हरिद्वार उत्तराखंड राज्य की पहाड़ियों के बीच स्थित एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। इस स्थान को हिंदुओं के सभी पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है। यहां पर हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगा नदी में स्नान करने के लिए आते हैं। प्रयागराज, उज्जैन और नासिक के अलावा यहां पर भी कुंभ का मेला आयोजित होता है। हर की पौड़ी, हरिद्वार के पांच मुख्य पवित्र स्थलों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि इस स्थान पर भगवान शिव और भगवान विष्णु प्रकट हुए। तब से यह स्थान पवित्र माना जाता है। इसलिए इसे मुख्य दर्शनीय स्थलों में से एक माना जाता है।
हरिद्वार टूरिस्ट प्लेस
मनसा देवी मंदिर, हरिद्वार
हरिद्वार का लोकप्रिय मंदिर मनसा देवी मंदिर जो शिवालिक पहाड़ियों के बिल्वा पर्वत पर स्थित है। यह मंदिर देवी मनसा देवी को समर्पित है, जिनके बारे में माना जाता है कि वे भक्तों की इच्छाओं को पूरा करती हैं। यह मंदिर उत्तर भारत में सबसे अधिक प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। मंदिर में आने वाले भक्तों को एक पवित्र धागे को पवित्र पेड़ से बांधना पड़ता है। यह भक्तों की इच्छाओं को पूरा करने के लिए बांधा जाता है। एक बार जब इच्छा पूरी हो जाती है, तो यहां आकर भक्तों को पवित्र धागे को खोलना भी पड़ता है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए मानस देवी रोड से रोपवे ले सकते हैं, जिसके माध्यम से, आप हरिद्वार शहर के मनोरम दृश्यों को देख सकते है।
मनसा देवी मंदिर समय :- सुबह 7:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक, दोपहर 2:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक
प्रवेश शुल्क:- फ्री
हर की पौड़ी, हरिद्वार
हर की पौड़ी हरिद्वार के मुख्य पवित्र स्थलों में से एक है। यह स्थान हरिद्वार का सबसे प्रसिद्ध और पूजनीय घाट है। ऐसा माना जाता है कि इस स्थान पर भगवान शिव और भगवान विष्णु प्रकट हुए। तब से यह स्थान पवित्र माना जाता है। हर की पौड़ी का मुख्य आकर्षण गंगा आरती है, एक मंत्रमुग्ध करने वाली शाम की रस्म जहां पुजारी भक्तिपूर्वक आरती गाते हैं और नदी की पूजा करने के लिए दीया जलाते हैं। प्रत्येक बारह वर्षों के बाद कुंभ मेला, इस स्थान पर आयोजित किया जाता है। हर की पौड़ी उसी स्थान पर है जहां दिव्य अमृत आकाशीय कुंभ से गिरा था।
गंगा आरती :- सुबह 5:30 बजे से 6:30 बजे के बीच और शाम को 6 बजे से 7 बजे के बीच
एंट्री फीस :- फ्री
दक्ष महादेव मंदिर, हरिद्वार
दक्ष महादेव मंदिर हरिद्वार के लोकप्रिय दर्शनीय स्थल है। यह महादेव मंदिर हरिद्वार का प्राचीन मंदिर है, जिसे दक्षेश्वर महादेव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, हरिद्वार के दक्षिण कनखल शहर में स्थित है। यह प्राचीन मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर सती के पिता दक्ष प्रजापति की कहानी से जुड़ा है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, दक्ष ने एक भव्य यज्ञ का आयोजन किया और जानबूझकर भगवान शिव का अपमान किया। क्रोध और शोक से सती ने स्वयं को भस्म कर लिया। मंदिर इस दुखद घटना और भगवान शिव के क्रोध की याद दिलाता है। गंगा नदी के किनारे पर स्थित इस मंदिर में हमेशा श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। इस मंदिर की वास्तुकला बेहद ही आकर्षक है।
