Gratuity Calculation : कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी को लेकर बड़ी खबर आई है। ग्रेच्युटी के नियमों (Gratuity Rules 2025) के अनुसार अब 5 और 10 की नौकरी पर कर्मचारियों को निश्चित राशि दी जाएगी। कर्मचारियों के लिए इसकी कैलकुलेशन (gratuity ki calculation) को जानना बेहद जरूरी है।
ग्रेच्युटी के नियमों में किया गया बदलाव हर कर्मचारी पर सीधे तौर पर असर डालेगा। अब ग्रेच्युटी (gratuity rules for employees)की रकम 5 व 10 साल की नौकरी करने वालों को इन नियमों के अनुसार ही मिलेगी। जब किसी कंपनी में लगातार 5 साल तक लगातार कोई कर्मचारी नौकरी करता है तो वह ग्रेच्युटी पाने का हकदार हो जाता है, ऐसे में ग्रेच्युटी (gratuity new rules )की रकम हर कर्मचारी के लिए खास मायने रखती है। खबर में समझिए अब कैसे होगी ग्रेच्युटी की कैलकुलेशन।
इस स्थिति में दी जाती है ग्रेच्युटी-
ग्रेच्युटी देने का भी एक नियम तय किया गया है। ग्रेच्युटी की रकम (what is gratuity) कर्मचारी को कंपनी में नियमित रहते हुए बेहतर सर्विस रिकॉर्ड के लिए इनामी तौर पर मिलती है।
इसे कंपनी की ओर से ही दिया जाता है। ग्रेच्युटी (gratuity rules for employees) की यह रकम किसी कर्मचारी को नौकरी के दौरान तो नहीं मिलती लेकिन नौकरी छोड़ने या रिटायरमेंट बाद जरूर दी जाती है। कर्मचारी को 7 साल व 10 साल नौकरी करने पर भी ग्रेच्युटी (Gratuity ke niyam) मिलती है।
ऐसे होगी ग्रेच्युटी की कैलकुलेशन –
ग्रेच्युटी की राशि तय करने के लिए कर्मचारी की अंतिम सैलरी काफी महत्व रखती है। नौकरी छोड़ने या रिटायर (gratuity rules for employees) होने पर पिछले 10 माह की औसत सैलरी को अंतिम सैलरी मानते हुए ग्रेच्युटी की कैलकुलेशन की जाती है। कर्मचारी ने जितने साल कंपनी में सर्विस की है, उस समय को अंतिम सैलरी से गुणा करके कैलकुलेट (gratuity calculation) किया जाता है। इसके बाद इस कैलकुलेशन को 15/26 से गुना करके ग्रेच्युटी तय की जाती है।
5 साल नौकरी करने पर ग्रेच्युटी की कैलकुलेशन-
कोई कर्मचारी किसी कंपनी में 5 साल तक काम करके इसे छोड़ता है और अंतिम सैलरी 35,000 रुपए है तो ग्रेच्युटी की रकम (gratuity ke niyam) – 35000 x 5 x 15/26 = 100961 रुपए होगी।
10 साल नौकरी करने पर ग्रेच्युटी-
10 साल तक कहीं पर नौकरी करने पर नौकरी छोड़ते हैं या रिटायर होते हैं तो 75000 रुपए की अंतिम सैलरी अनुसार ग्रेच्युटी की रकम (10 year gratuity rules) 75000 x 10 x 15/26 = 432692 रुपए होगी। इसी तरह से अन्य वर्षों तक की गई नौकरी पर आप ग्रेच्युटी राशि की कैलकुलेशन कर सकते हैं।
महीने के 26 दिन ही होते हैं ग्रेच्युटी में शामिल-
ग्रेच्युटी की रकम तय करते समय संडे के 4 अवकाश के दिनों (working days rule for gratuity) को नहीं गिना जाता। महीने के 26 दिनों को काउंट करते हुए ग्रेच्युटी कैलकुलेशन (Gratuity kab milti hai) की जाती है।
ऐसे कर्मचारी को नहीं मिलती ग्रेच्युटी –
कोई कर्मचारी ने 4 साल और 5 महीने नौकरी करके नौकरी छोड़ देता है तो उसे ग्रेच्युटी (gratuity kisko milti h) नहीं मिलेगी। इसके बजाय अगर 4 साल 7 महीने नौकरी की जाती है तो 5 साल के हिसाब से ग्रेच्युटी मिल जाती है। यानी छह माह से ऊपर होते ही उस अवधि (gratuity time limit) को पूरे साल में गिना जाता है।
कंपनी रोक सकती है ग्रेच्युटी-
कंपनियों को विशेष स्थितियों में ग्रेच्युटी (gratuity rules) रकम रोकने का भी अधिकार है, लेकिन इसके लिए सबूत देने होंगे और पहले कर्मचारी को कारण बताओ नोटिस (notice for gratuity) जारी करना होगा। अगर कर्मचारी कंपनी का कोई बड़ा नुकसान कर देता है या उससे हो जाता है तो कंपनी ग्रेच्युटी रोक सकती है।
ग्रेच्युटी को लेकर यह है एक्ट –
ग्रेच्युटी एक्ट 1972 (Gratuity Act 1972) के तहत रजिस्टर्ड कम से कम 10 कर्मचारियों वाली कंपनी कर्मचारी को ग्रेच्युटी (gratuity rules for employees) राशि देती है। कोई कंपनी ग्रेच्युटी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड नहीं है तो कर्मचारी की ग्रेच्युटी (gratuity kaise milti h) की राशि हर साल के हिसाब से आधे महीने के वेतन के समान होती है और महीने में वर्किंग डेज 30 माने जाते हैं।