Gold Rate History: पिछले 50 सालों में सोना तीन बार बड़ी तेजी से बढ़ा है, हर बार कारण अलग-अलग थे, लेकिन ये सामान्य कारक रहे। 10 साल की बड़ी तेजी के बाद, 1980 से सोने के भाव में गिरावट आई और 1985 तक यह कीमती धातु लगभग 68% गिर गई-
कोरोना काल के बाद से सोने की कीमतों में लगातार तेजी है और पिछले 5 वर्षों से यह हर साल नया रिकॉर्ड बना रहा है। हालांकि, 17 अक्टूबर को यह ₹1,30,874 के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था। दीवाली के बाद इसमें गिरावट आई और 28 अक्टूबर को यह ₹1,19,164 के स्तर तक नीचे आ गया।
ज्यादातर लोगों के मन में सवाल है कि आखिर 5 साल की तेजी के बाद आखिर सोने में बड़ी गिरावट कब आएगी, क्या सोना फिर से एक लाख रुपये के स्तर से नीचे जाएगा? (gold price historical data)
कई एक्सपर्ट्स सोने में गिरावट की आशंका जता चुके हैं, लेकिन आज हम आपको अपनी इस खबर में सोने में तेजी और मंदी का इतिहास बताते हैं कि, आखिर कब-कब गोल्ड में बड़ी तेजी आई और कब-कब इसमें गिरावट देखने को मिली।
तगड़ी तेजी के बाद गिरावट दिखा चुका है सोना-
पिछले 50 सालों में सोना तीन बार बड़ी तेजी से बढ़ा है, जिसके मुख्य कारण जियो पॉलिटिकल तनाव, कमजोर डॉलर और कच्चे तेल की अस्थिरता रहे हैं। हर बार कारण अलग-अलग थे, लेकिन ये सामान्य कारक रहे। 10 साल की बड़ी तेजी के बाद, 1980 से सोने के भाव में गिरावट आई और 1985 तक यह कीमती धातु लगभग 68% गिर गई। (today gold price)
इतने साल तक दायरे में रहा सोना-
सन् 1985 से 2000 तक सोने के भाव स्थिर थे। इसके बाद, 2001 से 2011 के दौरान सोने में जबरदस्त उछाल आया। इन 10 सालों में, सोने ने 593% का शानदार रिटर्न दिया, जो गोल्ड में तेजी का एक नया दौर था। हालांकि, इसके बाद सोने में फिर से अगले 2-3 साल में 45 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली। 2018 के बाद से गोल्ड लगातार ने लगातार तेजी (gold price hike) दिखाते हुए 300 फीसदी रिटर्न डिलीवर कर दिया है। इस दौरान सिर्फ साल 2021 में ही सोना 22 प्रतिशत करेक्ट हुआ।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट-
केडिया एडवाइजरी के अजय केडिया के अनुसार, सोने में ऐतिहासिक रूप से औसतन 9 साल की लंबी तेजी (बुल रन) देखने को मिलती है, जिसके बाद अगले 2-3 साल तक गिरावट (मंदी) हावी रहती है। यह चक्र सोने की कीमतों का एक पैटर्न रहा है। उन्होंने कहा कि अगर यह ऐतिहासिक पैटर्न फिर से दोहराया जाए तो आने वाले समय में गोल्ड में गिरावट (decline in gold) से इनकार नहीं किया जा सकता है। अजय केडिया ने कहा कि गोल्ड की तेजी के कारक रहे कुछ अहम फैक्टर (रूस-यूक्रेन युद्ध और ट्रेड डील समेत अन्य कारण) अब मैच्योर हो रहे हैं।
