अंग्रेजों ने अपने कार्यकाल में देश के कई महत्वपूर्ण स्थानों पर रेलवे लाइन व स्टेशन का निर्माण कर दिया था। आज हम आपको उत्तरप्रदेश के सबसे पुराने रेलवे स्टेशन के बारे में जानकारी दे रहे है।
भारतीय रेलवे का इतिहास अंग्रेजों के जामने से है। जहां पर शुरुआत से ही रेलवे परिवहन का अहम साधन है। अंग्रेजों के जमाने में भी एक जगह से दूसरी जगह यात्रा करने व माल ढुलाई में रेल का प्रयोग किया जाता था।
इसके चलते अंग्रेजों ने अपने कार्यकाल में देश के कई महत्वपूर्ण स्थानों पर रेलवे लाइन व स्टेशन का निर्माण कर दिया था। आज हम आपको उत्तरप्रदेश के सबसे पुराने रेलवे स्टेशन के बारे में जानकारी दे रहे है
अंग्रेजों के जमाने में बना यह रेलवे स्टेशन आज भी रेल तंत्र का सेंटर प्वाइंट बना हुआ है। जहां पर देश के विभिन्न हिस्सों से निकलने वाली ट्रेन इस शहर व रेलवे स्टेशन से होकर निकलती है।
यूपी के सबसे पुराने रेलवे स्टेशन के बारे में बात की जाए तो सबसे पहला रेलवे स्टेशन 29 मार्च 1930 को बनकर तैयार हुआ था। यह रेलवे स्टेशन उत्तरप्रदेश के महत्वपूर्ण शहर कानपुर सेंट्रल है। अब फिलहाल यह रेलवे स्टेशन कानपुर शहर के मध्य में आ गया है।
इस रेलवे स्टेशन से ही ट्रेनों का संचालन होता था। आपको बता दे कि कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन अपने इतिहास के हिसाब से अब भी काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस रेलवे स्टेशन पर अब भी रेलवे अधिकारियों के प्रशिक्षण देने में प्रयोग किया जाता है। उस जमाने में उत्तर भारत का सबसे पहला रेलवे स्टेशन था।
26 साल में बनकर तैयार हुई थी रेलवे लाइन
1859 में प्रयागराज से कानपुर तक रेल लाइन बिछाने का काम शुरू हुआ था और 1885 में कानपुर रेलवे स्टेशन बनकर तैयार हुआ। कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन, हावड़ा जंक्शन और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के बाद देश का तीसरा सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन है।
कानपुर रेलवे स्टेशन का पहले कावनपुर
अंग्रेजों के जमाने में जब इस रेलवे स्टेशन का निर्माण किया गया था तो उसका नाम ‘कावनपुर’ रखा गया था। जहां पर आजादी के समय तक इस रेलवे स्टेशन का नाम कावनपुर ही चलता रहा, लेकिन बाद इसका नाम बदल दिया गया। शहर का केंद्रीय केंद्र होने के कारण रेलवे स्टेशन का नाम ‘कानपुर सेंट्रल’ रखा गया।