Income Tax Raid : इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की रेड सुर्खियों में है. आयकर विभाग ने जूता कारोबारियों पर कार्रवाई की, जो करीब 80 घंटे चली. इस दौरान, इनकम टैक्स की टीम ने लगभग 57 करोड़ रुपये का नकद, सोने की ज्वेलरी, संपत्ति में निवेश और करोड़ों रुपये की पर्चियां बरामद कीं-
हाल के दिनों में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की रेड सुर्खियों में है. नासिक, महाराष्ट्र में सर्राफा व्यवसायी के ठिकाने पर हुई रेड में 26 करोड़ रुपए नगद और 90 करोड़ रुपए की बेनामी संपत्ति (benami property) के दस्तावेज बरामद किए गए. जब्त किए गए 26 करोड़ कैश (cash) को गिरने में इनकम टैक्स को 14 घंटे लगे हैं. करीब 30 घंटे तक सर्राफा व्यवसायी के यहां यह रेड चली. हैरान करने वाली बात यह है कि करोड़ों रुपये फर्नीचर के अंदर छुपाकर रखे गए थे.
22 मई 2024 को आगरा में आयकर विभाग ने जूता कारोबारियों पर कार्रवाई की, जो करीब 80 घंटे चली. इस दौरान, इनकम टैक्स की टीम ने लगभग 57 करोड़ रुपये का नकद, सोने की ज्वेलरी, संपत्ति (Property) में निवेश और करोड़ों रुपये की पर्चियां बरामद कीं. यह कार्रवाई जूता कारोबारियों की वित्तीय गतिविधियों की जांच के लिए की गई थी.
मध्य प्रदेश के कटनी जिले में 16 मई को आयकर विभाग द्वारा रेड की गई. यह रेड 19 मई तक चली. इस रेड में व्यापारियों के यहां से 150 करोड़ रुपये से ज्यादा कैश बरामद किए गए. जिन व्यापारियों पर छापा मारा गया है उनमें अनिल इंडस्ट्रीज के अलावा, जिले के कई अन्य बड़े व्यापारी भी शामिल थे.
5 मई को राजस्थान में आयकर विभाग ने अब तक की सबसे बड़ी छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया गया. राजस्थान के जेकेजे ज्वेलर्स ग्रुप के ठिकानों पर आयकर विभाग की ओर से मारे गए छापों में 800 करोड़ रुपये से ज्यादा की ब्लैक मनी का खुलासा हुआ था.
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और बिजनेसमैन धीरज साहू के ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापा मारा। यह छापा झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में उनके 9 ठिकानों पर कार्रवाई की गई. तलाशी के दौरान 351 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई, जो एक रिकॉर्ड है. यह रिकॉर्ड एक ही ऑपरेशन (Operation) में किसी भी एजेंसी द्वारा अब तक की सबसे बड़ी नकदी की बरामदगी के रूप में दर्ज किया गया है.
सितंबर 2022 में आईटी विभाग ने विभिन्न एनजीओ (NGO) पर छापेमारी की, जिसमें ग्लोबल एनजीओ ऑक्सफैम इंडिया और थिंक टैंक सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (सीपीआर) शामिल थे. यह छापेमारी इन एनजीओ को प्राप्त कथित एफसीआरए उल्लंघन निधि से संबंधित जांच का एक हिस्सा थी. रिपोर्टों के अनुसार आईटी विभाग (IT Department) इन एनजीओ की बैलेंस शीट (balance sheet) और एफसीआरए (FCRA) के माध्यम से प्राप्त धन की प्राप्ति की खोज कर रहा था.