Haryana Roadways Licence: हरियाणा सरकार ने हाईवे पर चलने वाले भारी वाहनों जैसे बस, ट्रक, मालवाहक टेंपो आदि के संचालन के लिए आवश्यक हाईवे हैवी ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर बड़ा फैसला लिया है. अब हरियाणा रोडवेज की ओर से इस लाइसेंस के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन कर दी गई है. जिससे अब उम्मीदवार घर बैठे ही आवेदन कर सकेंगे.
कौन कर सकता है आवेदन?
हाईवे हैवी ड्राइविंग लाइसेंस (HMVL) के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवार को कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी:
- आवेदक हरियाणा का मूल निवासी होना चाहिए.
- आयु 20 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए.
- LMV (हल्का मोटर वाहन) ड्राइविंग लाइसेंस कम से कम 1 वर्ष पुराना होना चाहिए.
- जिस कार्यालय से LMV लाइसेंस बना है. वहां से NOC (लाइसेंस प्रमाण पत्र) अनिवार्य है.
दस्तावेजों की सूची
ऑनलाइन आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेजों की स्कैन कॉपी जरूरी होगी:
- आधार कार्ड
- परिवार पहचान पत्र (PPP)
- जन्म प्रमाण पत्र / 10वीं की मार्कशीट
- राशन कार्ड
- NOC प्रमाण पत्र (LMV जारी करने वाली अथॉरिटी से)
- मेडिकल सर्टिफिकेट (सरकारी अस्पताल से जारी)
- शिक्षण शुल्क की रसीद
- एफिडेविट (हलफनामा)
- पासपोर्ट साइज फोटो
- पुलिस वेरीफिकेशन सर्टिफिकेट
- हस्ताक्षर (Signature)
आवेदन शुल्क और सर्विस टैक्स
वर्ग | प्रशिक्षण शुल्क | सर्विस टैक्स | कुल शुल्क |
---|---|---|---|
सामान्य / पिछड़ा वर्ग (GEN/OBC) | ₹3000 | ₹540 | ₹3540 |
अनुसूचित जाति (SC/BC) | ₹1500 | ₹270 | ₹1770 |
ट्रेनिंग और आवेदन प्रक्रिया
- ऑनलाइन आवेदन के बाद एक रजिस्ट्रेशन नंबर मिलेगा. जिसके आधार पर ट्रेनिंग का समय तय होगा.
- ट्रेनिंग की जानकारी SMS या कॉल के माध्यम से दी जाएगी.
- अगर उम्मीदवार निर्धारित समय पर उपस्थित नहीं होता है तो उसका नाम रद्द कर दिया जाएगा. ऐसे में दोबारा आवेदन करना पड़ेगा.
- ऑनलाइन आवेदन करने के 15 दिन के भीतर फॉर्म का प्रिंट आउट संबंधित हरियाणा राज्य परिवहन कार्यालय (RTO) में जमा करवाना अनिवार्य है.
कहां से करें ऑनलाइन आवेदन?
उम्मीदवार हरियाणा परिवहन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर HMVL के लिए आवेदन कर सकते हैं. वहां आपको Highway Driving License (HMVL) आवेदन फॉर्म मिलेगा. जिसे सावधानी से भरना होगा.
यह क्यों है जरूरी?
बढ़ते ट्रैफिक और दुर्घटनाओं को देखते हुए सरकार चाहती है कि हाईवे पर सिर्फ प्रशिक्षित और प्रमाणित चालक ही वाहन चलाएं. इससे सड़क सुरक्षा में सुधार होगा और ट्रैफिक नियमों का पालन भी बढ़ेगा.