क्या आपको भी इनकम टैक्स विभाग से ईमेल या मैसेज मिला है? घबराएं नहीं, यह कोई नोटिस नहीं बल्कि विभाग का एक खास ‘Nudge’ है। अपनी टैक्स फाइलिंग में होने वाली गलतियों और भारी जुर्माने से खुद को कैसे बचाएं? जानें इस मैसेज का असली मतलब और उठाएं ये जरूरी कदम।
अगर आपको इनकम टैक्स विभाग से भारी ट्रांजैक्शन (Financial Transaction) को लेकर कोई मैसेज या ईमेल मिला है, तो डरने की जरूरत नहीं है। विभाग ने साफ किया है कि यह कोई कानूनी नोटिस या सजा की चेतावनी नहीं है। दरअसल, यह एक रिमाइंडर (Remainder) है ताकि जिन लोगों ने अभी तक अपना ITR फाइल नहीं किया है, वे इसे समय पर पूरा कर लें। वहीं, जिन्होंने रिटर्न भर दिया है, वे अपनी गलतियों को सुधार सकें। विभाग का मकसद केवल टैक्सपेयर्स को जागरूक करना है ताकि भविष्य में किसी भी परेशानी से बचा जा सके।
इनकम टैक्स विभाग के मैसेज से घबराएं नहीं, विभाग ने दी बड़ी राहत
आयकर विभाग की ओर से मिल रहे मैसेज को लेकर कई टैक्सपेयर्स इस डर में थे कि शायद उनसे टैक्स भरने में कोई बड़ी गलती हो गई है। लोगों की चिंता दूर करते हुए विभाग ने साफ किया है कि ये मैसेज किसी सजा के लिए नहीं, बल्कि टैक्सपेयर्स की मदद के लिए भेजे गए हैं। इनका उद्देश्य केवल यह है कि आप अपने इनकम टैक्स रिटर्न की दोबारा जांच कर लें और यदि अनजाने में कोई गलत क्लेम या गलती हो गई है, तो उसे खुद ही सुधार लें। यह विभाग की ओर से आपको बिना किसी पेनल्टी के गलती सुधारने का एक मौका है।
आयकर विभाग के मैसेज का मुख्य उद्देश्य
- AIS की समीक्षा: यह मैसेज टैक्सपेयर्स को अपना Annual Information Statement (AIS) चेक करने के लिए भेजा गया है ताकि वे अपनी आय और निवेश के विवरण का मिलान कर सकें।
- गलती सुधारने का मौका: यदि पुराने रिटर्न में कोई जानकारी छूट गई है या गलत क्लेम दर्ज हो गया है, तो टैक्सपेयर खुद उसे सुधार सकते हैं।
- ऑनलाइन फीडबैक की सुविधा: विभाग ने टैक्सपेयर्स को कम्प्लायंस पोर्टल के जरिए ऑनलाइन फीडबैक देने का विकल्प दिया है, जिससे विभाग और नागरिक के बीच पारदर्शिता बनी रहे।
- संशोधित रिटर्न (Revised Return): अगर जरूरत हो, तो टैक्सपेयर अपना पहले से फाइल किया गया रिटर्न बदल सकते हैं या नया रिटर्न जमा कर सकते हैं।
- घबराने की जरूरत नहीं: विभाग ने स्पष्ट किया है कि ये मैसेज केवल जागरूकता और मदद के लिए हैं, न कि किसी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी।
अपनी टैक्स जानकारी जांचने और सुधारने का मौका
इनकम टैक्स विभाग टैक्सपेयर्स को मैसेज भेजकर यह सलाह दे रहा है कि वे अपने एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) की सावधानीपूर्वक जांच कर लें। इस संदेश का मुख्य उद्देश्य टैक्सपेयर्स को यह सूचित करना है कि यदि उनके टैक्स विवरण में कोई जानकारी छूट गई है या गलत दर्ज हुई है, तो वे उसे समय रहते सुधार सकें। विभाग की ओर से यह एक तरह की मदद है ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की कानूनी उलझन या नोटिस से बचा जा सके और टैक्स प्रक्रिया पारदर्शी बनी रहे।
31 दिसंबर तक सुधारें अपनी गलतियां
इनकम टैक्स विभाग ने टैक्सपेयर्स को भविष्य की कानूनी परेशानियों और जांच से बचाने के लिए एक खास मौका दिया है। अब आप विभाग के पोर्टल पर जाकर अपनी जानकारी का ऑनलाइन फीडबैक दे सकते हैं और यदि पुराने रिटर्न में कोई सुधार करना हो, तो उसे रिवाइज भी कर सकते हैं। जिन लोगों ने अब तक अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल नहीं किया है, उनके पास 31 दिसंबर 2025 तक का समय है। समय रहते यह प्रक्रिया पूरी करने से आप न केवल विवादों से बचेंगे, बल्कि सुचारू टैक्स फाइलिंग भी सुनिश्चित कर पाएंगे।
