Transaction Rules : पहले पैसों के लेनदेन के लिए नकद राशि का ही अधिकतर उपयोग किया जाता था, लेकिन अब डिजिटल के जमाने में रुपयों के लेनदेन के कई तरीके हैं। इनमें यूपीआई (UPI), डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, चेक से भुगतान करना आदि भी शामिल हैं। इन सभी पर इनकम टैक्स विभाग (income tax department) की पैनी नजर होती है। खासतौर से 7 तरह की ट्रांजेक्शन पर तो विभाग चील की तरह नजर रखता है। जरा सी गड़बड़ी व शंका पर तुरंत नोटिस (IT notice) आ जाता है। इन ट्रांजेक्शन के बारे में में आप भी जरूर जान लें, ताकि परेशानी से बचा जा सके।
आजकल बिजी लाइफ के चलते लोगों ने लेनदेन के लिए भी हाईटेक तरीके अपना लिए हैं। इनके लाखों की ट्रांजेक्शन (IT notice on transactions) मिनटों में हो जाती है। हर छोटी बड़ी ट्रांजेक्शन पर इनकम टैक्स विभाग कड़ी निगरानी रखता है।
इन ट्रांजेक्शंस के लिए विभाग ने नियम भी तय कर रखे हैं। इन नियमों का उल्लंघन होते ही विभाग (income tax transaction rules) फौरन कार्रवाई करते हुए नोटिस भेजकर संबंधित व्यक्ति से जवाब भी तलब कर लेता है। आप इसकी नजरों से चाहकर भी नहीं बच सकते। कोई किसी तरह की परेशानी आपके लिए न बने, इसलिए पहले ही इन ट्रांजेक्शंस (cash transaction rules ) को लेकर बनाए गए नियमों को जान लें।
1. क्रेडिट कार्ड यूजर जान लें यह बात-
अगर आप क्रेडिट कार्ड (Credit Card) यूज करते हैं तो आपको संभलकर ट्रांजेक्शन करने की जरूरत है। इस पर सालाना 2 लाख से ज्यादा का खर्च करते हैं, तो आपको इनकम टैक्स (Income Tax) विभाग के नोटिस का जवाब देना पड़ सकता है। बड़ी ट्रांजैक्शन को लेकर भी विभाग चील जैसी नजर रखता है।
अगर आपने एक साल में विदेश यात्रा पर 2 लाख से ज्यादा का खर्च किया है, तो इसका डाटा इनकम टैक्स विभाग को जाता है और आपको नोटिस (Income tax notice) आ जाएगा, जिसका जवाब आपको देना ही होगा। अगर जवाब नहीं देते हैं तो विभाग अन्य कार्रवाई भी कर सकता है।
2. कैश में न करें क्रेडिट कार्ड बिल का इतना भुगतान –
नकद में लेन देन की लिमिट (Credit Card limit) नियम के अनुसार 20 हजार रुपये तक की है, क्रेडिट कार्ड के बिल (Credit Card Bill) का भुगतान 1 लाख रुपये कैश में किया तो भी आप मुश्किल में फंस सकते हैं। इस लेन-देन पर संदेह होने पर जांच हो सकती है और यह काले धन की तस्करी से जुड़ा माना जाता है। ऐसे मामले में जुर्माना या सजा (fine on big transactions) भी हो सकती है।
3. म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार से जुड़ी ट्रांजैक्शन-
म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार (investment in share market) में एक साल में 10 लाख रुपये से ज्यादा की ट्रांजेक्शन या निवेश पर विभाग आपको नोटिस भेज सकता है। म्यूचुअल फंड (Mutual Fund), शेयर या बॉन्ड्स में निवेश करते समय इन बातों ध्यान रखें व नियमानुसार लेन देन करें।
4. प्रॉपर्टी के मामले में ट्रांजेक्शन का नियम-
30 लाख रुपये से ज्यादा की प्रोपर्टी खरीदते (property investment) समय आपको विभाग को यह जानकारी देनी होगी। इस आय के स्रोत को बताना होगा। नहीं तो आपको नोटिस आ सकता है।
5. नकद जमा को लेकर नियम- डिपॉजिट
बैंक खाते पैसे जमा (Cash deposit rules) कराने का भी एक नियम है। 10 लाख रुपये से ज्यादा की रकम खाते में जमा कराने पर बैंक विभाग का सूचित करता है और आपको नोटिस आ सकता है।
6. बिजनेस करने वाले रखें इस बात का ध्यान-
बिजनेस में कई बार लोग नकद में अधिक लेन देन करते हैं, इससे वे विभाग की रडार पर आ सकते हैं। बिजनेस ट्रांजैक्शन पर इनकम टैक्स विभाग (IT department) की कड़ी नजर रहती है। 50,000 रुपये से ज्यादा की बिजनेस ट्रांजेक्शन (business transactions) पर विभाग आपको नोटिस भेजकर जवाब मांग सकता है।
7. इनके अलावा अगर नकद में किसी व्यक्ति से एक दिन में 20 हजार रुपये (cash transaction rules) का लेन देन करते हैं तो भी विभाग का नोटिस आ सकता है। नोटिस का जवाब तय अवधि में ग्राहक को देना होता है। नोटिस आने पर उसे ध्यान से पढ़ें व जो पूछा गया है उसका सही से जवाब (how to reply IT notice) दें। इसके लिए आप सीए या कानूनी विशेषज्ञ की मदद ले सकते हैं।