दक्ष महादेव मंदिर समय :- सुबह 4 बजे से शाम 7 बजे तक
चंडी देवी मंदिर, हरिद्वार
चंडी देवी मंदिर हरिद्वार मुख्य पर्यटन स्थल में से एक है। यह मंदिर नील पर्वत पर बसा यह मंदिर चंडी देवी को समर्पित है। यह मंदिर हरिद्वार में बहुत प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर देवी चंडी देवी को समर्पित है। यह नील पर्वत पर स्थित है। यह मंदिर सबसे प्राचीन व सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। कहा जाता है कि माता का यह मंदिर करीब 1200 साल पुराना है। मंदिर तक पहुंचने के लिए या तो चंडीघाट से 3 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है या हाल ही में शुरू की गई रोपवे सेवा लेनी पड़ती है। हरे भरे प्राकृतिक वातावरण के बीच स्थित यह मंदिर श्रद्धालुओं को शांती का एहसास देती है। यह सबसे पुराने और प्रतिष्ठित मंदिरों में से वजह से इस मंदिर में साल भर भारी भीड़ रहती है।
समय:- सुबह 7:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक
चिल्ला वन्यजीव अभ्यारण्य, हरिद्वार
चिल्ला वन्यजीव अभ्यारण्य हरिद्वार के बेस्ट पर्यटन स्थलों में एक है। यह अभयारण्य 10 किमी हरिद्वार से दूर है और गंगा नदी के किनारे स्थित है। इस अभयारण्य को वर्ष 1977 में बनाया गया था। यह वन्यजीव अभ्यारण्य 249 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है। यह मुख्य तौर पर बाघ व हाथियों के वन्य जीवन के लिए लोकप्रिय हैं। इसके अलावा इस अभ्यारण्य में हाथी, बाघ, भालू और छोटी बिल्लियां,बड़ी संख्या में हाथियों और विभिन्न प्रकार के पक्षी हैं। यहां वन्य जीव देखने के साथ साथ यहां आप हाथी की सवारी का आनंद ले सकते हैं। यह हरिद्वार में घूमने जाने वाले पर्यटकों के लिए अच्छी जगह है। जंगल सफारी का एक अलग ही अनुभव होता है।
समय:- सुबह 7 बजे से शाम 9 बजे तक और दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे तक
प्रवेश शुल्क:- 150 रुपये (भारतीय), 600 रुपये (विदेशी)
सप्तऋषि आश्रम, हरिद्वार
सप्तऋषि आश्रम हरिद्वार के सबसे अच्छे पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता है। यह आश्रम एक पुराना खूबसूरत आश्रम है जो हरिद्वार से 5 किमी दूर गंगा के तट पर स्थित है। इस आश्रम को वह स्थान माना जाता है जहाँ प्राचीन काल में सात ऋषियों ने ध्यान किया था। यह आध्यात्मिक साधकों के लिए एक शांत और शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान करता है। माना जाता है कि इस स्थान पर गंगा नदी अपने को सात धाराओं में विभाजित कर लेती है जिसे सप्त सरोवर या सप्त ऋषि कुंड भी कहा जाता है। इस आश्रम देखने के लिए बड़ी संख्या में भक्त गण आते हैं। यह स्थान दुनिया भर के ऋषि, संतों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
सप्तऋषि आश्रम समय:- सुबह 6:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक
प्रवेश शुल्क:- कोई प्रवेश शुल्क नहीं
भारत माता मंदिर, हरिद्वार
