Gratuity Rule : ग्रेच्युटी एक वित्तीय लाभ है जो किसी कंपनी में लंबे समय तक सेवा करने वाले कर्मचारियों को कंपनी द्वारा दिया जाता है। ग्रेच्युटी की राशि कर्मचारी के अंतिम वेतन और कंपनी में बिताए गए वर्षों की संख्या के आधार पर निर्धारित की जाती है… आइए नीचे खबर में जान लेते है इसके बारे में विस्तार से-
ग्रेच्युटी एक वित्तीय लाभ है जो किसी कंपनी में लंबे समय तक सेवा करने वाले कर्मचारियों को कंपनी द्वारा दिया जाता है। यह एक प्रकार का इनाम है जो कर्मचारी की ईमानदारी और समर्पण के प्रति सम्मान व्यक्त करता है। ग्रेच्युटी की राशि कर्मचारी के अंतिम वेतन और कंपनी में बिताए गए वर्षों की संख्या के आधार पर निर्धारित की जाती है। यह सेवानिवृत्ति, इस्तीफे या मृत्यु के बाद कर्मचारी या उनके नॉमिनी को प्रदान की जाती है।
ग्रेच्युटी का लाभ (Gratuity benefits) उन कर्मचारी को मिलता है जो 5 साल से कंपनी में काम कर रहे हैं। इसे ऐसे समझिए कि अगर आपने साल 2020 में किसी कंपनी को ज्वाइन किया और 5 साल पूरे होने के बाद कंपनी चेंज (company change) करते हैं तो कंपनी द्वारा ग्रेच्युटी मनी दी जाती है। वहीं, अगर आपने 2 -3 साल में ही कंपनी चेंज कर दिया तब आपको ग्रेच्युटी का लाभ नहीं मिलेगा।
ग्रेच्युटी को लेकर कई कर्मचारियों के मन में सवाल आता है कि क्या इसमें नोटिस पीरियड (notice period) को भी काउंट किया जाता है? आइए, हम आपको नीचे इस सवाल का सही जवाब देंगे।
क्या नोटिस पीरियड भी होता है काउंट-
ग्रेच्युटी नियम (Gratuity Rule) के अनुसार, नौकरी की अवधि में नोटिस पीरियड भी गिना जाता है। चूंकि नोटिस अवधि के दौरान कर्मचारी कंपनी को अपनी सेवाएं देता रहता है, इसलिए यदि कोई कर्मचारी 4 साल 10 महीने काम करने के बाद इस्तीफा देता है और 2 महीने का नोटिस पीरियड पूरा करता है, तो उसकी कुल सेवा अवधि 5 साल मानी जाएगी। इसी आधार पर उसे ग्रेच्युटी का भुगतान किया जाएगा।
5 साल से कम पर भी मिलती है ग्रेच्युटी-
कई स्थिति में कर्मचारी को 5 साल की कम अवधि होने पर भी ग्रेच्युटी का लाभ मिलता है। वैसे तो नियमों के अनुसार अगर कर्मचारी ने 4 साल 8 महीने तक जॉब किया है तो वह ग्रेच्युटी का हकदार है।
ग्रेच्युटी एक्ट 1972 के अनुसार, यदि किसी कर्मचारी की कार्य के दौरान मृत्यु (death) हो जाती है या वह दिव्यांग हो जाता है, तो उसे ग्रेच्युटी का लाभ मिलता है। ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण स्थितियों में 5 साल की सेवा की शर्त लागू नहीं होती। इस स्थिति में ग्रेच्युटी की राशि कर्मचारी द्वारा नामित व्यक्ति को दी जाती है। नौकरी में शामिल होते समय, कंपनी फॉर्म एफ Form F भरवाती है, जिसमें कर्मचारी ग्रेच्युटी (gratuity) के लिए अपने नॉमिनी (nominee) का उल्लेख करता है।