नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने आम लोगों से लेकर कारोबारियों तक, सभी को बड़ी राहत दी है। दिवाली से पहले जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिए गए बड़े फैसलों ने सभी में उत्साह बढ़ा दिया है। इससे किसानों और छोटे कारोबारियों को महंगाई से राहत मिलेगी। जीएसटी स्लैब की संख्या अब घटाकर केवल दो कर दी गई है। जीएसटी स्लैब 10 प्रतिशत और 15 प्रतिशत तक सीमित रहने वाला है।
इतना ही नहीं, कई ज़रूरी चीज़ों को जीएसटी स्लैब से बाहर कर दिया गया है। यानी अब कई चीज़ों पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। इसमें रोटी, पनीर, दूध और मक्खन जैसी चीज़ें शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में जीएसटी में बदलावों का ऐलान किया था।
केंद्र सरकार का बड़ा फैसला
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैठक के बाद कुछ बड़े बदलावों की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि रोज़ाना इस्तेमाल होने वाली चीज़ों के साथ-साथ चिकित्सा और शिक्षा से जुड़ी चीज़ों को टैक्स से बाहर कर दिया गया है। यानी इन्हें किसी भी टैक्स स्लैब में नहीं रखा गया है।
कई ऐसी चीज़ें भी हैं जिन पर जीएसटी कम करने का फ़ैसला किया गया है। इसके साथ ही, ट्रैक्टर के कुछ पार्ट्स पर जीएसटी की दर 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई है। यानी पहले ट्रैक्टर पर 12 प्रतिशत टैक्स देना पड़ता था, लेकिन अब इसे घटाकर सिर्फ़ 5 प्रतिशत करने का ऐलान किया गया है।
ये खाद्य पदार्थ जीएसटी मुक्त हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई खाद्य पदार्थों को जीएसटी मुक्त कर दिया है। उन्होंने जीएसटी मुक्त खाद्य पदार्थों की सूची भी साझा की है। पहले इन चीज़ों पर 5 से 18 प्रतिशत तक जीएसटी लगता था। लेकिन अब इन्हें शून्य जीएसटी में शामिल कर दिया गया है। इनमें रेडी-टू-ईट रोटी, रेडी-टू-ईट पराठा, सभी प्रकार की ब्रेड, पिज्जा, पनीर, यूएचटी दूध और छेना शामिल हैं।
शैक्षिक वस्तुएं भी कर-मुक्त हैं।
सरकार ने छात्रों को भी जीएसटी से बड़ी राहत दी है। सभी शैक्षणिक वस्तुओं को जीएसटी के दायरे से बाहर कर दिया गया है। इनमें पेंसिल, रबर, कटर, नोटबुक, ग्लोब, नक्शा और प्रैक्टिस बुक, ग्राफ बुक आदि शामिल हैं, और इन्हें जीएसटी मुक्त कर दिया गया है। इसके साथ ही, दवाओं और स्वास्थ्य बीमा को लेकर भी बड़ा बदलाव किया गया है।