अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित H-1B वीज़ा पर $100,000 की नई फीस रविवार, 21 सितंबर से लागू हो गई। इस फैसले के बाद अमेरिका में रह रहे भारतीय पेशेवरों के बीच हलचल मच गई। कई आईटी वर्कर्स समय से पहले भारत लौटते नजर आए, जबकि कुछ लोगों को अमेरिकी एयरपोर्ट्स पर लंबी कतारों में इंतजार करते देखा गया। हालांकि, व्हाइट हाउस की ओर से जारी नई स्पष्टीकरणों ने मौजूदा वीज़ा धारकों को राहत दी है।
क्या है $1 लाख वाला नया नियम?
H-1B वीज़ा अमेरिकी कंपनियों को उन क्षेत्रों में विदेशी पेशेवरों की नियुक्ति की अनुमति देता है, जहां घरेलू प्रतिभा पर्याप्त नहीं है। नए आदेश के मुताबिक, अब कंपनियों को प्रत्येक नए H-1B कर्मचारी के लिए $100,000 का भुगतान करना होगा। उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम खासतौर पर टेक कंपनियों पर बोझ बढ़ा सकता है, क्योंकि वे भारत, चीन, दक्षिण कोरिया और अन्य देशों के कुशल कर्मचारियों पर काफी निर्भर रहती हैं। गौरतलब है कि हर साल अमेरिका करीब 85,000 नए H-1B वीज़ा जारी करता है, जिनमें से सबसे अधिक भारतीयों को मिलते हैं। इसके बाद चीन और दक्षिण कोरिया जैसे देशों का स्थान आता है। ये पेशेवर मुख्य रूप से आईटी, हेल्थकेयर और रिसर्च सेक्टर में काम करते हैं।
नए H-1B नियम से जुड़ी 5 अहम बातें
- यह सिर्फ एक बार का शुल्क है
व्हाइट हाउस प्रेस सचिव कैरोलिन लीविट ने कहा कि $100,000 की यह फीस केवल नए H-1B आवेदन पर एक बार ली जाएगी। इसे हर साल दोहराया नहीं जाएगा। - मौजूदा वीज़ा धारकों पर असर नहीं
जो लोग पहले से H-1B वीज़ा पर हैं, उन्हें इस नई फीस का भुगतान नहीं करना होगा। यहां तक कि अगर वे फिलहाल अमेरिका से बाहर हैं, तो वापसी पर भी यह शुल्क लागू नहीं होगा। - यात्रा अधिकार बरकरार
लीविट ने स्पष्ट किया कि मौजूदा H-1B धारकों के यात्रा और पुनः प्रवेश के अधिकार पहले जैसे ही बने रहेंगे। इस फैसले से उन पर कोई अतिरिक्त पाबंदी नहीं लगेगी। - केवल नए वीज़ा पर लागू
यह शुल्क सिर्फ नए H-1B वीज़ा आवेदनों पर लागू होगा। वीज़ा रिन्यूअल या पहले से स्वीकृत धारकों पर इसका कोई प्रभाव नहीं होगा। - अगले लॉटरी चक्र से प्रभावी
लीविट ने यह भी बताया कि $100,000 का नया शुल्क अगले H-1B लॉटरी चक्र से लागू होगा, यानी अभी के आवेदनों पर इसका सीधा असर नहीं पड़ेगा।
👉 कुल मिलाकर, यह नियम नए H-1B वीज़ा आवेदकों और उन्हें स्पॉन्सर करने वाली कंपनियों पर अतिरिक्त बोझ डालेगा, लेकिन मौजूदा धारकों और रिन्यूअल चाहने वालों को राहत मिलेगी।