Haryana Rain Alert Today: हरियाणा में मौसम ने बड़ी करवट ली है. राज्य के कई हिस्सों में बारिश का दौर शुरू हो चुका है. जिससे गर्मी से राहत तो मिली है लेकिन तेज हवाएं और जलभराव ने आमजन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. मौसम विभाग ने साफ किया है कि यह प्री-मानसून की सक्रियता की शुरुआत है, जो अगले कुछ दिनों में और तेज होगी.
आज इन जिलों में 50% तक बारिश की संभावना
बुधवार को हरियाणा के उत्तर-पूर्वी जिलों में 50 प्रतिशत तक बारिश होने का अनुमान है. इसके साथ ही तेज हवाएं चलने की भी संभावना जताई गई है. पंचकूला, यमुनानगर, अंबाला, करनाल, कैथल, पानीपत, सोनीपत, रोहतक, झज्जर, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, फरीदाबाद और पलवल में यलो अलर्ट जारी किया गया है.
गुरुवार को इन जिलों में झमाझम की चेतावनी
20 जून (गुरुवार) को बारिश और ज्यादा तेज होने की संभावना है. मौसम विभाग के मुताबिक:
- अंबाला, पंचकूला, यमुनानगर में 75 से 100 प्रतिशत बारिश का पूर्वानुमान.
- सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, जींद, रोहतक, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर, गुरुग्राम में 25 प्रतिशत तक बारिश संभव.
- पलवल, सोनीपत, पानीपत, करनाल, कैथल और कुरुक्षेत्र में 25 से 50 प्रतिशत बारिश हो सकती है.
14 जिलों में पहले ही बारिश ने मचाई तबाही
मंगलवार को राज्य के 14 जिलों में झमाझम बारिश हुई. सबसे ज्यादा हिसार में पानी बरसा, लेकिन नारनौल (महेंद्रगढ़) में बारिश ने विनाशकारी रूप ले लिया. लोगों के घरों में पानी घुस गया. सड़कों पर जलभराव से वाहन फंस गए और बिजली गिरने की घटनाएं भी सामने आईं.
जलभराव से बिगड़े हालात
निचले इलाकों में पानी भरने के चलते कई जगहों पर यातायात प्रभावित हुआ. लोग दफ्तर और स्कूल नहीं पहुंच पाए. वहीं कई दुकानों और घरों में बरसात का पानी घुसने से संपत्ति का नुकसान हुआ है. प्रशासन को आपात स्थिति से निपटने के लिए टीमों को सतर्क कर दिया गया है.
मानसून की एंट्री तय समय से पहले संभव
हर साल हरियाणा में मानसून की आमद 29 जून के आसपास होती है. लेकिन इस बार विशेषज्ञों के मुताबिक मानसून 4 से 5 दिन पहले यानी 24 या 25 जून तक पहुंच सकता है. इसका कारण बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आ रही नमी भरी हवाएं हैं जो मानसून को हरियाणा की सीमा तक जल्दी ला सकती हैं.
किसानों के लिए राहत
खरीफ फसलों की बुआई कर रहे किसानों के लिए यह बारिश फायदेमंद है, लेकिन तेज बारिश और बिजली गिरने से खेतों में पानी भरने और फसल खराब होने का खतरा भी बना हुआ है. सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे खुले खेतों में सावधानी बरतें और मौसम विभाग की ताजा जानकारी पर नजर बनाए रखें.
प्रशासन अलर्ट मोड पर
राज्य सरकार और जिला प्रशासन को मौसम विभाग की चेतावनी के बाद चौकसी बरतने और राहत कार्यों के लिए तैयार रहने को कहा गया है. एनडीआरएफ और सिविल डिफेंस टीमें भी तैयार की जा रही हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत मदद पहुंचाई जा सके.
