Indian Railways Revenue: भारतीय रेलवे, जो दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. हर दिन लाखों यात्रियों को उनकी मंज़िल तक पहुँचाता है. देश के हर कोने को जोड़ने वाला यह नेटवर्क केवल यात्रा नहीं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी अहम योगदान देता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत की ऐसी कौन सी ट्रेन है. जिससे रेलवे को सबसे ज्यादा कमाई होती है?
वंदे भारत नहीं, राजधानी एक्सप्रेस है सबसे कमाऊ ट्रेन
अक्सर लोग मानते हैं कि वंदे भारत एक्सप्रेस या शताब्दी एक्सप्रेस सबसे मुनाफेदार ट्रेनें होंगी, लेकिन सच्चाई यह है कि भारतीय रेलवे की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली ट्रेन है राजधानी एक्सप्रेस. खासतौर पर केएसआर बेंगलुरु राजधानी एक्सप्रेस. जिसे अमीर ट्रेन भी कहा जाता है.
केएसआर बेंगलुरु राजधानी एक्सप्रेस से हुई बंपर कमाई
नई दिल्ली से बेंगलुरु के बीच चलने वाली केएसआर बेंगलुरु राजधानी एक्सप्रेस ने वित्त वर्ष 2022-23 में सबसे ज्यादा 1,760.67 करोड़ रुपये की कमाई की. इस दौरान इस ट्रेन से 5,09,510 यात्रियों ने सफर किया. यह ट्रेन भारतीय रेलवे के लिए राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत साबित हुई है.
दूसरे स्थान पर सियालदह राजधानी एक्सप्रेस
कोलकाता (सियालदह) से नई दिल्ली के बीच चलने वाली सियालदह राजधानी एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 12314) ने भी शानदार कमाई की. वर्ष 2022-23 में इस ट्रेन ने 5,09,164 यात्रियों को गंतव्य तक पहुँचाया और 1,288 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की.
डिब्रूगढ़ राजधानी तीसरे स्थान पर
नई दिल्ली से डिब्रूगढ़ के बीच चलने वाली राजधानी एक्सप्रेस ने भी रेलवे को अच्छा खासा मुनाफा दिया. 4,74,605 यात्रियों ने इस ट्रेन में सफर किया और इससे रेलवे को 1,262.9 करोड़ रुपये की आय हुई.
चौथे नंबर पर मुंबई राजधानी एक्सप्रेस
नई दिल्ली से मुंबई सेंट्रल के बीच चलने वाली राजधानी एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 12952) भी कमाई के मामले में पीछे नहीं रही. इस ट्रेन से 4,85,794 यात्रियों ने यात्रा की और 1,228.4 करोड़ रुपये की कमाई दर्ज की गई.
एक और डिब्रूगढ़ राजधानी ने भी दी बड़ी कमाई
डिब्रूगढ़ से चलने वाली एक अन्य राजधानी ट्रेन भी इस सूची में शामिल है. इस ट्रेन ने वर्ष 2022-23 में कुल 1,168.8 करोड़ रुपये की कमाई की. जिससे यह देश की पांचवीं सबसे कमाऊ ट्रेन बन गई है.
कमाई का यह आंकड़ा क्या दर्शाता है?
इन आंकड़ों से यह साफ होता है कि राजधानी ट्रेनों की गति, सेवा गुणवत्ता और रूट की मांग के कारण यात्रियों में उनकी लोकप्रियता लगातार बनी हुई है. ये ट्रेनें लंबी दूरी के यात्रियों के लिए पहली पसंद बन चुकी हैं और रेलवे को भारी राजस्व दिला रही हैं.
