सरकार की तरफ से एक वर्ष में प्रत्येक परिवार को 14.2 KG के 12 सिलेंडर पर सब्सिडी मिल रही है। यदि कोई परिवार इस संख्या से अधिक सिलेंडर लेना चाह रहा हो तो उसको मार्केट रेट पर सिलेंडर लेना पड़ेगा। गैस सिलेंडर का रेट हर माह बदलता है किंतु काफी बार सिलेंडर न मिलने की भी खबर आई है।
इस स्थिति में ये भी जान लेना चाहिए कि आपको अकाउंट में रेगुलर सब्सिडी मिल रही है अथवा नहीं? बैंक खाते में सब्सिडी पहुंची है तो इसको जानने में बैंक जाने की आवश्यकता नहीं है। थोड़े से स्टेप्स को फॉलो करके घर से ही इस बात की जानकारी ले सकते है।
इंडेन कस्टमर का सब्सिडी चेक करना
- सबसे पहले आपने इंडेन गैस की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना है।
- होम पेज में दाई तरफ गैस कंपनियों के गैस सिलेंडर की इमेज दिखेगी। आपको सर्विस प्रदाता की इमेज चुनना है।
- नया पेज खुलने पर यहां “Give Your Feedback Online” को चुनना है।
- नए विंडो में अपने सिलेंडर के इमेज को चुनना है।
- नए पेज में “Subsidy Related (PAHAL)” को चुनने पर 3 विकल्प प्राप्त होंगे।
- इनमे से “Subsidy Not Received” को चुनना है।
- अगले पेज में अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर या LPG ID को दर्ज करके “सबमिट” करें।
- अब आप जानकारी पाएंगे कि पिछले 5 सिलेंडर पर कितने पैसे भुगतान हुए और आपने कितने पैसे वापस पाए।
- यदि सब्सिडी न मिली हो तो आपने “Select” विकल्प को चुनकर अपनी कंप्लेंट दाखिल करी होगी।
HP और भारत गैस के कस्टमर ऐसे चेक करें
- सबसे पहले आपने ऑफिसियल वेबसाइट को ओपन करना है।
- होम पेज के दाई तरफ गैस सिलेंडर की इमेज को चुने।
- नए पेज में रजिस्ट्रेशन करना पड़ेगा, नए यूजर को “New User” विकल्प को चुनना पड़ेगा।
- इसमें उपभोक्ता संख्या और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर दर्ज करके “Continue” विकल्प चुनना है।
- अपनी यूजर आईडी और पासवर्ड को जेनरेट करके “Sign In” विकल्प चुनें।
- यूजर आईडी, पासवर्ड और कैप्ट्चा कोड दर्ज करके “Login” बटन दबाए।
- पेज के बाई तरफ “View Cylinder Booking History” ऑप्शन दिखेगा।
- सिलेंडर के लिए कितने रुपए भुगतान किए है और आपने कितने रुपए पाए है, इसकी डीटेल्स दिखेगी।
- सब्सिडी न मिलने पर आपने “Complaint/ Feedback” से अपनी कंप्लेंट दर्ज करनी है।
सब्सिडी रुकने की वजह
यदि किसी कस्टमर को गैस सिलेंडर की सब्सिडी न मिल रही हो तो ये आधार कार्ड को लें न करने से होने की संभावना है। विभिन्न प्रदेशों में गैस सब्सिडी की दर अलग रहती है। जिनकी वार्षिक आय 10 लाख रुपए या ज्यादा हो तो उनको सब्सिडी नहीं मिलेगी। याद रखे, ये 10 लाख रुपए की आय पति-पत्नी की आय को मिलाकर हो सकती है।