Indian Railway: भारतीय रेलवे जो कि देश में यात्रा करने का एक प्रमुख और किफायती माध्यम है। हर दिन करोड़ों यात्रियों को अपनी सेवाएँ प्रदान करता है। इस व्यापक उपयोग के बावजूद यात्रियों को कई बार ट्रेनों में अनुभव होने वाली कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
जिसमें धूम्रपान करना एक प्रमुख शिकायत है। यह न केवल सह-यात्रियों के लिए असुविधा का कारण बनता है। बल्कि स्वास्थ्य जोखिमों को भी बढ़ाता है।
धूम्रपान पर कानूनी प्रतिबंध और नियम
रेलवे अधिनियम की धारा 167 के अनुसार ट्रेन के डिब्बों में धूम्रपान करना पूरी तरह से निषिद्ध है। इसमें सिगरेट, बीड़ी, चिलम आदि सभी प्रकार के धूम्रपान पदार्थ शामिल हैं। ट्रेन के अंदर किसी भी प्रकार की माचिस जलाना या अन्य ज्वलनशील पदार्थ का इस्तेमाल करना भी प्रतिबंधित है।
जुर्माने और दंड के प्रावधान
अगर कोई यात्री ट्रेन में धूम्रपान करते हुए पकड़ा जाता है, तो उस पर रेलवे अधिनियम के तहत जुर्माना लग सकता है। इसकी राशि 100 रुपये से लेकर 500 रुपये तक हो सकती है। इस प्रकार की कार्रवाई न केवल व्यक्ति को दंडित करती है बल्कि अन्य यात्रियों को भी ऐसे कृत्यों से बचने के लिए प्रेरित करती है।
शिकायत करने की प्रक्रिया
यदि आप किसी को ट्रेन में धूम्रपान करते हुए देखते हैं, तो आप इसकी शिकायत ट्रेन के कप्तान या टिकट कलेक्टर से कर सकते हैं। आपके द्वारा रेलवे हेल्पलाइन नंबर 139 पर भी इसकी सूचना दी जा सकती है। जिससे तुरंत कार्रवाई की जा सकती है।
धूम्रपान मुक्त वातावरण की ओर रेलवे के कदम
भारतीय रेलवे ने धूम्रपान मुक्त वातावरण को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न अभियान चलाए हैं। रेलवे स्टेशनों पर धूम्रपान निषेध क्षेत्र चिन्हित किए गए हैं और यात्रियों को धूम्रपान न करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए प्रचार सामग्री वितरित की जाती है। इसके जरिए रेलवे यात्रियों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के साथ-साथ सभी के लिए एक सुरक्षित यात्रा अनुभव सुनिश्चित करने का प्रयास करता है।