पिछले कुछ दिनों में बसों में वीसीआर के जरिए फिल्में प्ले हुआ करती थी इस फिल्म को देखते देखते रास्ता कब गुजर जाता जाता था पता ही नहीं चलता था। जिनका स्टॉप नजदीक होता था वह फिल्म को पूरा नहीं देख पाते थे। लेकिन जिन लोगों का सफर दूर होता था वह फिल्म का मजा ले लेते थे। पहले की फिल्में 3 घंटे की हुआ करती थी जो अब दो या ढाई घंटे की होती है लेकिन एक फिल्म ऐसी भी है जो साढ़े तीन घंटे से भी ज्यादा समय की जिसे देखते देखते आप कब दिल्ली से दुबई पहुंच जाएंगे पता नहीं चल पाएगा। इस फिल्म का नाम संगम है। जिसमे उस दौर के 3 बसे स्टार्स का पता चलता है।
यह फिल्म है बेहद लाजवाब
आपको बता दे, साल 1964 में आई संगम में राज कपूर, वैजयंती माला और राजेंद्र कुमार एक साथ में दिख रहे थे यह फिल्म एक म्यूजिकल लव ट्रांएगल है जो 3 घंटे से काफी ज्यादा लम्बी है इस फिल्म की ड्यूरेशन 3 घंटे 58 मिनट है। अगर आप दिल्ली से दुबई के सफर के दौरान इस फिल्म को देखने बैठते है तो न जाने कब आपका रास्ता पूरा हो जाता है, और इसके बावजूद भी थोड़ी फिल्म बच जाती है इस फिल्म में सुंदर,राधा और गोपाल के बीच का लव ट्राएंगल थी। जिसमें राधा और गोपाल एक दूसरे को प्यार करते है लेकिन राधा की शादी सुंदर से हो जाती है इसके बाद जब दोनों में इश्क पनपता है लेकिन सच्चे प्यार के शक की गुंजाईश खत्म हो जाती है।
नरगिस को लेना चाहते थे राज कपूर
जब राजकपूर इस फिल्म की प्लानिंग कर रहे थे वह दिलीप कुमार और नरगिस को लेना चाहते थे जिसमें गोपाल यानि की राजेंद्र कपूर वाला रोल दिलीप कुमार को करना था। और राधा यानी कि वैजयंती माला वाला रोल करना था नरगिस को करना था। लेकिन जब यह ठीक से बथ नहीं पाया तो राज कपूर ने फिल्म वैजयंती माला और राजेंद्र कुमार के साथ बनाई। इस फिल्म ने 12 वें फिल्म फेयर ने कई अवॉर्ड जीतेऔर बंगाली फिल्म जर्नलिस्ट एसोसिएशन अवॉर्ड भी जीते।