भारत में इनकम टैक्स कानून के तहत कैश लेन-देन पर कई प्रकार की सीमाएं लगाई गई हैं। इन सीमाओं का पालन करना न केवल कानूनी रूप से आवश्यक है, बल्कि इससे आप अनावश्यक टैक्स नोटिस और पेनल्टी से भी बच सकते हैं। इस ब्लॉग में हम उन महत्वपूर्ण कैश लेन-देन की सीमाओं के बारे में चर्चा करेंगे, जिनका ध्यान रखना हर व्यक्ति और व्यवसाय के लिए जरूरी है।
1. एक दिन में 2 लाख रुपये से अधिक कैश प्राप्त करना प्रतिबंधित है
इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 269ST के तहत, कोई भी व्यक्ति या संस्था एक दिन में 2 लाख रुपये से अधिक कैश में प्राप्त नहीं कर सकता। यह सीमा किसी एक व्यक्ति से, एक ही लेन-देन में, या एक ही उद्देश्य के लिए किए गए कई लेन-देन पर लागू होती है।
उदाहरण: यदि आप किसी को 2 लाख रुपये से अधिक कैश में भुगतान करते हैं या प्राप्त करते हैं, तो यह कानून का उल्लंघन होगा।
पेनल्टी: इस नियम का उल्लंघन करने पर प्राप्त की गई पूरी राशि के बराबर पेनल्टी लगाई जा सकती है।
2. 10,000 रुपये से अधिक का कैश खर्च व्यवसाय के लिए प्रतिबंधित
यदि आप व्यवसाय या पेशे से जुड़े खर्चों के लिए 10,000 रुपये से अधिक का भुगतान कैश में करते हैं, तो वह खर्च टैक्स गणना में मान्य नहीं होगा।
उदाहरण: यदि आपने किसी सप्लायर को 15,000 रुपये कैश में भुगतान किया, तो यह खर्च आपकी आय से घटाया नहीं जाएगा।ध्यान दें: ट्रांसपोर्टरों के लिए यह सीमा 35,000 रुपये है।
3. 20,000 रुपये से अधिक का कैश लोन या डिपॉजिट लेना/देना प्रतिबंधित
धारा 269SS और 269T के तहत, 20,000 रुपये से अधिक का लोन या डिपॉजिट कैश में लेना या चुकाना प्रतिबंधित है।
उदाहरण: यदि आप किसी से 25,000 रुपये कैश में उधार लेते हैं या वापस करते हैं, तो यह नियम का उल्लंघन होगा।
पेनल्टी: इस नियम का उल्लंघन करने पर 100% पेनल्टी लगाई जा सकती है।
4. 2 लाख रुपये से अधिक की शादी या अन्य व्यक्तिगत खर्च कैश में न करें
शादी जैसे बड़े आयोजनों में 2 लाख रुपये से अधिक का भुगतान कैश में करना प्रतिबंधित है। यह नियम व्यक्तिगत खर्चों पर भी लागू होता है।ध्यान दें: यदि आप किसी वेंडर को 2 लाख रुपये से अधिक का भुगतान कैश में करते हैं, तो वह वेंडर और आप दोनों टैक्स विभाग की जांच के दायरे में आ सकते हैं।
5. बैंक से 50,000 रुपये से अधिक कैश जमा करते समय पैन नंबर देना अनिवार्य
यदि आप बैंक में 50,000 रुपये से अधिक कैश जमा करते हैं, तो आपको अपना पैन नंबर देना होगा। इसके अलावा, एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये से अधिक कैश जमा करने पर बैंक इसे आयकर विभाग को रिपोर्ट करता है।
6. 2 लाख रुपये से अधिक की संपत्ति खरीदने/बेचने में कैश का उपयोग न करें
यदि आप 2 लाख रुपये से अधिक की संपत्ति खरीदते या बेचते हैं, तो भुगतान केवल बैंकिंग माध्यम (जैसे चेक, डिमांड ड्राफ्ट, या ऑनलाइन ट्रांसफर) से करें।
कैश लेन-देन में सावधानी क्यों जरूरी है?
इनकम टैक्स विभाग कैश लेन-देन पर कड़ी नजर रखता है। यदि आप इन नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो आपको भारी पेनल्टी का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, टैक्स चोरी के मामलों में कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।