GST News : सुप्रीम कोर्ट के तरफ से जीएसटी एक्ट के तहत होने वाली गिरफ्तारियां पर व्यवसाईयों को बाद राहत दिए हैं। बता दे की कस्टम और जीएसटी एक्ट (GST Act) में होने वाले गिरफ्तारी में व्यक्ति के सीआरपीसी के तहत मिलने वाली सभी सुरक्षा मिलेगी। कोर्ट की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि कस्टम अधिकारी को पुलिस अधिकारी नहीं माना जा सकता है।
GST Act में होने वाले गिरफ्तारी पर राहत का ऐलान
बता दे कि सुप्रीम कोर्ट के तरफ से सभी व्यापारियों को राहत दिया गया है। सबसे पहले आपको यह मामला को समझना होगा। दरअसल जीएसटी एक्ट और कस्टम एक्ट के तहत गिरफ्तारी को चुनौती दिया गया था। कोर्ट में करीब 279 याचिकाएं दायर की गई थी।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कहा गया कि सीआरपीसी के तहत मिलने वाली सभी सुरक्षा मिलेगा गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत मिल सकेगा।
व्यापारियों को राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कहा गया कि व्यापारी कोर्ट में आज का दे सकते हैं। कस्टमर अधिकारी को पुलिस अधिकारी नहीं माना जा सकता है। कोर्ट ने पिछले साल इस पर अपना आदेश सुरक्षित रखा था।
Supreme Court ने माना कि जीएसटी (GST), सीमा शुल्क के तहत अभियोजन का सामान्य करने वाले लोग अग्रिम जमानत मांग सकते हैं। यहां तक की उन मामलों में जो भी और जहां भी एफआईआर (FIR) दर्ज नहीं किया गया है। सुप्रीम कोर्ट जीएसटी, सीमा शुल्क अधिनियम के तहत गिरफ्तारी, अन्य दंडात्मक शक्तियों को चुनौती देने वाले 279 याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था।
GST Act क्या है?
जीएसटी का मतलब होता है (Goods And Service Tax) एक्ट भारत में इनडायरेक्ट टैक्स सिस्टम को सरल और एकीकृत के लिए लागू किए गए कानून है।
बता दे कि इस 1 जुलाई 2017 को पूरे देश में लागू कर दिया गया था। यह एक वन नेशन वन टैक्स सिस्टम है। जिसका मतलब होता है कि पूरे देश में समान और सेवाओं पर एक समान कर लागू होना।
क्या GST एक्ट के तहत कहीं भी और किसी को भी गिरफ्तार किया जा सकता है?
GST एक्ट अधिनियम, 2017 के तहत किसी भी व्यक्ति को कभी भी गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। आपको जानकारी होना चाहिए की गिरफ्तारी के लिए कुछ विशेष परिस्थितियों और कानून प्रक्रियाएं होती है। जिन्हें पूरा किए बिना किसी भी व्यक्ति या फिर किसी भी कारोबारी को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है।
GST अधिनियम में गंभीर कर छोरी, फर्जी बिलिंग या फिर सरकार को नुकसान पहुंचाने वाले मामले में गिरफ्तारी का प्रावधान तय है।
किसी को भी बिना जांच किए हुए, बिना नोटिस या मनमानी ढंग से गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। अगर कोई भी व्यक्ति निर्दोष है और जांच में सहयोग कर रहा है तो उसे गिरफ्तार करने की संभावना बहुत कम होती है।