ता गेहूं संगठनों को बेचा जाएगा। इनमें नेफेड, एनसीसीएफ, केंद्रीय भंडार और सामुदायिक रसोई जैसे संगठन शामिल होंगे। ये संगठन इस गेहूं को ‘भारत’ ब्रांड आटा (bharat aata) तैयार करने के लिए करेंगी। यह स्टोरों के माध्यम से जनता तक सस्ते रेट में पहुंचाया जाएगा। इस हिसाब से आटा (wheat flour price) भी अब सस्ता हो जाएगा। ओएमएसएस के तहत 50 लाख टन तक गेहूं की बिक्री की जा सकती है
चावल के दाम भी तय किए-
सरकार की ओर से अब केंद्रीय सहकारी संस्थाओं को सस्ते रेट पर चावल उपलब्ध कराया जाएगा। गेहूं के आटे की तरह ही ‘भारत’ ब्रांड चावल (bharat brand price) बेचने के लिए 1 नवंबर से 2,480 रुपये प्रति क्विंटल के रिजर्व प्राइस पर चावल की बिक्री (rice selling scheme) की जाएगी। इसके अलावा इथेनॉल उत्पादन के लिए भी चावल बेचने का प्लान सरकार ने तैयार किया है।
टूटे चावल का इतना होगा रेट-
इस बार टूटे चावल की बिक्री भी ओएमएसएस (OMSS) के तहत की जाएगी। राइस मिलिंग स्कीम (Rice Milling Scheme) के तहत 10 प्रतिशत टूटे चावल को 3,090 रुपये और 25 प्रतिशत टूटे चावल (broken rice price) के लिए 2,829 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बेचा जाएगा। सामान्य रूप से टूटे चावल का रेट 2,320 रुपये क्विंटल तय किया गया है, इसकी बिक्री 1 नवंबर से होगी।