Indian Railway: भारतीय रेलवे की विशालता के अंतर्गत अनेक ट्रेनें विभिन्न श्रेणियों में सेवाएं प्रदान करती हैं। इनमें से स्लीपर और जनरल कोच की तुलना में एसी कोच का किराया अधिक होता है, लेकिन एक ट्रेन ऐसी भी है, जिसका नाम है ‘गरीब रथ’, जिसे गरीबों की ‘राजधानी एक्सप्रेस’ कहा जाता है। इस ट्रेन की खासियत यह है कि यह फुल एसी कोच वाली सबसे सस्ती ट्रेन है, जिसका किराया इतना कम है कि हर वर्ग के लोग इसमें सफर कर सकते हैं।
कम किराये में लक्जरी सफर का अनुभव
गरीब रथ का किराया महज 68 पैसे प्रति किलोमीटर है, जो कि राजधानी और शताब्दी जैसी प्रीमियम ट्रेनों की तुलना में बहुत कम है। इस ट्रेन के जरिए यात्रियों को एसी कोच में सफर करने का मौका मिलता है, वो भी एक बेहद किफायती दर पर।
शुरुआत और विस्तार
साल 2006 में शुरू हुई यह ट्रेन पहली बार बिहार के सहरसा से अमृतसर के बीच चलाई गई थी। आज यह ट्रेन देश के 26 विभिन्न रूटों पर संचालित होती है, जिसमें दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-चेन्नई, पटना-कोलकाता जैसे प्रमुख मार्ग शामिल हैं। इस ट्रेन में हमेशा यात्रियों की भीड़ बनी रहती है और कंफर्म टिकट मिल पाना कठिन होता है।
रफ्तार और किराये की तुलना
गरीब रथ एक्सप्रेस की गति अन्य हाई-स्पीड ट्रेनों की तुलना में कम हो सकती है, लेकिन यह अपने सस्ते किराए के जरिए यात्रियों को संतोषजनक सेवा प्रदान करती है। इसका सफर अधिक समय लेता है, परंतु किराये में यह बहुत ही आर्थिक विकल्प प्रदान करती है।
सुविधाओं की उपलब्धता और कमी
गरीब रथ ट्रेन की शुरुआत गरीब और निम्न आय वर्ग के यात्रियों को एसी कोच में सफर करने का अनुभव प्रदान करने के लिए की गई थी। इसलिए इसमें उपलब्ध सुविधाएं अन्य प्रीमियम ट्रेनों की तुलना में कम हैं, लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य अधिकतम लोगों को सुविधाजनक सफर प्रदान करना है।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
गरीब रथ ट्रेन ने न केवल यात्रा के खर्चे को कम किया है, बल्कि यह भारतीय रेलवे के अंतर्गत एक सफल पहल के रूप में उभरी है, जो आम आदमी को बेहतर और सस्ती यात्रा सेवाएं प्रदान करने का प्रयास करती है। यह ट्रेन गरीबों के लिए न केवल एक संसाधन है बल्कि एक संभावना भी है कि वे भी समाज में उचित स्थान प्राप्त कर सकें और अपने जीवन में सुधार ला सकें।