भारत माता मंदिर हरिद्वार का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। जो ‘मदर इण्डिया’ के नाम से प्रसिद्ध है। हरिद्वार में भारत माता का एकमात्र मंदिर है जिसे देखने के लिए लोग दूर दूर से आते हैं। इस मंदिर निर्माण प्रसिद्ध धार्मिक गुरु स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी द्वारा करवाया गया था। गंगा के तट पर स्थित यह मंदिर सभी धर्म के लोगो और पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है जिस वजह से हर साल बड़ी संख्या में भक्त यहाँ आते हैं। यह मंदिर 180 फीट ऊंचा और आठ मंजिला है इस मंदिर का प्रत्येक तल से देवताओं की पौराणिक कथाओं जुड़ा है। पहली मंजिल पर स्थित भारत माता की मूर्ती है।
भारत माता मंदिर समय:- सुबह 5:00 बजे से रात 9:00 बजे तक
प्रवेश शुल्क:- कोई प्रवेश शुल्क नहीं
पावन धाम, हरिद्वार
पवन धाम हरिद्वार एक खूबसूरत मंदिर है और प्राचीन मंदिर भी है, जो भारत के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। यह मंदिर पुराने युग की बेहतरीन कलात्मकता और शिल्प कौशल को दर्शाता है। हरिद्वार का यह पवन धाम बेहद खूबसूरत और लोकप्रिय मंदिर है। यह मंदिर मुख्य शहर से लगभग 2 किमी की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। यह मंदिर पूरी तरीके से कांच से बना हुआ है। इस मंदिर की नक्काशी काम भी कांच पर इतने अच्छे से किए गए हैं कि एक ही प्रतिमा कई बार दिखाई पड़ती है।
पावन धाम मंदिर समय:- प्रतिदिन प्रातः 6:00 बजे से रात्रि 8:00 बजे तक
प्रवेश शुल्क:- कोई शुल्क नहीं
पतंजलि योग पीठ, हरिद्वार
पतंजलि योग पीठ हरिद्वार में पर्यटकों के घूमने के लिए बहुत अच्छी जगह है। यह जगह दुनिया भर में सबसे बड़ा योग आश्रम है। यह संस्थान ऋषि रामदेव की प्रमुख परियोजना है और इस केंद्र में योग और आयुर्वेद पर शोध किया जाता है। यह संस्थान विशाल क्षेत्रफल में फैला हुआ है और दो परिसरों में विभाजित है। पतंजलि योगपीठ का नाम महर्षि पतंजलि के नाम पर रखा गया है, जिन्हें योग का आविष्कारक माना जाता है। इस संस्थान में पतंजलि के विभिन्न उत्पाद तैयार किए जाते हैं। पीठ आश्रम का मुख्य उद्देश्य योग का अभ्यास, योग की खोज, और आयुर्वेद का निर्माण करना है। हरिद्वार घूमने आने वाले पर्यटकों को पतंजलि योग पीठ आश्रम में जरूर जाना चाहिए।
कुंभ मेला, हरिद्वार
कुंभ मेला एक मेला है, जो हिंदू धर्म से जुड़ा है और भारत के हरिद्वार शहर में हर 12 साल में आयोजित होता है। पूरे भारवर्ष में कुल चार जगहों पर कुंभ मेले का आयोजन होता है और हरिद्वार भी उनमें से एक जगह है जो कि गंगा नदी के तट पर स्थित है। हर बारह वर्ष बाद यहाँ करोड़ो लोगों का सैलाब उमड़ता है जिसने सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व से लोग शाही स्नान करने के लिए आते है। हरिद्वार में प्रत्येक कुंभ मेला कुछ न कुछ खास लेकर आता है। हरिद्वार में गंगा के तट पर और प्रयाग में गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदी के संगम पर होता है। इस कुंभ मेला का इन्तजार लोग बेसब्री करता है।
हरिद्वार की अन्य घूमने लायक जगह
इन सब के अलावा भी हरिद्वार में घूमने के लिए कई आकर्षित जगह है, जहां घूम सकते है। पारद शिवलिंग, कनवा ऋषि आश्रम, स्वामी विवेकानंद पार्क, झिलमिल कंजर्वेशन रिजर्व, माया देवी मंदिर, भीमगोड़ा कुंड, पिरान कलियर, नील धारा, क्रिस्टल वर्ल्ड, शिवानंद आश्रम, सुरेश्वरी देवी मंदिर, दूधाधारी बर्फानी मंदिर, बिल्केश्वर महादेव मंदिर जैसी जगहे है, जहां आप घूम सकते है।
हरिद्वार में रुकने की जगह
