Income Tax : इनकम टैक्स के नियमों के बारे में कई लोगों को जानकारी नहीं होती, जिससे वे अपनी आय और उस पर लगने वाले टैक्स को लेकर भ्रमित रहते हैं। कुछ लोगों को तो यह भी नहीं पता होता कि उनकी आय इनकम टैक्स के दायरे में आती है या नहीं। आज हम इस खबर में इन 10 इनकम के बारे में जानेंगे, जिनपर एक रूपया भी टैक्स नहीं लगता। आइए जानते हैं विस्तार से –
टैक्स भरना किसी भी नागरिक की अपने देश के प्रति जिम्मेदारी का प्रतीक होता है। इस बार भी ज्यादातर लोग अपना आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल कर चुके होंगे। बता दें कि इस साल आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई थी। अगर आप अगली बार अपनी आय पर लगने वाले टैक्स को बचाना चाहते हैं, तो यह जानना बेहद जरूरी है कि किन आय के स्रोतों पर इनकम टैक्स लगता है और किन पर नहीं।
इस जानकारी के साथ, आप न केवल अपना रिटर्न सही तरीके से भर पाएंगे, बल्कि टैक्स बचाने में भी सक्षम होंगे। आज हम आपको उन 10 प्रकार की आय के बारे में बताएंगे जिन पर आपको इनकम टैक्स (Income Tax) नहीं देना होता।
एनआरई खातों से मिलने वाली ब्याज आय
एनआरई (Non-Resident External) खाते एनआरआई के लिए एक विशेष बैंक खाता है, जिसमें उन्हें कर-मुक्त ब्याज मिलता है। एनआरई जमा पर मिलने वाला ब्याज टैक्स से मुक्त होता है, जिससे यह एनआरआई के लिए एक आकर्षक विकल्प बनता है। इन खातों का मुख्य उद्देश्य एनआरआई (NRI) को अपने देश में धन जमा करने और प्रबंधित करने में मदद करना है। एनआरई खातों के माध्यम से, एनआरआई आसानी से अपने मूल निवास स्थान पर भी धन का हस्तांतरण कर सकते हैं।
कृषि आय
भारत में कृषि से होने वाली आय पर इनकम टैक्स से पूरी तरह छूट है। यह छूट केवल फसल बेचने पर नहीं मिलती, बल्कि इसमें कृषि भूमि या इमारतों से मिलने वाले किराए और कृषि भूमि को खरीदने या बेचने से होने वाले लाभ भी शामिल हैं।
कर-मुक्त पेंशन
कुछ संगठनों, जैसे कि यूएनओ (संयुक्त राष्ट्र संगठन), से मिलने वाली पेंशन कर से मुक्त होती है। इसका मतलब है कि यदि आप इन संगठनों के तहत काम कर चुके हैं और आपको पेंशन मिलती है, तो उस पर आपको इनकम टैक्स नहीं देना होगा।
इसके अलावा, कर्मचारियों के आश्रितों द्वारा प्राप्त पारिवारिक पेंशन भी कर-मुक्त होती है। इसका लाभ उन परिवारों को होता है जिनके मुख्य कमाई करने वाले सदस्य की मृत्यु हो चुकी है और उनकी पेंशन उनके परिवार के सदस्यों को दी जाती है।
भविष्य निधि पर नही कोई कर
भारत में कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत पंजीकृत कंपनियों के लिए अनिवार्य बचत योजनाएं, भविष्य निधि, उम्र के साथ बढ़ती हैं और नौकरी से आपकी सेवानिवृत्ति पर कर-मुक्त हो जाती हैं। कर्मचारी भविष्य निधि कर-मुक्त (provident fund tax free) रिटर्न प्रदान करती है, बशर्ते कर्मचारी ने 5 साल से अधिक समय तक सक्रिय रूप से योगदान दिया हो, भले ही उन्होंने इस अवधि के दौरान नियोक्ता बदल दिया हो।
ग्रेच्युटी
निजी क्षेत्र में, सेवानिवृत्ति के समय यदि कर्मचारियों को 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी राशि प्राप्त होती है, तो उन्हें इस पर इनकम टैक्स (Income Tax Rule) नहीं देना होता। यह नियम उन कर्मचारियों के लिए फायदेमंद है, जो अपनी सेवा के अंत में ग्रेच्युटी के रूप में एकमुश्त राशि प्राप्त करते हैं। ग्रेच्युटी (gratuity) एक ऐसी राशि है जो कर्मचारी की सेवा के दौरान उनकी मेहनत और योगदान के लिए उन्हें दी जाती है। इस छूट का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है, ताकि वे सेवानिवृत्ति के बाद अपनी आय को आसानी से प्रबंधित कर सकें।
कैपिटल गेन है कर-मुक्त
कुछ कैपिटल गेन भी कर-मुक्त (Capital gains tax-free) होते हैं। शहरी कृषि भूमि के बदले मुआवज़ा पाने वाले व्यक्तियों को इनकम टैक्स का भुगतान नहीं करना पड़ता है।
पार्टनरशिप फर्म से लाभ पर…
आयकर अधिनियम (income tax act) के तहत, पार्टनरशिप फर्म की आय पर इकाई स्तर पर कर लगाया जाता है। फर्म के लिए काम करने वाले पार्टनर आयकर का भुगतान नहीं करते हैं क्योंकि उन्हें करों का भुगतान करने के बाद लाभ का हिस्सा मिलता है।
छात्रवृत्ति
पढ़ाई के लिए सरकारी और निजी संस्थानों से छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले छात्रों को इनकम टैक्स से छूट मिलती है। इसका मतलब है कि यदि आप किसी भी प्रकार की छात्रवृत्ति हासिल करते हैं, तो आपको उस राशि पर टैक्स नहीं देना होगा। यह छूट छात्रों के लिए बहुत फायदेमंद है, क्योंकि इससे उन्हें अपनी शिक्षा के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता मिलती है
स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति पर नही कोई टैक्स
सेवानिवृत्ति से पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति पर प्राप्त राशि 5 लाख रुपये तक कर से मुक्त (Amount received on voluntary retirement tax free) है। रिश्तेदारों से या शादी के अवसर पर प्राप्त उपहार भी कर से मुक्त हैं।
भत्ते या कोई मुआवजा पर नही लगता टैक्स
भारत में कुछ भत्ते कर से मुक्त होते हैं, जिसका अर्थ है कि इन भत्तों पर किसी भी तरह का इनकम टैक्स नहीं लगता। उदाहरण के लिए, भारत सरकार द्वारा विदेश में काम करने वाले कर्मचारियों को दिए जाने वाले विदेशी भत्ते पूरी तरह से कर-मुक्त हैं। इसके अलावा, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) से सेवानिवृत्ति के समय मिलने वाला मुआवजा भी कर से मुक्त होता है।