Rent House : अगर आप किसी नए शहर में नौकरी या किसी कारोबार के चलते सेटल हो रहे हैं और आपके मन में यह सवाल आ रहा हैं कि ऐसे में आपको किराए का मकान लेना चाहिए या अपना (advantages of renting a house) खरीदना चाहिए। ज्यादातर लोग यह सोचते हैं कि हर महीने किराये के मकान का रेंट देने से तो अच्छा है होम लोन या फिर अन्य लोन की सहायता से अपना खुद का घर खरीद लें और रेंट के पैसों से ही कर्ज की किस्तें भी चुकता हो जाएंगी और उनका अपने आशियाने का सपना भी पूरा हो जाएगा। लेकिन बिना सोचे समझे यह कदम उठाने से आपको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है। आज हम आपको बताएंगे कि घर खरीदने या फिर किराये के मकान में रहने में से ज्यादा फायदा किसमें है।
घर खरीदना या किराए पर रहना किसी भी व्यक्ति का अपना फैसला होता हैं क्योंकि उसे यह फैसला कईं चीजों को देखते हुए लेना होता हैं। इसी के चलते संपत्ति की कीमतों में तेजी होने के कारण कईं लोगों के लिए खुद का घर लेना आसान नहीं होता जिससे लोगों को मजबुर होकर भी किराए के घर की तरफ जाना पडता हैं।
लेकिन क्या आप (staying on rent benefits) जानते हैं कि किराए के घर में रहने के भी अनेकों फायदे होते हैं। इसके अलावा ये अनगिणत फायदे उन लोगों के लिए ज्यादा आकर्षक हो सकते हैं जो रहने के लिए स्थिरता तो चाहते हैं लेकिन अभी घर खरीदने के लिए तैयार नहीं हैं –
कई लोग ऐसे भी हैं जो किराये के मकान (Rent House) में रहना पसंद करते हैं। वह घर नहीं खरीदना चाहते। अगर आप अत्यधिक कीमत वाले रियल एस्टेट बाजार, लंबी कानूनी प्रक्रिया और भारी मासिक ईएमआई जैसी परिस्थितियों से बचना चाहते हैं तो किराएदार होना (benefits of being a renter) संपत्ति के मालिक होने से बेहतर वित्तीय सौदा साबित हो सकता है। अगर आप किराये के मकान में रहते हैं तो आइए जानते हैं इसके आखिर क्या फायदे मिलते हैं।
मेंटेनेंस का खर्च कम है –
किराए के मकान में रहने का सबसे बड़ा फायदा है कि आपको रखरखाव का खर्च कम देना पड़ता है। एक किरायेदार के तौर पर, आप बुनियादी रखरखाव के लिए कुछ (how staying on rent is benificial) चार्ज दे सकते हैं, लेकिन बड़ी मरम्मत या क्षति के लिए आपको कुछ सोचना नहीं होता। ये जिम्मेदारी उस मकान के मालिक की है। मकान मालिक को हो सकता है, होम लोन सहित अन्य मरम्मत या मेंटेनेंस के लिए खर्च करना होगा।
जहां चाहें वहां रहने की आजादी –
किराये के घर में रहने का किराएदार को सबसे बडा फायदा यह भी हैं कि आप अपनी पसंद के लोकेशन पर आसानी से घर बदल सकते हैं। यह आपको घर के मालिक होने की तुलना में अधिक लचीलापन देता है। यह उन लोगों के लिए एकदम सही है जो अक्सर (staying on rent or buying a property) अपनी नौकरी बदलते हैं या एक नई जगह में जाना चाहते हैं। किराएदार को बस इतना करना होता है कि घर खाली करने से पहले एक महीने का नोटिस देना होता है। इसके साथ आप अपनी मनपसंद लोकेशन का फायदा उठा सकते हैं।
किराये पर टैक्स छूट का लाभ –
किराए पर रहने से आपको कुछ आर्थिक फायदे मिल सकते हैं। आप HRA (House Rent Allowence) के लिए दावा कर सकते हैं। मेट्रो शहरों में किराएदार अपनी सैलरी का लगभग 50% तक HRA का दावा कर सकते हैं, जबकि छोटे शहरों में यह लगभग 40% होता है। यह एक बड़ा फायदा है। दूसरी तरफ, घर के मालिकों को हर साल संपत्ति कर देना होता है, जिसकी राशि घर के स्थान के आधार पर अलग-अलग होती है।
ज्यादा सुविधाएं मिलती हैं –
किराए पर रहने का एक और वित्तीय लाभ यह है कि आपको ऐसी सुविधाएँ मिलती हैं जो अन्यथा एक बड़ा खर्च हो सकती हैं। पूल, जिम या खेल के मैदान जैसी सुविधाएँ आमतौर पर मध्यम से उच्च स्तरीय आवासीय सोसायटियों में उपलब्ध होती हैं। कई मामलों में, संपत्ति का मालिक एकमुश्त रखरखाव शुल्क का भुगतान करता है, जिसमें इन सभी सुविधाओं तक पहुँचने के लिए मुफ़्त सदस्यता भी शामिल हो सकती है।
कोई एडवांस निवेश नहीं –
प्रॉपर्टी खरीदने पर, लोन (bank Loan) लेने से पहले एक बड़ी डाउन पेमेंट देनी पड़ती है। इसके बाद, प्रॉपर्टी के प्रकार या जीवनशैली के विकल्पों के आधार पर, मालिक को इंटीरियर डेकोर, फर्नीचर आदि पर भी खर्च करना पड़ता है। स्टाम्प ड्यूटी (Stamp Duty) और रजिस्ट्रेशन फीस जैसे प्रॉपर्टी टैक्स (property tax) का भुगतान मालिक को खुद करना होता है।
जबकि किरायेदार को इन जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए पहले से कोई निवेश (investment tips) नहीं करना पड़ता है। किरायेदार द्वारा चुकाई जाने वाली एकमात्र एडवांस लागत सिक्योरिटी डिपोजिट है, जो मकान खाली करते समय वापस मिल जाती है।