अब सरकार की तरफ से किसानो को एक बड़ी खुशखबरी मिली है।सरकार ने तुअर डाल की खरीद के लिए वेब पोर्टल का शुभारभ किया है। नई दिल्ली में दलहन की आत्मनिर्भरता पर आयोजित राष्टीय संगोष्ठी को सम्बोधित किया गया,जिसमे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत ‘के दृष्टिकोण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया और केंद्रीय ग्रह एव सहकारिता मंत्री अमित शाह ने तुर उत्पादक किसानो के पंजीकरण,खरीद और भुगतान के लिए वेब पोर्टल का लोकपर्ण किया।जिससे किसान अपनी डाल को ऑनलाइन बेचकर सीधे भुगतान की राशि सीधे अपने अकउंट में हासिल कर सके।इस पोर्टल का नाम तुर दाल प्रोक्योरमेंट पोर्टल रखा गया है।
तुर डाल प्रोक्योरमेंट पोर्टल में कोई एजेंसी नहीं जुड़ेगी
जानकारी के अनुसार पोर्टल पर पंजीकरण ,खरीद और भुगतान तक की सभी प्रक्रिया एक ही माध्यम पर उपलब्ध रहेगी।किसानो का पोर्टल पंजीकरण सीधा या पैक्स व फ्पो के माध्यम से कर सकते है।किसान को भुगतान नफेड और द्वारा सीधे उनके मैप्स बेक खाते में किया जाएगा और इस बिच में कोई एजेंसी शामिल नहीं होगी। यह पूरी प्रक्रिया किसान केन्द्रत है जिसमे पंजीकरण से लेकर भुगतान तक की गतिविधियों को किसान खुद ट्रेक कर सकते है।
कई भाषाओ में उपलब्ध है
पोर्टल महाराष्ट,आंध्र प्रदेश ,तेलगाना,गुजरात,कर्नाटक और झारखण्ड के तुर डाल उप्तादको के लिए पूरी प्रक्रिया को सुखयवासित करेगा। जिससे पंजीकरण ,खरीद और भुगतान प्रक्रियाओ आदि कार्य सरल होंगे। इसी के साथ इस पोर्टल में कई भाषाए भी शामिल हो गयी है ,जिससे किसान सरलता से इसे चला सके।
सरकार की पहल का उद्देश्य तुअर दाल उत्पादकों को NAFFD और NCCF द्वारा खरीद,सीधे बैंक हस्तांतरण के माध्यम से बेहतर कीमतों के साथ सशक्त बनाना है ,जिससे घरेलू दाल उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और आयात निर्भरता कम होगी। इसके तहत उपभोक्ता मामले विभाग ,भारत सरकार के दिशा निर्देशों के मुताबित नेफेड और एनसीसीएफ के पोर्टल पर पंजीकृत किसानो से दालो के बफर स्टॉक के लिए खरीदी की जाएगी और एमएसपी या बाजार मूल्य जो भी ज्यादा हो उसका भुगतान किसानो को किया जाएगा।