Haryana Industrial Township: हरियाणा सरकार अब राज्य को औद्योगिक हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। इसके तहत राज्य के 10 जिलों में इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप (Integrated Industrial Township) विकसित की जाएंगी। यह टाउनशिप्स प्रमुख एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे बनाई जाएंगी ताकि परिवहन, लॉजिस्टिक्स और निवेश की संभावनाएं बेहतर हों।
10 जिलों में होंगे औद्योगिक टाउनशिप रणनीतिक लोकेशन पर जोर
राज्य सरकार ने जिन 10 जिलों को इस योजना के लिए चुना है, वे सभी भौगोलिक दृष्टि से रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इन जिलों में शामिल हैं:
- गुरुग्राम
- हिसार (एयरपोर्ट के पास)
- सिरसा
- ग्रेटर फरीदाबाद (जेवर एयरपोर्ट के नजदीक)
- भिवानी
- नारनौल
- जींद
- कैथल
- अंबाला
इन स्थानों की खासियत यह है कि यहां पहले से ही परिवहन की मजबूत व्यवस्था , औद्योगिक निवेश की संभावना और श्रमबल की उपलब्धता है।
प्रमुख एक्सप्रेसवे और हाईवे किनारे होगा विकास
हरियाणा सरकार इस परियोजना को रणनीतिक रूप से लागू करने के लिए हाईवे और एक्सप्रेसवे किनारे औद्योगिक क्लस्टर्स (industrial clusters) विकसित करेगी। सरकार का मानना है कि इससे निवेशकों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे उत्पादन और वितरण प्रणाली दोनों में सुधार होगा।
✅ दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे:
इस मार्ग पर बनने वाले औद्योगिक क्लस्टर उत्तर भारत के सबसे बड़े उत्पादन केंद्रों में शुमार होंगे। यहां खाद्य प्रसंस्करण, ऑटोमोबाइल और टेक्सटाइल उद्योगों को प्राथमिकता दी जाएगी।
✅ नारनौल-अंबाला हाईवे:
यह मार्ग छोटे और मध्यम उद्योगों (SMEs) के लिए आदर्श है। यहां स्थानीय निर्माण इकाइयों और सेवा क्षेत्र को मजबूती दी जाएगी।
✅ डबवाली-पानीपत हाईवे:
इस क्षेत्र में पेट्रोकेमिकल, फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे उभरते सेक्टरों को बढ़ावा देने की योजना है।
गुरुग्राम और फरीदाबाद को मिलेगा औद्योगिक मजबूती का नया आधार
हरियाणा सरकार गुरुग्राम और फरीदाबाद को विशेष प्राथमिकता दे रही है क्योंकि ये दोनों शहर पहले से ही औद्योगिक आधारभूत संरचना से लैस हैं।
- गुरुग्राम में ऑटोमोबाइल सेक्टर , टेक्नोलॉजी हब और स्मार्ट सिटी मॉडल पर आधारित औद्योगिक क्षेत्र बनाए जाएंगे।
- वहीं फरीदाबाद में भारी मशीनरी और इंजीनियरिंग उत्पादों के निर्माण को प्राथमिकता दी जाएगी।
यह दोनों शहर न केवल हरियाणा की आर्थिक रीढ़ हैं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर निवेशकों के पसंदीदा गंतव्य भी हैं।
युवाओं के लिए खुलेंगे रोजगार के नए द्वार
सरकार की इस योजना से राज्य के युवाओं को बेहद लाभ मिलेगा। इंटीग्रेटेड टाउनशिप में बनने वाली फैक्ट्रियों, वर्कशॉप्स और सर्विस यूनिट्स में:
- स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी
- तकनीकी और गैर-तकनीकी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में रोजगार उपलब्ध होंगे
- उद्योगों के लिए स्किल्ड मैनपावर की कमी दूर होगी
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा है कि सरकार इस बात को सुनिश्चित करेगी कि अधिक से अधिक स्थानीय लोगों को सरकारी और निजी क्षेत्र की नौकरियों में मौका मिले।
निजी निवेश को मिलेगा बढ़ावा MNCs ने दिखाई रुचि
इस परियोजना में निजी क्षेत्र की भागीदारी को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों (MNCs) ने इस योजना में निवेश करने की इच्छा जताई है। इससे राज्य में:
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) बढ़ेगा
- तकनीकी नवाचार को बढ़ावा मिलेगा
- बड़े और छोटे उद्योगों के बीच तालमेल बनेगा
सरकार निवेशकों के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम को और प्रभावी बना रही है ताकि सभी जरूरी मंजूरी एक ही जगह पर और समयबद्ध तरीके से मिल सके।
नीति आयोग के साथ तालमेल विकास को नई दिशा
इस योजना की सफलता सुनिश्चित करने के लिए हरियाणा सरकार और नीति आयोग के बीच कई दौर की बैठकों का आयोजन हो चुका है। इसमें:
- टाउनशिप के स्थान चयन को अंतिम रूप दिया गया
- प्राथमिक सेक्टर की पहचान की गई
- निवेश के लिए इकोसिस्टम तैयार करने पर सहमति बनी
नीति आयोग ने हरियाणा सरकार की इस पहल को राष्ट्रीय स्तर पर एक आदर्श मॉडल बताया है और कहा है कि यह राज्य को औद्योगिक नेतृत्व की दिशा में ले जाएगा।
औद्योगिक विकास की नई लहर की ओर हरियाणा
हरियाणा सरकार की यह योजना राज्य के औद्योगिक इतिहास में मील का पत्थर साबित हो सकती है। 10 जिलों में बनने वाली इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप न केवल आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार देगी, बल्कि लाखों युवाओं के लिए नौकरी और आत्मनिर्भरता का रास्ता खोलेगी।