Gold Rate Hike : सोने की कीमतों में पिछले कुछ दिनों से तेजी देखने को मिल रही है। ऐसे में अब एक बार फिर से सोने की कीमतों में गिरावट देखने को मिलेगी। इस बार 5-10 हजार नहीं बल्कि 36 हजार रुपये तक सोने की कीमत (gold prices) कम हो सकती है। ऐसे में जो भी लोग सोने की खरीदी करने का प्लान कर रहे थे, उनके लिए ये सोने की खरीदी करने का शानदार मौका हो सकता है।
सोने की कीमतों में आए दिन उतार चढ़ाव देखने को मिल जाता है। ऐसे में पिछले कुछ दिनों से सोने की कीमतों में लगातार तेजी देखने को मिल रही है। सोने की लगातार बढ़ती कीमतों की वजह से जो भी लोग सोने को खरीदने का प्लान कर रहे हैं उन्हें अभी सोने (gold prices in global market) की खरीदी करने के लिए थोड़ा रुकना होगा।
क्योंकि उम्मीद लगाई जा रही है कि आने वाले दिनों में सोने की कीमतों में गिरावट देखने को मिल सकती है। आने वाले दिनों में सोने की कीमत 36 हजार रुपये तक कम हो सकती है। खबर में जानिये सोने के रेटों के बारे में ताजा अपडेट।
सोने की बढ़ती कीमतों की वजह से निवेशकों को होगा लाभ-
एक्सपर्ट्स का मानना है कि सोने की कीमतों में अब तक की सबसे ज्यादा तेजी (gold price hike) देखने को मिल रही है। इसकी वजह से निवेशकों को काफी लाभ हो रहा है। हालांकि उपभोक्ताओं पर इसका बोझ काफी ज्यादा बढ़ रहा है। लेकिन, अगले कुछ महीने में सोने की कीमतों में तगड़ी गिरावट (gold price Down) देखने को मिल रही है। यह गिरावट 38 प्रतिशत से भी ज्यादा की होने का पुर्वानुमान है। ऐसा होता है तो ज्वैलरी खरीदने वालों को इसका काफी लाभ होगा। हालांकि निवेशकों को इसकी वजह से नुकसान होने की संभावना है।
सोने की कीमतों में आएगी गिरावट-
भारतीय बाजारों में 24 कैरेट सोने के रेट (gold rate today) लगभग 91,000 रुपये प्रति तोले के हिसाब से चल रहे हैं। वहीं ग्लोबल मार्केट में सोने के रेट 3,100 डॉलर प्रति औंस से ऊपर पहुंच गए है। उम्मीद लगाई जा रही है कि इसमें लगभग 40 प्रतिशत की संभावित गिरावट आती है तो भारत में इसकी कीमत (sone ki keemat) लगभग 55,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक होने की संभावना है। सोने की कीमतें ग्लोबल मार्केट में गिरकर 1,820 डॉलर प्रति औंस तक आने के आसार जताए जा रहे हैं। ये सोने की कीमतों में बड़ी गिरावट होने की उम्मीद है।
सोने की कीमतों में गिरावट आने की वजह-
सोने की कीमतों (reason of gold price hike) में उछाल आर्थिक अनिश्चितता, महंगाई की चिंताओं और भू-राजनीतिक तनावों के की वजह से बना हुआ है। निवेशकों ने सोने को एक सुरक्षित संपत्ति के रूप में चुना है। वहीं खासकर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) के कार्यकाल के दौरान शुरू हुए व्यापार युद्ध के बीच। अब ऐसे में कई फैक्टर हैं जो इन कीमतों को नीचे भी लेकर आ सकती है।
सोने की बढ़ती सप्लाई की वजह से कम हो सकती है कीमत-
सोने का उत्पादन काफी तेजी (gold prices in delhi) से बढ़ गया है। 2024 की दूसरी तिमाही में खनन से होने वाला मुनाफा लगभग 950 डॉलर प्रति औंस (gold prices in Ounce) तक पहुंचा जा सकता है। वैश्विक भंडार भी 9 प्रतिशत से बढ़कर 2,16,265 टन तक हो सकती है। इसमें ऑस्ट्रेलिया ने काफी उत्पादन बढ़ा दिया गया है। रीसाइकिल सोने की सप्लाई में भी तेजी देखी जा सकती है।
घट रही है सोने की डिमांड-
दुनियाभर के केंद्रीय बैंक जिन्होंने पिछले साल (gold price last year) 1,045 टन सोने की खरीदी करी थी। अब खरीदारी धीमी कर सकते हैं। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के एक सर्वे में पाया गया कि 71 प्रतिशत केंद्रीय बैंक अपने सोने के भंडार (Gold reserves) को कम करने या मौजूदा स्तर पर बनाए रखने की योजना को बनाया जा रहा है।
मार्केट सेचुरेशन की वजह से कम हो सकते हैं सोने के रेट-
साल 2024 में सोने के क्षेत्र में विलय और अधिग्रहण में 32 प्रतिशत तक की वृद्धि (gold price) देखी गई है। सोने की कीमत फिलहाल बाजार में पीक का संकेत है। इसके अलावा सोने-समर्थित ईटीएफ (Gold ETF) में वृद्धि उन पैटर्नों को दर्शाती है जो पिछले मूल्य सुधारों से पहले देखे गए थे।
बोफा-सॉक्स का दावा-बढ़ेगी कीमत
एक ओर कुछ एक्सपर्ट्स इस बात का भी दावा कर रहे कि सोने की कीमतों में भारी गिरावट (Gold price down) देखने को मिल रही है। दूसरी ओर बोफा और सॉक्स जैसे प्रमुख वित्तीय संस्थानों का मानना है कि सोने की कीमतों में तेजी इसी तरह से बनी रहेगी। बैंक ऑफ अमेरिका (Bank of America) का पुर्वानुमान लगाया जा रहा है कि अगले दो सालों में सोने की कीमत 3,500 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती है, जबकि गोल्डमैन सॉक्स की संभावना है कि 2025 के अंत तक सोने की कीमत 3,300 डॉलर प्रति औंस तक जा सकती है।