Gold Facts : भारत में सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं. मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) की नई रिपोर्ट के अनुसार, देश के घरों में रखा कुल सोना अब लगभग 3.8 ट्रिलियन डॉलर का हो गया है. यह चौंकाने वाला आंकड़ा भारत की कुल जीडीपी (GDP) के 88.8% के बराबर है-
भारत में सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं. मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) की नई रिपोर्ट के अनुसार, देश के घरों में रखा कुल सोना अब लगभग 3.8 ट्रिलियन डॉलर का हो गया है. यह चौंकाने वाला आंकड़ा भारत की कुल जीडीपी (GDP) के 88.8% के बराबर है, जो सोने की सांस्कृतिक और वित्तीय महत्ता को दर्शाता है.
रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय परिवारों के पास मौजूद सोने की वैल्यू इस साल रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. सोने की कीमतें अब 1.27 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक जा चुकी हैं, जो इस साल 61 फीसदी की तेजी दिखाती हैं.
सोने में बढ़त क्यों हुई-
सोने की बढ़ती कीमतों (rising prices of gold) के पीछे कई वजहें हैं. इन कारणों में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें, डॉलर की कमजोरी, केंद्रीय बैंकों की जबरदस्त खरीदारी और ग्लोबल जियो-पॉलिटिकल टेंशन शामिल हैं.
गोल्ड रिजर्व अब 880 टन तक पहुंचा-
आरबीआई (Reserve Bank of India) ने भी पिछले साल से अब तक 75 टन सोना खरीदा है, जिससे देश का कुल गोल्ड रिजर्व अब 880 टन (विदेशी मुद्रा भंडार का 14 फीसदी) तक पहुंच गया है.
घर की सेविंग्स में भी बड़ा बदलाव-
मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय परिवारों का निवेश पैटर्न बदल रहा है. अब उनका रुझान पारंपरिक बचत से हटकर इक्विटी और सोने की तरफ हो गया है. महामारी से पहले केवल 4% रहा इक्विटी निवेश 15.1% तक पहुंच गया है. वहीं, बैंक जमा का हिस्सा 46% से घटकर 35% रह गया है. यह बदलाव दर्शाता है कि भारतीय अब ट्रेडिशनल सेविंग (traditional saving) की जगह शेयर बाजार को अधिक प्राथमिकता दे रहे हैं.
सोने में 1979 के बाद की सबसे बड़ी रैली-
रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 में सोने की बढ़त 1979 के बाद की सबसे बड़ी रैली है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर ब्याज दरें और घटती हैं तो सोने की चमक आगे भी बरकरार रहेगी.