Gold rate : इस साल के शुरूआत से ही सोने की कीमतें में रिकॉर्ड तेजी देखने को मिल रहा है। सोना आम आदमी के बजट से बाहर हो चुका है। ऐसे में खरीदारों और निवेशकों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि आने वाले दिनों में सोना फिर 1 लाख रुपये के पार जाएगा या फिर 75 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम हो सकता है। इसपर एक्सपर्ट ने अपनी रिपोर्ट जारी की है। आईये नीचे खबर में जानते हैं –
सोने की कीमतों में पिछले काफी दिनों से उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है। पिछले कारोबारी दिन यानी शुक्रवार की बात करें तो सोने के भाव में गिरावट आई है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के मुताबिक 24 कैरेट (Gold Price) के 10 ग्राम सोने की कीमत 968 रुपए कम होकर 93,393 रुपए हो गई है।
वहीं, बीते महीने की 22 अप्रैल को 24 कैरेट सोना (Gold Rate Hike) 1 लाख रुपये के हाई स्तार पर जा पहुंचा था। इसके बाद इसमें बड़ी गिरावट आई है। इस सप्ताह सोने के भाव में 2,200 रुपए की गिरावट रिकॉर्ड की गई है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने की कीमतें (Gold Price) कम हुई है। अगस्त 2024 से अप्रैल 2025 तक सोने के भाव में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है। इस अवधि में सोना $1,000 प्रति औंस से महंगा होकर $3,500 प्रति औंस तक जा पहुंचा है। यानी सिर्फ 9 महीनों में सोने में 50 फीसदी की तेजी आई है। वहीं, इस महीने सोने के भाव ने पलटी मारी है।
वर्तमान समय में गोल्ड रेट (GOld Rate) $3,250 प्रति औंस के लगभग है, जो ऑल टाइम हाई से लगभग 7 प्रतिश्त नीचे है। ऐसे में खरीदारों और निवेशकों के मन में एक ही सवाल उठ रहा है कि आने वाले दिनों में सोना महंगा होगा या फिर सस्ता होगा।
एक्सपर्ट ने सोने की कीमतों को लेकर कई संभावनाएं जताई है परंतु इस सवाल का सटीक जवाब देना बहुत मुश्किल होगा कि आने वाले दिनों में सोना कितना महंगा या सस्ता होगा।
लेकिन, कुछ अहम आंकड़े ये संकेत जरूर दे रहें है कि सोने के दाम में आई यह गिरावट आगे चलकर बड़ी गिरावट का रूप ले सकती है। एक्सपर्ट का कहना है कि अभी के लिए सोने पर दबाव बना रह सकता है, लेकिन अगर वैश्विक व्यापार तनाव फिर से बढ़ता है या अमेरिकी अर्थव्यवस्था कमजोर होती है तो सोने के भाव (Sone Ka Bhav) रॉकेट की स्पीड से दौड़ सकते हैं।
गोल्ड-सिल्वर रेश्यो
गोल्ड-सिल्वर रेश्यो (Gold-Silver Ratio) वह अनुपात है, जिससे पता चलता है कि एक औंस सोना खरीदने के लिए कितनी चांदी चाहिए होगी. वर्तमान में यह रेश्यो 100:1 के स्तर पर पहुंच चुका है, क्योंकि सोना $3,250 और चांदी $32.5 पर पर ट्रेड कर रही है. पिछले तीस सालों में यह अनुपात करीब 70:1 रहा है. इसका मतलब है कि या तो चांदी की कीमतों (Silver Rate) में तेज उछाल आना चाहिए या फिर सोने की कीमतों में और गिरावट. फिलहाल चांदी में कोई बड़ी तेज़ी नहीं दिख रही. इससे संकेत मिलता है कि है कि सोने के दाम आगे और घट सकते हैं.
गोल्ड-प्लैटिनम रेश्यो
गोल्ड-प्लैटिनम रेश्यो (Gold-Platinum Ratio) भी सोने में गिरावट का ही संकेत दे रहा है. बीते दो दशकों में गोल्ड-प्लैटिनम रेश्यो अनुपात 1 से 2 के बीच रहा है, लेकिन अब यह करीब 3.5 पर पहुंच गया है. इससे यह साफ होता है कि सोने की कीमतें जरूरत से ज्यादा ऊपर जा चुकी हैं और इसमें करेक्शन होना लाजिमी है.
ट्रैरिफ वॉर के छंटे बादल –
2022-23 में वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव और केंद्रीय बैंकों द्वारा बड़े पैमाने पर सोने की खरीद के कारण सोने के भाव में रिकॉर्ड तेजी आई। फरवरी 2025 में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) द्वारा टैरिफ लगाने के ऐलान ने सोने की बढ़ती कीमतों को ओर स्पॉट किया।
लेकिन अब माहौल बदल चुका है। ट्रंप प्रशासन अब ज्यादा सुलझे हुए अंदाज़ में दूसरे देशों से व्यापार वार्ताएं करने की कोशिश कर रहा है। यही नहीं चीन भी अमेरिका के साथ टैरिफ (Tariff War) के मुद्दे पर बातचीत को तैयार होने का संकेत दिया है। इसी वजह से अब निवेशक अब सोने से निकलकर इक्विटी और औद्योगिक कमोडिटीज की ओर रुख कर रहे हैं। अमेरिकी डॉलर आई मजूबती से भी सोने की मांग पर असर पड़ा है।