Haryana News: गुरुग्राम जिला प्रशासन ने आने वाले नए साल से डीजल ऑटो के संचालन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. यह निर्णय वायु प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से लिया गया है. डीसी अजय कुमार के अनुसार इस कदम से न सिर्फ पर्यावरण की रक्षा होगी बल्कि नागरिकों के स्वास्थ्य में भी सुधार होगा.
नए विकल्प के रूप में सीएनजी और इलेक्ट्रिक ऑटो
इस प्रतिबंध के साथ गुरुग्राम में अब केवल सीएनजी (CNG autos) और इलेक्ट्रिक ऑटो (electric autos) चलाने की अनुमति होगी. इससे शहर की वायु गुणवत्ता में सुधार होने की उम्मीद है. जिले में वर्तमान में 1015 डीजल ऑटो चल रहे हैं जिन्हें योजनाबद्ध तरीके से हटाया जाएगा.
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के निर्देश
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (Commission for Air Quality Management) ने 30 नवंबर 2022 को एक आदेश जारी करते हुए एनसीआर (NCR diesel auto phase-out) क्षेत्र में डीजल ऑटो को हटाने के लिए विभिन्न समय सीमाएं निर्धारित की हैं. गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, और गौतम बुद्ध नगर जैसे जिलों के लिए यह समय सीमा 31 दिसंबर 2024 तक की गई है.
सरकार द्वारा जब्ती की कार्रवाई
गुरुग्राम जिले में अब तक 80 से अधिक डीजल ऑटो (diesel auto seizure in Gurugram) को जब्त किया गया है. जिला परिवहन प्राधिकरण के सचिव, एसडीएम रवींद्र कुमार ने बताया कि वर्तमान में जिले में विभिन्न ईंधन से चलने वाले कुल 38,400 ऑटो में से 1015 डीजल ऑटो हैं जिन्हें धीरे-धीरे हटाया जा रहा है.
प्रतिबंध के फायदे और चुनौतियाँ
डीजल ऑटो के प्रतिबंध से जहाँ एक ओर पर्यावरण को फायदा पहुँचेगा वहीं इससे ऑटो चालकों के सामने नई चुनौतियाँ भी खड़ी होंगी. ऑटो चालकों को अपने वाहनों को सीएनजी या इलेक्ट्रिक में बदलना पड़ेगा जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर असर पड़ सकता है. सरकार को चाहिए कि वह इस बदलाव में उनकी मदद करे और आवश्यक सहायता भी मिलेगी.