Google Map : गूगल मैप्स की सेटिंग्स को नियंत्रित करके आप अपनी यात्रा की जानकारी को सुरक्षित रख सकते हैं। यह ऐप आपकी हर गतिविधि को ट्रैक करता है, लेकिन सेटिंग्स में बदलाव करके आप अपनी लोकेशन हिस्ट्री को बंद कर सकते हैं। जानें, कैसे गूगल मैप्स के ट्रैकिंग फीचर्स को अपनी प्राइवेसी को ध्यान में रखते हुए नियंत्रित किया जा सकता है।
गूगल मैप्स (Google Maps) एक अत्यंत उपयोगी एप्लिकेशन है, जो हमारे जीवन को आसान बनाता है। यह हमें नए स्थानों तक पहुँचने, मार्गदर्शन प्राप्त करने और अपनी यात्रा की योजनाओं को सुव्यवस्थित करने में मदद करता है।
हालांकि, गूगल मैप्स आपकी हर गतिविधि को ट्रैक करता है, जिससे आपकी निजी जानकारी, लोकेशन हिस्ट्री और यात्रा की जानकारी गूगल के सर्वर पर सेव होती रहती है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आप अपनी लोकेशन सेटिंग्स को कैसे नियंत्रित कर सकते हैं, ताकि आपकी प्राइवेसी बनी रहे।
आपकी एक्टिविटी को कैद करता है गूगल मैप्स
गूगल मैप्स में एक्टिविटी ट्रैकिंग का फीचर डिफॉल्ट रूप से चालू रहता है। इसका मतलब है कि गूगल मैप्स आपके द्वारा किए गए हर यात्रा के बारे में जानकारी रिकॉर्ड करता है। इस जानकारी का उपयोग गूगल आपको बेहतर सेवा देने के लिए करता है, जैसे कि मार्गदर्शन को बेहतर बनाना या आपके द्वारा अक्सर यात्रा किए गए स्थानों को पहचानना। हालांकि, यह पूरी प्रक्रिया आपकी अनुमति के बिना चलती रहती है। यदि आप अपनी लोकेशन हिस्ट्री को रोकना चाहते हैं, तो आपको गूगल मैप्स की सेटिंग्स में कुछ बदलाव करने होंगे।
गूगल मैप्स में सेटिंग्स में बदलाव कैसे करें
यदि आप गूगल मैप्स द्वारा ट्रैक की जा रही अपनी गतिविधि को नियंत्रित करना चाहते हैं, तो निम्नलिखित तरीके अपनाएं:
- सबसे पहले अपने एंड्रॉयड फोन में गूगल मैप्स ऐप को खोलें।
- स्क्रीन के ऊपरी दाएं कोने में अपनी प्रोफाइल फोटो या नाम के शुरुआती अक्षर पर टैप करें।
- यहां आपको कई विकल्प मिलेंगे, जिनमें से ‘Your Timeline’ ऑप्शन पर क्लिक करें।
- ‘Timeline’ पर क्लिक करने के बाद, स्क्रीन के दाहिने कोने में तीन डॉट्स पर टैप करें और ‘Location and Privacy Settings’ में जाएं।
- अब, ‘Location Settings’ में देखें कि ‘Timeline is On’ फीचर चालू है या नहीं। यदि यह ऑन है, तो इसे तुरंत बंद कर दें। इसके बाद गूगल मैप्स आपकी लोकेशन हिस्ट्री को सेव नहीं करेगा।
जब आप यह सेटिंग बंद करते हैं, तो गूगल मैप्स को यह जानकारी नहीं मिलेगी कि आप कहां गए थे, कब गए थे और कितने समय तक वहां रहे। इस तरह आप अपनी प्राइवेसी को पूरी तरह से संरक्षित कर सकते हैं।