Income Tax : खेती की कमाई पर टैक्स नहीं लगता है। खेती की जमीन बेचने और खेती करके फसल बेचना, दोनों ही आय टैक्स फ्री (Income Tax) हैं। ऐसे में कई मामले ऐसे सामने आए हैं जिनमें खेती की कमाई दिखाकर टैक्स पर छूट ले रखी है। ऐसे मामलों में अब सेटेलाइट से पोल खोलकर जांच की जा रही है। जिन्होंने ऐसा किया है वो अब सावधान हो जाएं।
आयकर विभाग की ओर से लगातार देश में धन के लेन देन व लोगों की आय पर नजर रखी जाती है। जहां आय टैक्स (Income Tax) के दायरे में आती है वहां से आयकर विभाग टैक्स वसूलता है, इसके साथ ही हेराफेरी करके टैक्स बचाने वालों को आयकर (Income Tax) विभाग अपने शिकंजे में लेकर उनपर कार्रवाई करता है।
आयकर को चोरी करना लोगों को भारी पड़ने वाला है। देश के कई मामलों में खेती दिखाकर इनकम टैक्स बचाने की कोशिशें की गई है। यह सीधे सीधे आयकर चोरी का मामला बनता है। अन्य काम करके खेती की जमीन पर खेती की आय दिखाकर भी टैक्स बचाया गया है।
टैक्स में हेराफेरी पड़ेगी महंगी
जिन लोगों ने खेती की आड़ में टैक्स बचाया है उनको सावधान होने की जरूरत है। आयकर विभाग (Income Tax Department) ने ऐसे लोगों को पकड़ने के लिए अनोखा तरीका ढूंढ निकाला है। इसमें आयकर विभाग सैटेलाइट इमेजनरी के माध्यम से टैक्स बचाने वालों को पकड़ रहा है। इस प्रकार का केस हैदराबाद में भी सामने आया है। इसमें खेती की आड़ में टैक्स बचाने की नाकाम कोशिश की गई है।
यहां आया मामला पकड़ में
टैक्स बचाने का मामला हैदराबाद में सामने आया है। यहां पर आयकर विभाग ने ऐसा मामला पकड़ा है, जिसमें किसान ने इनकम टैक्स (Income Tax deduction) में छूट के लिए हैदराबाद व आस-पास की जमीन से 7 लाख रुपये प्रति एकड़ खेती की आमदनी दिखा दी है। साथ ही खेती की जमीन पर 1 लाख रुपये प्रति एकड़ किराये की आमदनी का दावा किया गया है।
आंकड़े हो गए मिस मैच
आयकर विभाग के साथ चालाकी कर टैक्स बचाने के चक्कर में व्यक्ति सैटेलाइट इमेजरी की रडार पर आ गया है। आयकर विभाग (Income Tax) ने सैटेलाइट का उपयोग करके देखा तो आंकड़े मिस मैच मिले हैं। खेती की आमदनी पर आयकर विभाग और जीएसटी दोनों ही कर नहीं लगाते हैं, लेकिन खेती की आमदनी को ब्लैक मनी को वाइट करने में इस्तेमाल किया जाने लगा है।
देशभर में खंगाले जा रहे मामले
आयकर विभाग के सामने ऐसा मामला आया तो देशभर में ऐसे मामलों को खंगालना शुरू कर दिया है। इनकम टैक्स (Income Tax News) डिपार्टमेंट पूरे देश में छानबीन कर रहा है। कई राज्यों में हैरान करने वाले ऐसे मामले आए हैं जहां लोगों और कंपनियों ने बिना जमीन ही 50 लाख रुपये और इससे ज्यादा रुपये को खेती की आमदनी दिखाया है।
इसके लिए विभाग ने नोटिस भी भेजे हैं। यह किसान उन लगभग 50 व्यक्तियों में शामिल हैं, जिन्हें आयकर जांच टीम की ओर से 50 लाख रुपये प्रति वर्ष या 5 लाख रुपये प्रति एकड़ से अधिक की खेती की आय दिखाई है।
इन राज्यों में की जा रही जांच
कई राज्यों में ऐसे मामलों की जांच शुरू की गई है। यहां, लोगों की ओर से कृषि की आय को बेहद ज्यादा दिखा रखा है, जबकि कृषि से सालाना इतनी आमदनी प्रति एकड़ बहुत मुश्किल है। इसके लिए ऐसे मामलों में आयकर रिटर्न (Income Tax Return) का मूल्यांकन दौबारा किया जा रहा है। तेलंगाना और मध्य प्रदेश यह जांच जारी है।
सैटेलाइट फोटो बनी जांच का सहारा
ऐसे मामलों में सैटेलाइट फोटो आयकर विभाग की जांच का सहारा बनी है। आयकर विभाग 5 लाख रुपये प्रति एकड़ की फर्जी खेती की आमदनी दिखाए गए मामलों पर नजर बनाए हुए है। आंकड़े आम चलन और सरकारी आंकड़ों से पूरी तरह भिन्न हैं। सैटेलाइट इमेजरी (Income Tax) के सहारे आयकर विभाग ने पिछले कुछ वर्षों में कुछ खेती वाली जमीन पर खेती ही नहीं मिली है। वहीं, कुछ जमीने रियल एस्टेट में बदली गई हैं। इनपर भी खेती की आमदनी का दावा किया गया है। इसमें कई नेता और रसूखदार भी जांच में फंस सकते हैं।
यहां मिलती है टैक्स में छूट
जांच के लिए 150 मामले चिह्नित किए गए हैं। इनमें मिला है कि जमीन के मालिकों ने खेती के सबूत के बिना बड़ी खेती में आमदनी घोषित कर दी है। वहीं, एक ने तो छोटे-छोटे प्लॉट काटकर बेचकर कृषि भूमि का दावा कर लेनदेन पर टैक्स छूट (Income Tax) का दावा कर रखा है। उक्त व्यक्ति ने इसे बिजनेस की कमाई के बजाय खेती की आमदनी माना है। केवल खेती के लिए प्रयोग पर ही खेती की जमीन पर टैक्स में छूट मिलती है।