Gold Rate : पिछले कुछ हफ्तों में बाजार में ऐसी कोई बड़ी खबर या घटना नहीं हुई थी जो सोने की कीमतों को ऊपर ले जा सके, इसीलिए कीमतों में गिरावट देखने को मिली। फिलहाल, सोने की कीमतें एक सीमित दायरे में रह सकती हैं। हालांकि, जैसे-जैसे ब्याज दर में कटौती की उम्मीदें बढ़ेंगी, सोने की कीमतें और अधिक बढ़ सकती हैं-
अमेरिका के फेडरल रिजर्व द्वारा सितंबर में ब्याज दरें कम करने की उम्मीदों के कारण सोने की कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना है। फिलहाल, सोने की कीमतें एक सीमित दायरे में रह सकती हैं। हालांकि, जैसे-जैसे ब्याज दर में कटौती की उम्मीदें बढ़ेंगी, सोने की कीमतें और अधिक बढ़ सकती हैं।
एक्सपर्ट्स ने कहा कि व्यापारी दूसरी तिमाही की जीडीपी और पीसीई (व्यक्तिगत खपत व्यय) महंगाई दर जैसे अमेरिका के कुछ प्रमुख आर्थिक आंकड़ों और अमेरिकी केंद्रीय बैंक के अधिकारियों के बयानों पर बारीकी से नजर रखेंगे। इन जानकारियों से उन्हें ये समझने में मदद मिलेगी कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति क्या होगी और सोने के बाजार की दिशा क्या रहेगी।
सोने का रुझान सकारात्मक रहने की उम्मीद-
जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रणव मेर के मुताबिक, सोने की कीमतें भले ही अभी स्थिर हों, लेकिन इनमें बढ़ोतरी होने की संभावना है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें घटाने की उम्मीद से सोने को समर्थन मिल रहा है। इसके अलावा, निवेशक रूस-यूक्रेन शांति प्रक्रिया और भारत पर रूस के तेल आयात शुल्क जैसे भू-राजनीतिक और व्यापारिक घटनाक्रमों (Geopolitical and trade developments) पर भी ध्यान देंगे, जो सोने की कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं। मेर ने कहा, ‘‘बाजार रूस-यूक्रेन शांति प्रक्रिया और 27 अगस्त से भारत पर रूस से तेल खरीद पर लगाई जाने वाले अतिरिक्त शुल्क के लागू होने पर बारीकी से नजर रखेंगे।’’
MCX पर दोबारा 1 लाख के पार पहुंचा गोल्ड-
पिछले हफ्ते, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने की कीमत ₹1,00,391 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई। यह ₹956 की वृद्धि थी। यह उछाल अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के जैक्सन होल संगोष्ठी में दिए गए संकेत के बाद आया, जहां उन्होंने बताया कि केंद्रीय बैंक जल्द ही ब्याज दरें घटा सकता है।
अमेरिकी केंद्रीय बैंक की आगामी एफओएमसी (फेडरल ओपन मार्केट कमेटी) बैठक 16-17 सितंबर को होनी है। हालांकि पॉवेल ने ये भी कहा कि यदि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ का घरेलू कीमतों (domestic prices) पर बड़ा असर पड़ता है, तो ब्याज दर में कटौती को साल के अंत तक टाला भी जा सकता है।
सोने की कीमतों में क्यों आई गिरावट-
हाल के हफ्तों में, प्रमुख घटनाओं की कमी के कारण सोने की कीमतों में गिरावट आई थी। हालांकि, एंजेल वन के प्रथमेश माल्या के अनुसार, अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के हालिया बयान ने निवेशकों के बीच उम्मीद जगाई है। उनके बयान के बाद, सोने के बाजार में एक बार फिर से उत्साह देखने को मिला है, जिससे कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना है। यह बताता है कि केंद्रीय बैंक के बयानों का सोने की कीमतों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।
” मल्ल्या ने आगे कहा कि वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता अब भी बनी हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘रूस-यूक्रेन शांति वार्ता पर चर्चा हो रही है, लेकिन उसका नतीजा कितना व्यावहारिक होगा, इस पर अभी भी सवाल हैं। वहीं, ट्रंप के ऑफिस में टैरिफ का मुद्दा अंतहीन लगता है।’’
