10 मार्च को है गणेश चतुर्थी, इस तरह से करे भगवान गणेश और लक्ष्मी के साथ शुक्र ग्रह की पूजा

आपको बता दे, चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी शुक्रवार 10 मार्च को है इस तिथि के ऊपर भगवान गणेश जी के लिए व्रत और उपवास किया जाता है। चैत्र मास्स हिन्दू पंचांग का पहला महीना है। शुक्रवार को चतुर्थी होने से इस दिन गणेश जी के साथ ही महालक्ष्मी और शुक्र ग्रह की पूजा करने का शुभ योग है।शुक्रवार को चतुर्थी होने का कारक ग्रह शुक्र है। इस दिन देवी लक्ष्मी की भी विशेष पूजा की जाती है। शुक्रवार और चतुर्थी का योग होने से इस दिन गणेश जी के साथ ही लक्ष्मी जी और शुक्र ग्रह के लिए भी विशेष पूजा-पाठ करना चाहिए। जानिए गणेश जी, महालक्ष्मी और शुक्र ग्रह की पूजा कैसे कर सकते हैं।
चतुर्थी पर भगवान गणेश की मूर्ति को जल, दूध और पंचामृत से स्नान कराएं। पंचामृत दूध, दही, घी, मिश्री और शहद मिलाकर बनाएं। गणेश जी को जनेऊ पहनाएं। अबीर, गुलाल, चंदन, सिंदूर, इत्र, दूर्वा आदि चढ़ाएं।वस्त्र अर्पित करें। फूलों से श्रृंगार करें। लड्डुओं का भोग लगाएं। कर्पूर जलाकर आरती करें। पूजा के बाद जानी-अनजानी गलतियों के लिए गणेश जी से क्षमा मांगे। इसके बाद प्रसाद बांटें और खुद भी ग्रहण करें।
माँ लक्ष्मी की पूजा विधि
इस दिन माँ लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की भी पूजा की जाती है। विष्णु लक्ष्मी की प्रतिमा का अभिषेक किया जाता है। पीले वस्त्र अर्पित किए जाते है और शृंगार किया जाता है। तुलसी के साथ में मिठाई का भोग लगाया जाता है। धूप-दीप जलाकर आरती करें और ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें।
शिवलिंग रूप में होती है शुक्र ग्रह की पूजा
शुक्र ग्रह की पूजा शिवलिंग रूप में की जाती है। इसलिए शुक्रवार को शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं, इसके लिए चांदी के लोटे का उपयोग करेंगे तो बेहतर रहेगा। इसके बाद जल चढ़ाएं। शिवलिंग का सफेद फूल और बिल्व पत्र से श्रृंगार करें। धतूरा, आंकड़े के फूल भी चढ़ाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें। ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करें। शुक्र ग्रह के लिए दूध का दान भी करें।also read : ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक गाय को इस समय खिलाए रोटी, दूर होगी सभी तरह की परेशानियां