Gold Price Updates : पिछले कुछ समय में सोने के दामों में खूब इजाफा हुआ है। इस ताबड़तोड़ बढ़ात्तरी के बाद अब तक सोने के दाम 3 गुना बढ़ चुके हैं, जिससे सोना खरीददारो की चिंता बढ़ गई थी, लेकिन अब सोने को लेकर एक बड़ी रिपोर्ट सामने आई है, जिसके मुताबिक आने वाले समय में सोने के दामों (Gold Price Updates)में बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है। आइए जानते हैं कि सोने के दामों में कितनी गिरावट आ सकती है।
पिछले कुछ सालों में सोने के भाव में लगातार इजाफा हुआ था, लेकिन अब हाल ही में गोल्ड को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले समय में गोल्ड की कीमतों में अब अधिक तेजी नहीं देखने को मिलेगी।
आने वाले समय में सोने की कीमतों (Sone Ke Bhav) में गिरावट देखने को मिलने वाली है। आइए खबर के माध्यम से जाने हैं कि सोने के दाम कितने गिर सकते हैं।
अब तक कितनी बढ़ी सोने की कीमतें
इससे पहले 2019 में भारत में सोने की कीमत (Sone Ke Rate)तकरीबन 30,000 प्रति 10 ग्राम के आस-पास चल रही थी, जो अब जुलाई 2025 तक बढ़कर 1 लाख रुपये के पार पहुंच गई है।
यानी देखा जाए तो इस 6 साल की अवधि में सोने ने 200 प्रतिशत से ज्यादा रिटर्न (Gold Return)दिया। आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले 6 सालों में सोने की कीमतें तीन गुना बढ़ी है। दरअसल, बता दें कि MOFSL ने शुरुआत से ही बुलिश (Bullish) नजरिया बनाए रखा।
इस वजह से हर तिमाही और सालाना रिपोर्ट में सोने के प्राइस टारगेट्स लगातार अपग्रेड किए, जो हर बार काफी हद तक कीमतों (Sone Ke Bhav) से मेल खाए या उससे ऊपर ट्रेड करते दिखाई दिए।
क्या रहा सोने को लेकर 2024 का टारगेट
पिछले साल एक कंपनी की रिपोर्ट ने 98,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक के स्तर का अनुमान लगाया था, जो उसके 1.02 रुपये लाख के टारगेट के करीब पहुंच गया है।
कंपनी का मानना है कि अब सोने (Gold Rate )की मौजूदा कीमतों में बहुत कुछ पहले से ही शामिल है और सोने की कीमत में आगे तेजी के लिए किसी बड़े और नए ट्रिगर की जरूरत हो सकती है।
सोने की कीमतों (Sone Ke Bhav) के बारे में एक्सपर्ट का कहना है कि सोने को लेकर अब हमे ज्यादा स्पष्टता का इंतजार करना चाहिए या किसी निर्णायक ट्रिगर का, जो गोल्ड की कीमतों (Sone Ke Rate)को फिर से पुश करे। तब तक सोने की कीमतों में ठहराव का दौर बना रहेगा।
किन कारणों में थमी सोने में तेजी
कंपनी की रिपोर्ट के मुताबिक सोने की कीमतों (Sone Ke Damm)में तेजी थमने के पीछे कई कारण बताए गए हैं। आइए खबर में जानते हैं इन प्रमुख कारणों के बारे में।
जियोपॉलिटिकल टेंशन
दरअसल, पहले तो यह बता दें कि इजरायल-ईरान (Israel-Iran) और रूस-यूक्रेन (Russia-Ukraine) जैसे संघर्षों से जुड़ा जोखिम पहले से ही सोने की कीमतों में गिन लिया गया है, जिसके चलते सोने के बढ़ते रेट अब थम गए हैं।
टैरिफ वॉर में आई कमी
इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ (President Donald Trump’s tariffs) विवाद कम हो गए हैं, जिससे बाजार में सोने की कीमतों में लगातार स्थिरता आ रही है।
ब्याज दरों में कम हुई कटौती
ब्याज दर में कटौती (interest rate cut) के चलते सोने की कीमत में तेजी आती है। लेकिन, फिलहाल कटौती टल गई है और जिससे कीमतों को मिलने वाला शॉर्ट टर्म सपोर्ट फिलहाल दिखाई नहीं पड़ रहा है।
केंद्रीय बैंकों की खरीदारी धीमी
भले ही अभी भी भारत और चीन समेत दुनियाभर के सेंट्रल बैंक सोने में निवेश (Investing in Central Bank Gold)कर रहे हैं, लेकिन फिर भी सोन में पहले जैसी तेजी नहीं दिख रही है।
डॉलर इंडेक्स का सोने पर असर
इसके साथ ही डॉलर इंडेक्स (Dollar Index) में गिरावट और डी-डॉलराइजेशन (De-dollarisation) के ट्रेंड का असर अब सोने के भाव में पहले से ही शामिल है। पिछले कुछ समय से सोने की कीमतें ऊंचे स्तर पर हैं, जिससे सर्राफा बाजार में थकावट के संकेत मिल रहे हैं।
क्या रहा है सोने का इतिहास
एक्सपर्ट का कहना है कि आंकड़ों के मुताबिक पिछले 25 साल में COMEX गोल्ड (COMEX Gold Rate)ने एक भी साल में 32 प्रतिशत से ज्यादा रिटर्न (Gold Return)नहीं दिया है। लेकिन मौजूदा तेजी में यह आंकड़ा पहले ही 30 प्रतिशत पार कर गया है। इससे यही अनुमान लग रहे हैं कि सोने में अब तेजी की गति थम सकती है। ( 23 july gold price )