Haryana Industrial Township: हरियाणा में नई औद्योगिक टाउनशिप बनने जा रही है, जिससे जमीन की कीमतों में भारी उछाल आने की संभावना है। इस योजना के तहत औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा और निवेशकों के लिए आकर्षक अवसर पैदा होंगे। इससे रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे। नीचे जाने पूरी डिटेल।
हरियाणा सरकार ने राज्य को औद्योगिक हब बनाने के लिए एक बड़ी योजना की शुरुआत की है। इसके तहत राज्य के 10 जिलों में इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप विकसित की जाएंगी। ये टाउनशिप्स प्रमुख एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे बनेंगी ताकि परिवहन, लॉजिस्टिक्स और निवेश की संभावनाएं बेहतर हो सकें।
इस परियोजना के तहत जिन जिलों को चुना गया है, वे सभी भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। इन जिलों में शामिल हैं: गुरुग्राम, हिसार (एयरपोर्ट के पास), सिरसा, ग्रेटर फरीदाबाद (जेवर एयरपोर्ट के नजदीक), भिवानी, नारनौल, जींद, कैथल, और अंबाला। इन स्थानों पर पहले से मजबूत परिवहन व्यवस्था और उद्योगों की संभावनाएं हैं।
हरियाणा सरकार की योजना है कि इस परियोजना को हाईवे और एक्सप्रेसवे किनारे औद्योगिक क्लस्टर्स के रूप में विकसित किया जाए। दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे पर खाद्य प्रसंस्करण, ऑटोमोबाइल और टेक्सटाइल उद्योगों को प्राथमिकता दी जाएगी। नारनौल-अंबाला हाईवे पर छोटे और मध्यम उद्योगों (SMEs) को बढ़ावा मिलेगा, और डबवाली-पानीपत हाईवे पर पेट्रोकेमिकल, फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे उभरते उद्योगों को समर्थन मिलेगा।
गुरुग्राम और फरीदाबाद को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी क्योंकि ये दोनों शहर पहले से ही औद्योगिक बुनियादी ढांचे से लैस हैं। गुरुग्राम में ऑटोमोबाइल और टेक्नोलॉजी हब बनाए जाएंगे, वहीं फरीदाबाद में भारी मशीनरी और इंजीनियरिंग उत्पादों के निर्माण पर जोर दिया जाएगा।
इस योजना से राज्य के युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। टाउनशिप में बन रही फैक्ट्रियों, वर्कशॉप्स और सर्विस यूनिट्स में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा, तकनीकी और गैर-तकनीकी क्षेत्रों में रोजगार की बड़ी संख्या में संभावना होगी।
सरकार इस परियोजना में निजी निवेश को भी बढ़ावा दे रही है, और कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों (MNCs) ने इसमें निवेश करने की इच्छा जताई है। इससे राज्य में FDI बढ़ेगा और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।
नीति आयोग और हरियाणा सरकार ने मिलकर इस परियोजना को सफल बनाने के लिए कई बैठकें की हैं। नीति आयोग ने इसे एक आदर्श मॉडल बताया है और कहा है कि यह राज्य को औद्योगिक नेतृत्व की दिशा में ले जाएगा।
हरियाणा सरकार की यह योजना राज्य के औद्योगिक इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ सकती है, जिससे लाखों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर और आत्मनिर्भरता की दिशा खुलेगी।