ईपीएस न्यूनतम पेंशन? कर्मचारी भविष्य निधि संगठन, मोदी सरकार और पेंशनभोगियों का आंदोलन ! ये सभी आपस में जुड़े तार हैं ! लेकिन, न्यूनतम पेंशन की बढ़ोत्तरी के मामले में सब लाचार हैं ! आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है !
सरकार को क्या सुझाव दें और सरकार क्या करे ! इस विषय पर आप सभी को नया अपडेट बताने जा रहे हैं ! तो चलिए जानते हैं कि नियोक्ताओं और कर्मचारियों का पेंशन फंड में योगदान कम से कम 10% होने पर बढ़ जाएगी पेंशन जानिए विस्तार से….
पेंशनर्स रामकृष्ण पिल्लई ने लिखा-राजनेताओं को पेंशन नहीं दी जाती ! केवल निर्वाचित सदस्यों को ही पेंशन दी जाती है ! उन्हें सरकारी कर्मचारी माना जाता है ! वास्तव में वे सरकारी कर्मचारी ही हैं सरकार उनकी नियोक्ता है ! इसलिए सरकार उन्हें पेंशन दे रही है ! मुझे लगता है कि पेंशन सेवा के अनुपात में होनी चाहिए ! अन्यथा, इसमें कुछ भी गलत नहीं है !
Employees’ Provident Fund Organisation
आपने सरकार के लिए काम नहीं किया आप सरकारी कर्मचारी नहीं हैं ! फिर सरकार निजी कंपनियों में काम करने के लिए पेंशन क्यों दे? अगर आपका नियोक्ता आपको पेंशन देता है ! तो सरकार को कोई आपत्ति नहीं है ! मुझे खुशी होगी अगर सरकार सभी कर्मचारी पेंशन योजना वरिष्ठ नागरिकों को कल्याणकारी उपाय के रूप में वृद्धावस्था पेंशन दे !
कर्मचारी पेंशन योजना ईपीएस पेंशन सरकार द्वारा नहीं दी जाती हैं ! यह आपके द्वारा बनाए गए फंड द्वारा आपके छोटे-छोटे योगदान से भुगतान की जाती है ! यहां पेंशन के लिए केवल आपका कुल योगदान मायने रखता है आपकी कुल सेवा नहीं !
Pension Fund
ईपीएफ निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा है ! जहां नियोक्ता को मिलान योगदान करना अनिवार्य है ! सरकार को नियोक्ताओं/कर्मचारियों द्वारा पेंशन फंड में अधिक योगदान के लिए आदेश देना चाहिए ! यह बिना किसी सीमा के वेतन का कम से कम 10% होना चाहिए ! यदि नहीं तो नियोक्ताओं का पूरा योगदान पेंशन फंड में जाना चाहिए !
सरकार को अपना योगदान 1.16% से बढ़ाकर कम से कम 2.00% करने पर विचार करना चाहिए ! सरकार अपना योगदान अभी 15,000 वेतन तक सीमित कर सकती है ! और न्यूनतम पेंशन के लिए सब्सिडी भी दे सकती है ! आप व्यावहारिक और रचनात्मक सुझाव दे सकते हैं !