Gold Rate : हमारे देश में परंपरागत कारणों से सोने की खरीदारी का चलन रहा है, लेकिन अब यह निवेश के उद्देश्य से भी लोकप्रिय हो रहा है। इस साल सोने ने निवेशकों को उम्मीद से कहीं ज़्यादा रिटर्न दिया है, जिससे इसकी महत्ता और भी बढ़ गई है… इस बीच सोने को लेकर सबसे बड़ी भविष्यवाणी की गई है कि 2026 में इसकी कीमत इतनी होगी-
हमारे देश में परंपरागत कारणों से सोने की खरीदारी का चलन रहा है, लेकिन अब यह निवेश के उद्देश्य से भी लोकप्रिय हो रहा है। सोने को हमेशा से ही एक सुरक्षित निवेश माना जाता रहा है। इस साल सोने ने निवेशकों को उम्मीद से कहीं ज़्यादा रिटर्न दिया है, जिससे इसकी महत्ता और भी बढ़ गई है।
इसकी वजह ये भी है इस साल विश्व अस्थिरता चलती रही। जिससे निवेशकों के मन में भी बेचैनी बनी रही। वहीं अप्रैल के बीच ट्रंप टैरिफ के खतरे ने 24 कैरेट सोने का भाव 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंचा दिया। सोना दिवाली के बाद भी चर्चा का विषय बना हुआ है।
ऐसा इसलिए है कि क्योंकि शादी का सीजन नजदीक है और ऐसे में लोग इसे खरीदने की चाह रख रहे हैं। इस उम्मीद के साथ ही दिवाली के बाद सोने और चांदी का भाव कुछ कम होगा। लेकिन सोने और चांदी में थोड़ी बहुत करेक्शन नहीं, बल्कि ताबड़तोड़ गिरावट देखी गई।
हालांकि लंबे समय में निवेश के उद्देश्य से देखें तो सोने ने सेंसेक्स से भी बेहतर रिटर्न दिया है। पिछले साल के अंत तक सोने का भाव लगभग 70 से 80 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के बीच था। वहीं अप्रैल में टैरिफ के खतरे के डर से इसकी कीमत 1 लाख के पार हो गई। फिर दिवाली तक सोने का भाव 1,32,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया। इस बीच सोने को लेकर बाबा वेंगा ने बड़ी भविष्यवाणी की है।
सोने ने लंबे समय में निवेश के मामले में सेंसेक्स से बेहतर रिटर्न दिया है। पिछले साल के अंत में सोना लगभग 70,000 से 80,000 रुपये प्रति 10 ग्राम था। टैरिफ के डर से अप्रैल में इसकी कीमत 1 लाख रुपये के पार हो गई, और फिर दिवाली तक यह 1,32,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया। इस अप्रत्याशित वृद्धि के बीच, बाबा वेंगा ने सोने को लेकर एक बड़ी भविष्यवाणी की है।
क्या है भविष्यवाणी?
बाबा वेंगा की मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2026 में दुनिया एक बड़े वित्तीय संकट का सामना कर सकती है। इस तरह के संकट की स्थिति में, सोने और चांदी की कीमतों में बड़ा उछाल देखने को मिल सकता है। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि वित्तीय अस्थिरता (financial instability) के समय, निवेशक सुरक्षित निवेश के रूप में इन कीमती धातुओं की ओर रुख करते हैं, जिससे इनकी कीमतों में तेजी आती है।
