Gold Price Prediction : सोना और चांदी की कीमतों में रिकॉर्ड तोड़ तेज़ी को एक बड़ा अलर्ट जारी किया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले महीनों में सोने और चांदी की कीमतों में 50% तक की भारी गिरावट आ सकती है. ऐसे में निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी है, क्योंकि उनका मानना है कि वर्तमान रैली अपने अंतिम चरण में है-
सोना और चांदी की कीमतों में रिकॉर्ड तोड़ तेज़ी को लेकर PACE 360 के अमित गोयल ने एक बड़ा अलर्ट जारी किया है. उन्होंने इस तेज़ी को “एक बड़े रिफ्लेशनरी बबल” के समान बताया है. गोयल के अनुसार, आने वाले महीनों में सोने और चांदी की कीमतों में 30 से 50% तक की भारी गिरावट आ सकती है. उन्होंने निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी है, क्योंकि उनका मानना है कि वर्तमान रैली अपने अंतिम चरण में है. (gold price crash warning)
सोने-चांदी के निवेशकों को झटका लग सकता है.पिछले कुछ महीनों से सोना और चांदी दोनों ही रिकॉर्ड स्तरों पर पहुंच चुके हैं. सोना करीब $4,000 प्रति औंस और चांदी $50 के स्तर के आसपास कारोबार कर रही है. लेकिन अब दिल्ली की वेल्थ मैनेजमेंट कंपनी PACE 360 के को-फाउंडर अमित गोयल का कहना है कि ये तेजी ज्यादा दिन टिकने वाली नहीं है.
अमित गोयल का मानना है कि सोने और चांदी की वर्तमान तेज़ी एक “रिफ्लेशनरी बबल” के समान है जो जल्द ही फट सकती है. उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि पिछले 40 वर्षों में केवल दो बार ही ऐसा हुआ है जब इन कीमती धातुओं ने कमजोर डॉलर इंडेक्स के बावजूद इतना शानदार प्रदर्शन किया है, और दोनों ही बार इसके बाद बाज़ार में भारी गिरावट (करेक्शन) आई थी. (gold latest price)
गोयल के मुताबिक है कि इस बार भी कुछ ऐसा ही होगा पहले ये धातुएं अपने मनोवैज्ञानिक स्तर (गोल्ड $4,000 और सिल्वर $50) तक जाएंगी और फिर वहां से तेजी से बिकवाली शुरू होगी.
कितनी गिरावट की उम्मीद?
गोयल के अनुसार, अगले एक साल में सोने में 30-35% तक और चांदी में 50% तक की गिरावट आ सकती है. उन्होंने इस अनुमान के लिए 2007-08 और 2011 के समय को उदाहरण के तौर पर पेश किया, जब बड़ी तेजी के बाद इन कीमती धातुओं के दाम में भारी करेक्शन दर्ज किया गया था. (sone ke taaza daam)
गोयल के मुताबिक, सोना $2,600–$2,700 प्रति औंस तक फिसल सकता है.उन्होंने कहा, “उस स्तर पर जाकर ही सोना दोबारा सबसे बेहतरीन निवेश साबित होगा. लेकिन फिलहाल इसमें भारी जोखिम है.”
गोयल का कहना है कि अगले 2-3 साल में अमेरिका के नेतृत्व में ग्लोबल मंदी की संभावना है.इससे चांदी की इंडस्ट्रियल डिमांड (फोटावोल्टिक, सेमीकंडक्टर, EV सेक्टर) भी घट सकती है. यानी पहली बार एक दशक में चांदी की खपत कम होने के आसार हैं.
अमित गोयल के अनुसार, बाज़ार की मौजूदा रैली टिकाऊ नहीं है और पार्टी खत्म होने वाली है. वे थोड़े समय के लिए उछाल की संभावना मानते हैं. उनका साफ़ संदेश है कि लॉन्ग-टर्म निवेश (Long-Term Investment) का असली मौका तब बनेगा जब मौजूदा ऊंचे भाव करेक्शन के बाद निचले स्तरों पर स्थिर हो जाएंगे. उस समय गोल्ड एक बेहतरीन दांव साबित हो सकता है.
