Gold Rate : लगातार बढ़ने के बाद सोना उलटे पैर चलने वाला है। सोने के दामों में ऐसी गिरावट आएगी कि किसी ने सोची नहीं होगी। यह दावा एक्सपर्ट ने किया है। साथ ही उन्होंने सोने (Gold Rate) के दाम गिरने के ठोस कारण भी बताए हैं। सोने के दाम गिरने से निवेशकों को नुकसान होगा तो नए खरीदारों को लाभ हो सकता है।
रिकॉर्ड हाईलेवल पर पहुंचने के बाद सोना अब धड़ाम से गिरने वाला है। सोने के दामों में एतिाहसिक गिरावट का अनुमान सामने आया है। रिपोर्ट के अनुसार दस ग्राम के रेट इतने घट जाएंगे कि किसी ने सोची नहीं होगी। आइए जानते हैं सोने के दामों में कितनी होगी गिरावट और कितने रह जाएंगे दाम।
फिलहाल यह चल रही है कीमत
सोने की कीमत (Gold Rate) भारतीय खुदरा बाजार में फिलहाल 91 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम को पार कर चुकी है। सोने के दामों में लगातार बढ़ौतरी जारी है और आम आदमी की पहुंच से दूर हो रहा है। परंतु रिपोर्ट्स के दावा है कि सोना फिर अपनी औकात में लौट आएगा।
क्यों बढ़े हैं सोने के दाम
फिलहाल सोने के दाम (Gold Rate) रॉकेट की रफ्तार से चल रहे हैं। ऐसे में सोने की कीमतों में उछाल का कारण आर्थिक अनिश्चितता और महंगाई की चिंता व भू-राजनीतिक तनाव है। निवेशकों ने सोने को एक सुरक्षित संपत्ति के रूप में चुना है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति के कारण भी ये हुआ है।
पहले जानिए सोने के दामों में गिरावट की वजह
सोने की कीमतों में संभावित गिरावट का पहला कारण सोने की बढ़ती सप्लाई माना जा रहा है। 2024 की दूसरी तिमाही में सोने के खनन से होने वाला मुनाफा करीब 950 डॉलर प्रति औंस पहुंच गया। वहीं, सोने का वैश्विक भंडार 9% बढ़कर 2,16,265 टन हो गया है। इससे सोने की आपूर्ति ज्यादा हो गई है।
सोने की मांग घटी
वहीं, दूसरी ओर सोने की मांग घट रही है। दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों ने पिछले साल 1,045 टन सोना खरीदा था। यह खरीदारी अब कम कर दी गई है। वहीं, भविष्य के लिए 71% केंद्रीय बैंक अपने सोने के भंडार को कम करने या मौजूदा स्तर पर बनाए रखने की योजना बना रहे हैं।
वहीं, वर्ष 2024 में सोने (Gold Rate) के क्षेत्र में विलय और अधिग्रहण में 32% का इजाफा हुआ है। इससे बाजार में पीक का संकेत मिला है। सोने-समर्थित ईटीएफ में वृद्धि पिछले मूल्य सुधारों से पहले देखे पैटर्नों को दिखाती है।
40 फीसदी से ज्यादा की गिरावट संभव
एक्सपर्ट ने उपरोक्त कारणों के चलते दावा किया है कि गोल्ड की कीमतों में 40 फीसदी से भी ज्यादा की गिरावट आएगी। ऐसे में सोना एक बार फिर से मिडिल क्लास की पहुंच में आ जाएगा। एक साल में ही सोने की कीमतों (Gold Rate) में 35 से 40 प्रतिशत का उछाल आया है। इसी साल में सोना 10 हजार रुपये से ज्यादा बढ़ सकता है।
अमेरिकी फर्म ने किया दावा
अमेरिकी विश्लेषक फर्म मॉर्निंगस्टार का दावा है कि सोने हाईलेवल पर चल रहा है। इससे निवेशकों को फायदा हो रहा है, परंतु साधारण उपभोक्ता को परेशानी है। उन्होंने दावा किया कि अगले कुछ महीने में सोने की कीमतों में भारी गिरावट आ सकती है। गिरावट 38% से भी अधिक हो सकती है।
कितने रह जाएंगे दस ग्राम सोने के दाम
फिलहाल देश में एक तोला सोना की कीमत (Gold Rate) करीब 91,000 रुपये है। वहीं, ग्लोबल मार्केट में 3,100 डॉलर प्रति औंस के ऊपर सोना है। वहीं आगे 40% की संभावित गिरावट आई तो भारत में दस ग्राम सोने की कीमत 55,000 रुपये रह जाएगी। जॉन मिल्स अनुसार सोना 1,820 डॉलर प्रति औंस तक आ सकता है।
कीमतें बढ़ने का भी दावा
जहां, जॉन मिल्स ने दावा किया है कि सोने की कीमतों में बड़ी गिरावट आएगी, वहीं दूसरी ओर बोफा और गोल्डमैन सॉक्स का अनुमान है कि सोने की कीमतों में तेजी बनी रहेगी। बैंक ऑफ अमेरिका के अनुमान दो साल में सोना 3,500 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है। वहीं, गोल्डमैन ने 2025 के अंत तक 3,300 डॉलर प्रति औंस सोने की कीमत (Gold Rate) होने का अनुमान लगाया है।