Income Tax Rules : प्रोपर्टी की खरीद बेच करते समय खरीददार व विक्रेता की ओर से कई बार मोटी रकम का लेनदेन कैश में किया जाता है। इनकम टैक्स विभाग (Income Tax department) ने कैश में लेन देन को लेकर नियम तय किए हुए हैं। एक तय राशि से अधिक लेन देन कैश में किया तो विभाग तुरंत नोटिस भेजकर जवाब मांग लेगा। इसलिए आपको प्रोपर्टी बेचने (property selling tips) के दौरान कैश में किए जाने वाले लेनदेन की लिमिट का जरूर पता होना चाहिए।
प्रॉपर्टी की डीलिंग आसान काम नहीं है। इसमें कदम कदम पर पैसों का आदान प्रदान होता रहता है। प्रोपर्टी बेचने के शुरुआती चरण से लेकर रजिस्ट्री तक भी हर तरह के लेन देन (cash transaction rules) के लिए आयकर विभाग के नियमों का पालन करना जरूरी होता है।
कैश में लेनदेन की भी एक लिमिट तय है और इस लिमिट (Cash payment limit in property ) को क्रोस करना आपको भारी पड़ सकता है। अगर जरा सी लापरवाही हुई तो विभाग तुरंत नोटिस भेजकर जवाब मांग लेगा। इसके बाद आपकी परेशानियां और बढ़ जाएंगी। इसलिए प्रोपर्टी का सौदा करने से पहले लेनदेन के इन नियमों (income tax new rules) को अवश्य जान लें।
उल्लंघन करते ही लगेगा इतना जुर्माना-
इनकम टैक्स एक्ट (income tax act) की धारा 269SS में प्रावधान है कि घर या खेत की जमीन, फ्लैट या अन्य तरह की अचल संपत्ति (property knowledge) बेचते समय कोई व्यक्ति 20,000 रुपये या उससे अधिक की रकम कैश में लेता है तो उसे 100 प्रतिशत जुर्माना देना पड़ेगा यानी कैश में ली गई वह पूरी रकम हर्जाने के रूप में चली जाएगी। अगर कोई व्यक्ति 40 हजार रुपये कैश में लेता है तो 40 हजार ही जुर्माना लगेगा। यह रकम पेनेल्टी (panelity on case transaction) लगने के बाद आयकर विभाग के पास पहुंच जाएगी।
सरकारी कंपनी पर लागू नहीं यह नियम-
आयकर कानून की धारा 269T में प्रावधान है कि अगर प्रोपर्टी (property buying rules) का कोई सौदा रद्द हो जाता है और खरीदार प्रोपर्टी विक्रेता से नकद में ही रकम वापस लेता है तो उस समय भी फिर से पेनल्टी लगेगी। अगर 20,000 रुपये या उससे ज्यादा की रकम कैश (cash limit for property) में ली गई या लौटाई गई तो 269SS की तरह 100 प्रतिशत जुर्माना लगेगा। यह पूरी रकम पेनल्टी में लगेगी। यह भी बता दें कि ये कानून सरकार, सरकारी कंपनी, बैंकिंग कंपनी या केंद्रीय सरकार की ओर से चिह्नित किए गए खास व्यक्ति व संस्थान पर लागू नहीं है।
संभलकर करें रुपयों का लेनदेन-
प्रॉपर्टी के रेट (property rates) काफी अधिक होते हैं और इस सौदे में मोटी रकम का आदान-प्रदान होता है। नियम अनुसार 20 हजार (cash limit in property selling) से नीचे तक ही कैश में लेनदेन कर सकते हैं। इसके ऊपर की राशि चेक या इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजेक्शन यानी इंटरनेट बैंकिंग (internet banking) के जरिये कर सकते हैं।
यहां पर बता दें कि रजिस्ट्रार की ओर से आमतौर पर प्रॉपर्टी के लिए कैश में हुए लेनदेन की वजह से रजिस्ट्री कैंसल नहीं की जाती, लेकिन इस लेनदेन की जानकारी आयकर विभाग को अवश्य भेजेंगे। इसके बाद आपको नोटिस (IT notice rules) आ सकता है।