हरिद्वार एक धार्मिक और तीर्थ स्थल होने के कारण आपको यहां कम बजट से लेकर महंगे अनेकों तरह के होटल मिल जायेंगे। कम कीमत में आपको होटल में रूम 1000 रुपए से लेकर 1500 तक में 24 घंटे के लिए मिल जायेगा। हरिद्वार में ठहरने के लिए बहुत से धर्मशाला बने हुए हैं जहां कम बजट में रुक सकते हैं। अगर आप निशुल्क हरिद्वार में रुकना चाहते हैं तो बहुत से आश्रम है जहां पर रुकने के साथ साथ खाना पीना सब कुछ निशुल्क होता है। वैसे खाना खाने के लिए हरिद्वार में बहुत सी जगहों पर भंडारे में भी खाना खिलाया जाता है।
हरिद्वार में शॉपिंग
हरिद्वार न केवल तीर्थ स्थल के रूप में बल्कि खरीदारी स्थल के रूप में भी प्रसिद्ध है। ऐसी बहुत सी चीज़ें हैं जो आप हरिद्वार में खरीद सकते हैं जैसे दीये, चूड़ियाँ, चंदन का पेस्ट, मूर्तियाँ, लैंप और हस्तशिल्प। हरिद्वार का बड़ा बाजार खरीदारी का सबसे बड़ा केंद्र है। इस बड़े बाजार में हर तरह की चीजें उपलब्ध हैं। यहाँ से आप अपने मनपसंद की चीजे खरीद सकते है।
हरिद्वार के प्रसिद्ध स्थानीय भोजन
हरिद्वार सांस्कृतिक और धार्मिक स्थान के अलावा अपने मसालेदार और चटपटे व्यंजनों के लिए भी काफी प्रख्यात है। आलू पूरी यहाँ के लोगों के लिए लोकप्रिय व्यंजन है। इस पूरी को तलकर मसालेदार और चटपटी आलू की सब्जी के साथ परोसा जाता है। परांठे, छोले भटूरे, लस्सी और अन्य लोकप्रिय उत्तर भारतीय भोजन हैं। इसके अलावा हरिद्वार जलेबी, रबड़ी और रसमलाई जैसे मिठाइयों के लिए भी काफी प्रसिद्ध है, जो शुद्ध घी से बनाए जाते हैं।
हरिद्वार जाने का उचित समय
हरिद्वार घूमने के लिए कोई एक निश्चित समय नहीं है। हरिद्वार घूमने के लिए आप साल भर में कभी भी जा सकते हैं। पूरे साल यहां पर पर्यटकों का आना जाना रहता है। हालांकि सावन के महीने में यहां ज्यादातर श्रद्धालु आते हैं।
हरिद्वार कैसे पहुँचे?
हरिद्वार भारत के उत्तरखंड राज्य में स्थित है। तीर्थ स्थल एवं पर्यटन स्थल होने के कारण यहां आवागमन की बेहतर सुविधा उपलब्ध है। आप हवाई जहाज, बस या ट्रेन के जरिए हरिद्वार पहुंच सकते हैं। हरिद्वार तक पहुंचने का तरीका इस प्रकार है:-
हरिद्वार फ्लाइट से कैसे पहुँचे?
हरिद्वार का निकटतम एयरपोर्ट जॉली ग्रांट एयरपोर्ट जो देहरादून में है। यह एयरपोर्ट हरिद्वार से 41 किमी की दूरी पर है। पर्यटक मुंबई या दिल्ली से देहरादून की हवाई यात्रा कर सकते हैं। इसके बाद एयरपोर्ट से टैक्सी या बस से हरिद्वार पहुंचा जा सकता है।
रेल द्वारा हरिद्वार कैसे पहुँचे?
हरिद्वार का अपना रेलवे स्टेशन है जो भारत के कई भागों से जुड़ा हुआ है। यह स्टेशन दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, देहरादून, वाराणसी, पुरी और कोच्चि सहित कई अन्य शहरों से जुड़ा है। आप एक्सप्रेस ट्रेनों से हरिद्वार पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग से हरिद्वार कैसे पहुंचे?
हरिद्वार जाने के लिए दिल्ली से भी कई सारी प्राइवेट बसों की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। अगर आपको बस में सफर करना अच्छा लगता है, तो दिल्ली से बस के माध्यम से भी आप हरिद्वार जा सकते हैं। अगर आप दिल्ली या उत्तराखंड के अलावा किसी अन्य जगहों से जुड़े हुए हैं, तो आप अपने शहर से दिल्ली पहुंचकर वहां से बस के माध्यम से हरिद्वार की यात्रा कर सकते हैं।