Gorakhpur Link Expressway: गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का उद्घाटन आखिरकार तय हो गया है. 20 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बहुप्रतीक्षित परियोजना का औपचारिक उद्घाटन करेंगे. इससे गोरखपुर से लखनऊ का सफर अब महज साढ़े तीन घंटे में पूरा हो सकेगा. वर्षों से चली आ रही यह योजना अब पूरी होने के अंतिम चरण में पहुंच चुकी है.
उद्घाटन की तैयारियों में तेजी
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के उद्घाटन को लेकर प्रशासन और निर्माण एजेंसियों ने कमर कस ली है. जिलाधिकारी, डीआईजी और एसएसपी ने परियोजना स्थल का निरीक्षण किया है. कार्यदायी संस्था को निर्देश दिए गए हैं कि शेष कार्यों को निर्धारित समय में पूरा किया जाए. उद्घाटन समारोह खजनी के भगवानपुर टोल प्लाजा पर प्रस्तावित है.
कई बार टली तारीखें, अब जाकर तय हुआ शुभारंभ
इस एक्सप्रेसवे के उद्घाटन को लेकर कई बार तिथियां तय हुईं लेकिन कार्य अधूरे होने के कारण बार-बार टलती रहीं. स्थानीय लोगों और यात्रियों को लंबे समय से इस परियोजना के चालू होने का इंतजार था. अब जब उद्घाटन की आधिकारिक तारीख सामने आ गई है, तो लोगों में खुशी और उम्मीद की लहर है.
92 किलोमीटर लंबा फोरलेन लिंक एक्सप्रेसवे
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई करीब 92 किलोमीटर है. यह गोरखपुर जिले के एनएच-27 (सहजनवा, जैतपुर के पास) से शुरू होकर विभिन्न जिलों से गुजरते हुए पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा. फिलहाल यह फोरलेन बनाया गया है. लेकिन भविष्य में 6 लेन तक विस्तारित किया जा सकता है.
लखनऊ तक का सफर अब और तेज
इस एक्सप्रेसवे के चालू होने से गोरखपुर से लखनऊ तक का सफर लगभग दो घंटे कम हो जाएगा. अभी यह यात्रा साढ़े 5 घंटे में पूरी होती है. लेकिन अब सिर्फ साढ़े 3 घंटे में ही लखनऊ पहुंचा जा सकेगा. इससे यातायात में सुविधा, ईंधन की बचत और समय की बचत होगी.
किन जिलों को मिलेगा सबसे बड़ा फायदा?
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे केवल गोरखपुर के लिए ही नहीं. बल्कि पूर्वांचल के कई जिलों के लिए वरदान साबित होगा. अम्बेडकरनगर, संतकबीरनगर और आजमगढ़ जैसे जिलों को इससे सीधा लाभ मिलेगा. इन क्षेत्रों के लोगों की यातायात सुविधा सुधरेगी. व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और निवेश के नए रास्ते खुलेंगे.
विकास और रोजगार को मिलेगी रफ्तार
इस एक्सप्रेसवे के माध्यम से औद्योगिक क्षेत्रों तक त्वरित पहुंच संभव होगी. इससे स्थानीय व्यापार, कृषि उत्पादों का परिवहन और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. साथ ही यह पूर्वांचल के सामाजिक-आर्थिक विकास की गति को और तेज करेगा.
