पशुपालन के क्षेत्र से जुड़े हुए लोगों को GST में हुई कटौती से बड़ा फायदा होने वाला है। तो चलिए बताते हैं कि किस क्षेत्र में टैक्स रेट में कितनी कमी आई है।
GST रिफॉर्म्स में पशुपालकों को फायदे
GST रिफॉर्म्स में पशुपालकों को कई बड़े फायदे हुए हैं। पशुपालन से जुड़ी कई गतिविधियों में खर्चे में कमी आएगी तथा कमाई में बढ़ोतरी होगी। इसमें दूध, पनीर और मक्खन बनाने वाले गाय-भैंस पालक, इसके अलावा मछली पालन और मधुमक्खी पालन करने वाले किसानों को भी लाभ मिलेगा।
जीएसटी में मुख्य तौर पर चार स्लैब होते हैं जो की 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत है। जिसमें कई क्षेत्रों में पांच प्रतिशत घटाकर दर को कर दिया गया है तो चलिए जानते हैं उनके बारे में।
दूध उत्पादकों को नई जीएसटी दर से होने वाले फायदे
दूध उत्पादकों को जीएसटी रिफॉर्म से कई तरह के फायदे हो रहे हैं। दूध और पनीर पर जीएसटी पूरी तरह हटा दिया गया है। मक्खन पर जीएसटी घटाकर 5% कर दिया गया है। इससे डेयरी उत्पाद बनाने वालों को सीधा लाभ मिलेगा और उनकी आय बढ़ेगी। दूध के डिब्बे, जो स्टील या एल्युमिनियम से बने होते हैं, उन पर भी 12% से घटाकर 5% जीएसटी कर दिया गया है। इस तरह कई स्तरों पर किसानों और महिलाओं समेत सभी पशुपालकों को लाभ मिलेगा।
मछली पालकों को जीएसटी दर में कमी का लाभ
मछली पालकों को भी टैक्स रेट में कमी देखने को मिली है। तैयार या संरक्षित मछली पर जीएसटी पहले 12% था, जिसे घटाकर 5% कर दिया गया है। इससे जलीय कृषि और मत्स्य पालन करने वाले किसानों को सीधा फायदा होगा।
मधुमक्खी पालकों को भी जीएसटी कटौती से राहत
मधुमक्खी पालकों को भी जीएसटी में कमी का लाभ मिल रहा है। प्राकृतिक शहद पर जीएसटी में कटौती की गई है। इससे मधुमक्खी पालक, आदिवासी समुदाय और ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों को फायदा होगा, क्योंकि इन्हें प्राकृतिक शहद का उत्पादक माना जाता है। जिससे इस व्यवसाय में बचत होगी।