केंद्र सरकार जीएसटी में बड़े बदलाव की योजना बना रही है। इसका उद्देश्य कर प्रणाली को सरल बनाना और आम वस्तुओं पर कर कम करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में इस बारे में बात की थी। उन्होंने मौजूदा चार-स्तरीय जीएसटी प्रणाली को दो-स्तरीय प्रणाली में बदलने का सुझाव दिया था। इस बदलाव का असर कारों सहित लगभग 175 उत्पादों पर पड़ेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई वाली और सभी राज्यों के मंत्रियों वाली जीएसटी परिषद 3-4 सितंबर को नई जीएसटी प्रणाली को अंतिम रूप देने के लिए बैठक करेगी। आइए देखें कि अगर वाहनों पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% कर दिया जाता है, तो कारों की कीमतों में क्या बदलाव आ सकता है।
छोटी कारें सस्ती हो सकती हैं
कारों पर अलग-अलग टैक्स दरें हो सकती हैं। एंट्री-लेवल कारों पर 18% टैक्स लग सकता है, जबकि एसयूवी और लग्ज़री कारों पर 40% टैक्स लग सकता है। इन कारों पर 1-3% का अतिरिक्त सेस भी हटाया जा सकता है। इससे छोटी पेट्रोल और डीज़ल कारों पर कुल टैक्स 11-13% कम हो सकता है। हाइब्रिड कारों पर 10% टैक्स में छूट मिल सकती है क्योंकि अभी उन पर कोई सेस नहीं है।
इलेक्ट्रिक कारों पर कर
जीएसटी परिषद इलेक्ट्रिक कारों (ईवी) पर करों पर भी चर्चा करेगी। कुछ राज्य मंत्री 40 लाख रुपये तक की लागत वाली इलेक्ट्रिक कारों पर 18% जीएसटी चाहते हैं। केंद्र सरकार लोगों को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु 5% कर चाहती है।
लग्जरी कारें और महंगी हो सकती हैं
40 लाख रुपये से ज़्यादा कीमत वाली कारों पर GST ज़्यादा लग सकता है। मर्सिडीज़, बीएमडब्ल्यू और टेस्ला जैसी लग्ज़री इलेक्ट्रिक गाड़ियाँ और महंगी हो सकती हैं। ये कारें ज़्यादातर अमीर लोगों के लिए हैं और ज़्यादातर आयातित होती हैं। अपेक्षित बदलावों के चलते, खरीदार कम कीमतों का इंतज़ार कर रहे हैं और बिक्री धीमी पड़ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि नए नियमों के आने पर, सस्ती छोटी कारों से माँग बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी।