राजस्थान के शहर उदयपुर को शाही महलो का शहर कहते है।पिछोला झील इर्द गिर्द कई पैलेस है,जो अपनी सुंदरता से पर्यटकों को आकर्षित करते है।लेकिन इन सबमे सबसे अधिक खास है पिछोला लेक के किनारे बसी उदयपुर का सिटी पैलेस।यह पैलेस राजस्थान के शाही इतिहास और भव्यता का प्रतीक है।सिटी प्लेस कोई एक महल नहीं बल्कि कई पैलेस का समूह है,जिन्हे पूरा बनने में लगभग 400 सालो का समय लग गया था।
अगर आप राजस्थान,जयपुर,जोधपुर या उदयपुर में घूमने जाने का प्लान प्लान बना रहे है तो सिटी पैलेस में जरूर जाए।यहाँ आपको राजस्थान के लंबे इतिहास की एक छोटी झलक देखने को मिलेगी।सिटी पैलेस को साल 1559 में महाराणा उदय सिंह द्रितीय ने बनाना शुरू किया था। आदीपुर मेवाड़ साम्रज्य की आखिरी राजधानी थी।मेवाड़ की पहली राजधानी चितोड़ थी।उदयपुर का स्ति पैलेस नागर,राजपूत और मुगल शैली का मिश्रण है।
आकर्षित करती है सिटी पैलेस की वस्तुकता
महल की दीवारी और स्तभों पर जटिल नक्काशी की गयी है,जिसमे फूलो,जानवरो और देवी – देवताओ की आकृतिया उकेरी गयी है।इस महत्व में आपको अलग अलग चित्र का एक विशाल संग्रह देखने को मिलेगा। जिसमे रामायण,महाभारत और कृष्ण लीला के द्र्श्यो का छितरण किया गया है। महल में रखी संगमरमर और धातु से बनी मुर्तिया भी देखने लायक है।
सिटी पैलेस खुलने का समय
पर्यटकों के लिए सिटी पैलेस सुबह 9:30 से शाम 4:40 बजे तक खुला रहता है।पैलेस में प्रवेश करने के लिए आपको टिकट लेना होगा। भारतीय नागरिको के लिए टिकट का मूल्य 30 और विदेशी पर्यटकों के लिए प्रवेश टिकट का मूल्य 300 है।सिटी पैलेस उदयपुर के मुख्य शहर में लेक पिछोला के पास ही है।इसलिए उदयपुर एयरपोर्ट से बस ,टेक्सी या किराए पर गाड़िया लेकर आप आराम से सिटी पैलेस पहुंच सकते है।