Haryana News: हरियाणा सरकार की Parivar Pehchan Patra (PPP) यानी फैमिली आईडी योजना एक महत्वाकांक्षी डिजिटल पहल है, जिसका उद्देश्य राज्य के हर परिवार को एक यूनिक पहचान देना है। इस पहचान के जरिए यह तय किया जाता है कि कौन-कौन से लोग सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के पात्र हैं।
पारदर्शिता बढ़ी लेकिन गड़बड़झाले ने बढ़ाई चिंता
फैमिली आईडी से जहां एक ओर डुप्लीकेसी पर रोक लगी है और सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता आई है, वहीं दूसरी ओर कुछ चालाक और संपन्न लोगों ने इसका गलत फायदा उठाना शुरू कर दिया
एक ही छत के नीचे कई फैमिली आईडी अलग-अलग लाभ
गांवों और छोटे कस्बों में स्थिति और भी चिंताजनक है। कई स्थानों पर देखा गया कि:
- एक ही घर में रहने वाले लोग अलग-अलग फैमिली आईडी बनवाकर खुद को अलग परिवार दिखा रहे हैं
- कोई बेटा अपने माता-पिता को अलग दिखाकर स्वयं को गरीबी रेखा से नीचे (BPL) बता रहा है
- वहीं कुछ लोग तो बच्चों के नाम से भी अलग फैमिली आईडी बनवाकर सरकारी सहायता ले रहे हैं
इस तरह की हरकतों से वास्तव में जरूरतमंद लोगों को योजनाओं से वंचित रहना पड़ रहा है।
प्रतियोगी परीक्षाओं की आड़ में आय छिपाई
कुछ युवाओं ने कोचिंग या प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के नाम पर अपनी फैमिली आईडी में खुद को बेरोजगार और आय-हीन दिखाया। इससे उन्हें:
- मुफ्त कोचिंग
- छात्रवृत्ति
- BPL राशन कार्ड जैसी सुविधाएं मिल गईं
सोचने वाली बात यह है कि जिन घरों की सालाना आमदनी 20-25 लाख रुपये है, उनके बच्चे सरकार से गरीबी के नाम पर मदद ले रहे हैं। जबकि असली गरीब लाइन में लगे रह जाते हैं।
सरकार की कार्रवाई गलत लाभ उठाने वालों पर शिकंजा
जैसे ही हरियाणा सरकार को इस गड़बड़ी की भनक लगी, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने तुरंत सिस्टम की समीक्षा का आदेश दिया। इसके तहत:
- फैमिली आईडी डेटा की री-असेसमेंट टीम बनाई गई है
- जिन परिवारों ने गलत जानकारी देकर लाभ उठाया, उन पर जुर्माना लगाने की तैयारी है
- अब फैमिली आईडी के लिए AI-बेस्ड ट्रैकिंग सिस्टम भी तैयार किया जा रहा है ताकि फर्जीवाड़े को रोका जा सके
अब सिर्फ फैमिली आईडी नहीं होगी फिजिकल जांच भी
BPL सूची में नाम शामिल कराने के लिए अब केवल फैमिली आईडी ही काफी नहीं होगी। इसके साथ ही:
- फिजिकल वेरिफिकेशन
- भूमि और संपत्ति रिकॉर्ड का मिलान
- और अन्य आधिकारिक दस्तावेजों की जांच भी की जाएगी
इससे यह तय होगा कि योजना का लाभ वास्तव में उसी को मिले जिसकी आर्थिक स्थिति कमजोर है।
गरीबों को मिलेगा असली हक हटेंगे फर्जी लाभार्थी
हरियाणा सरकार का यह कदम उन लोगों के लिए राहत की सांस है जो अब तक नियमित रूप से छले जाते रहे हैं। चाहे वह राशन कार्ड हो, आवास योजना हो या वृद्धा पेंशन, अब सब कुछ सही पात्रता के आधार पर मिलेगा।
सरकार ने साफ कर दिया है कि:
- जो भी फर्जी लाभ लेता पाया गया, उसका नाम योजनाओं से हटाया जाएगा
- जरूरत पड़ने पर वसूली और कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है
- सरकारी रिकॉर्ड और परिवार की ग्राउंड रिपोर्टिंग में यदि अंतर मिला, तो उसे फर्जी माना जाएगा
सरकार की बड़ी जिम्मेदारी तकनीक और इंसानियत के संतुलन की चुनौती
फैमिली आईडी योजना भारत में अपने तरह की पहली पहल है जो परिवार आधारित डिजिटल पहचान पर आधारित है। लेकिन यह भी जरूरी है कि इस सिस्टम को लगातार:
- अपडेट किया जाए
- जनता को सही जानकारी दी जाए
- और सिस्टम में मौजूद कमियों को दूर किया जाए
यह जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की नहीं आम जनता की भी है कि वे ईमानदारी से सही जानकारी दें।
पारदर्शिता और सख्ती से बदलेगी तस्वीर
हरियाणा की फैमिली आईडी योजना अगर सही तरह से लागू की जाए, तो यह देश के लिए एक मॉडल योजना बन सकती है। लेकिन फर्जीवाड़े और गलत जानकारी से सिस्टम की साख पर सवाल उठते हैं।