Haryana Contract Employee: हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRNL) के तहत कार्यरत 5 साल पुराने कच्चे कर्मचारियों को अब रिटायरमेंट तक नौकरी की सुरक्षा मिल सकती है. इसके लिए राज्य सरकार ने एक विस्तृत एसओपी (Standard Operating Procedure) तैयार कर ली है. यह निर्णय राज्य के लाखों कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है.
SOP तैयार, लेकिन अधिसूचना जारी करने में देरी
सरकार द्वारा SOP का मसौदा तैयार कर लिया गया है. लेकिन इसे अभी तक लागू नहीं किया जा सका है. कारण यह है कि सरकार ने कर्मचारी संगठनों से इस SOP पर सुझाव और आपत्तियां मांगी थीं. परंतु अब तक कोई जवाब नहीं आया है. इसलिए अधिसूचना फिलहाल स्थगित है.
कर्मचारी संगठनों को भेजा जा रहा है रिमाइंडर
मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने जानकारी दी कि चूंकि यह मामला लाखों कर्मचारियों की नौकरी से जुड़ा है, इसलिए SOP को लागू करने से पहले कर्मचारी संगठनों की राय बेहद जरूरी है. उन्होंने बताया कि अब संबंधित संगठनों को रिमाइंडर भेजे जा रहे हैं. ताकि बाद में कोई आपत्ति न उठे.
HKRNL के तहत हैं हजारों कच्चे कर्मचारी
HKRNL हरियाणा सरकार द्वारा स्थापित एक महत्वपूर्ण संस्था है. जिसके माध्यम से अनुबंधित, आउटसोर्स और अन्य संविदा कर्मचारियों की भर्ती की जाती है. राज्य में हजारों की संख्या में कर्मचारी HKRNL के अंतर्गत काम कर रहे हैं. जिनकी नौकरी की अवधि व सुरक्षा अभी तक अस्थिर रही है. SOP लागू होने से इन कर्मचारियों को नियमित सेवा की तरह स्थायित्व मिल सकता है.
रिटायरमेंट तक जॉब सिक्योरिटी का प्रावधान
नई SOP के अनुसार, जो कर्मचारी 5 साल या उससे अधिक समय से HKRNL के तहत सेवा दे रहे हैं, उन्हें कुछ शर्तों के अधीन रिटायरमेंट तक की नौकरी की गारंटी दी जा सकती है. यह कदम ना सिर्फ कर्मचारियों में आत्मविश्वास बढ़ाएगा. बल्कि सरकारी कार्यों में स्थायित्व और दक्षता भी सुनिश्चित करेगा.
भ्रष्टाचार पर भी सरकार का सख्त रुख
मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने SOP पर बात करते हुए यह भी बताया कि सरकार भ्रष्टाचार पर सख्त रुख अपनाए हुए है. हाल ही में HCS अधिकारी अश्विनी कुमार की सेवाएं समाप्त करने के निर्देश दिए जा चुके हैं. जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं.
पहले भी कई अधिकारी हुए बर्खास्त
इससे पहले भी हरियाणा सरकार ने HCS अधिकारी अनिल नागर को भ्रष्टाचार और रीगन कुमार को महिला कर्मचारी से छेड़छाड़ के आरोप में बर्खास्त किया था. यह दर्शाता है कि सरकार एक तरफ जहां कर्मचारियों को जॉब सिक्योरिटी दे रही है. वहीं दूसरी तरफ अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई भी कर रही है.
क्यों है यह SOP महत्वपूर्ण?
- यह SOP उन कर्मचारियों के लिए है जो 5 साल या उससे अधिक समय से सेवा में हैं.
- SOP लागू होने के बाद कच्चे कर्मचारियों को रिटायरमेंट तक नौकरी का भरोसा मिलेगा.
- इससे राज्य की नौकरी प्रणाली में स्थायित्व, पारदर्शिता और भरोसा बढ़ेगा.
- भ्रष्टाचार मुक्त कार्यसंस्कृति को बढ़ावा मिलेगा.
क्या होनी चाहिए कर्मचारी संगठनों की भूमिका?
सरकार का रुख साफ है कि SOP बिना संगठनों की सहमति के लागू नहीं किया जाएगा. ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि कर्मचारी संगठन अपने सुझाव और आपत्तियां जल्दी से जल्दी भेजें. इससे न केवल प्रक्रिया में सहभागिता और पारदर्शिता बनी रहेगी. बल्कि कर्मचारियों को भी राहत मिलने में देर नहीं होगी.